RE: xxx Kahani नौकरी हो तो ऐसी
फिर 2 जने एक चार पाई पे बैठ गये और प्रिन्सिपल मेरे पास बीच मे थोड़ी
जगह छोड़ के बैठ गये…
मैं बोला “सालो ये क्या लगाए रखा है …कमीनो पैसो का बोलो नही तो…”
प्रिन्सिपल बोले “अरे हम आपको ऐसे चीज़ चखाने वाले है कि आप सब कुछ भूल जाओगे बाबूजी….” मैं एक नौकर होके भी सेठ जी का नौकर इसलिए मुझे प्रिन्सिपल भी बड़े आदर सम्मान से बाबूजी कह रहा था
वो आगे बोला “पर इस चीज़ के बदले आपको हमे 1 महीने की मुहल्लत देनी होगी…”
मैं अभी भी चार पाई पे ही बैठा था
उतने मे दूसरा शिक्षक बोला "चीज़ नही प्रिंसिपलजी चीज़े बोलो...."
प्रिन्सिपल : अरे हां मैं तो भूल ही गया... चीज़ें एक नही दो दो.. पर हां
ये आप पे निर्भर है कि आपको पहली चीज़ चाहिए कि दूसरी....
मैं : भोसड़ीवालो, मदर्चोदो पहले दिखाओ तो सही कौनसी चीज़े है तुम्हारे पास
प्रिन्सिपल: जाओ ज़रा नीचेसे ले आओ अपनी चीज़े दिखा ही देते है बाबूजी को
मुझे शक हो रहा था साले लोग कहीसे रंडिया तो पकड़ के नही लाए है मुझे खुश करने के लिए पर जब मैने सामने देखा, दो कमसिन, कूट कूट के भरी जवानी और भरा बदन, एकदम गरम माल मेरे सामने आ रही थी...
वो दोनो हमारे सामने खड़ी हो गयी और वो शिक्षक फिरसे चार पाई पे बैठ गया
2 मस्त माल हमारे साथ खड़ी थी... दोनो मस्त नटखट सी मुस्कुरा रही थी.... उनकी गांद का घेराव सामने से देख के भी मेरे लंड राजा पागल हो गये, जब उन्हे छुएँगे तो पता नही क्या होता... दोनो लाल रंग की कामोत्तेजक कमीज़ पहनी हुई, नीचे बस छोटी सी
चड्डी, जो घुटनो तक भी नही पहुच रही थी.... गोरी और मस्त मोटी मोटी जंघे दिमाग़ मे हलचल मचाने लगी...
दोनो के दूध जैसे पेड़ पे लगे हुए आम की तरह दिख रहे थे एकदम नोकिले आकार बनाए हुए कमीज़ से सीधे मेरे तरफ निशाना साध रहे थे....
तब भी मैं बोला : मैं रंडियो को नही चोद्ता सालो...
उतने मे एक शिक्षक ने उंगली दिखाते हुए बोला : अरे रंडिया नही ये प्रिन्सिपल की बड़ी बेटी और ये छोटी बेटी है...
मैं सुनके दंग रह गया.... साला मतलब ये भी बहुत बड़ा कमीना है......
उतने मे वो शिक्षक खड़ा हुआ और प्रिन्सिपल की बड़ी बेटी के गांद पे हाथ फेरते हुए बोला : “ये देखो ये है बड़ी बेटी...रचना. मस्त माल है एकदम...
हम सब ने इसको बहुत चूसा और चोदा है...अब तक बहुतो का ले चुकी है
हमारे आशीर्वाद से... बहुत मेहनती और गरम माल है....रचना…. एक बार चोदोगे तो दूसरे दिन चोदे बिना रह नही पाओगे..... “
वो कमीना रचना के मस्त मस्त दूध को दबाते दबाते मस्त बात कर रहा था – “देखो अभी तुम्हे सेठ जी ने भेजा है पैसा निकलवाने के लिए पर पैसा हमारे पास तो है नही..... अभी बात ऐसी है कि हम सेठ जी को ये माल दिखा नही सकते... “
दिखाया तो उलटे हमे ही कोडें पड़ेंगे.... अभी आप ही देखिए कुछ हो सके तो... बस आपके हाथ मे है सब कुछ....इसको आज रात चोदो
और हमे एक महीने की मुहल्लत दिलवा दो सेठ जी से...
मैं सोचने लगा साले कामीने, बहेन और बेटी चोद है..... कामीनो ने कमज़ोरी पे ही हाथ मारा है
मैं बोला "ठीक है मैं कर लूँगा एक महीने का...."
उतने मे प्रिन्सिपल बोला "हम आपको इतना अच्छा तो नही जानते कि सेठ जी आपके कितने करीब है और नही .... पर इससे अच्छा एक सुज़ाव है अगर आप चाहे तो ....."
मैं बोला "क्या ...अपनी मा चोद रहा है??? बोल चुतिये....."
प्रिन्सिपल अपनी छोटी बेटी के पास गया वो मस्त नटखट हस रही थी... और होंठो को एक दूसरे पे फेर के वातावरण को गरमागरम बना रही थी
उसको पीछे से जाके उसने मस्त कस्के पकड़ के बोला : “ये मेरी छोटी बेटी है..रीना... हर दिन रात मेरा मूह मे लेके चुसती है.... चुदने के लिए पूरी तैय्यार है ....देखो कैसे नखरे दिखा रही है .. ये अभी तक बुर से कुँवारी है.... कुँवारी समझते हो ना
अभी तक इसने अपनी बुर मे किसी का नही लिया है अगर तुम चाहो तो.... “
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