RE: xxx Kahani नौकरी हो तो ऐसी
जिन शिक्षको को सेठ जी ने पैसे दिए थे वो असल मे सेठ जी के छोटे बेटे मास्टर जी के ही जान पहचान के थे…. इलाक़े मे इतना आमीर कोई था नही जो जब चाहे पैसे दे तो उन लोगो ने सेठ जी से पैसे लिए थे….. जिसका बोझ अभी बहुत भारी हो गया
मैने कहा : ठीक है सेठ जी मैं जाता हू….
सेठ जी: अच्छे डराना धमकाना…. तुम अभी इस घर के एक सदस्य हो…. वो काम होने के बाद सीधा गोदाम मे आ जाना ….कुछ नया माल आया है वो गाव की मार्केट मे व्यापारियोको बेचा है …और उसके हिसाब की लिखावट के लिए मुझे तुम्हारी ज़रूरत पड़ेगी
मैने हाँ बोल दिया और निकल पड़ा
मैं जीप मे बैठा और ड्राइवर ने जीप स्कूल की ओर बढ़ा दी
थोड़ी ही देर मे हम स्कूल पहुच गये… स्कूल 12थ कक्षा तक था
हम स्कूल के अंदर आए और मैने एक चपरासी से तीन शिक्षको के बारे मे पूछा तो उसने कहा अभी 5 मिनिट मे इंटर्वल हो जाएगा आप अंदर विशेष शिक्षक कक्षा मे बैठ जाइए… मैने उन्हे यही भेज देता हू.
मुझे मिलनेवाले आदर सत्कार ये पता चल रहा था कि सेठ जी को यहाँ बहुत माना जाता है और उनसे डरते भी है.
शिक्षक कक्षमे मैं अंदर आके बैठ गया और जैसे ही बैठा मैने सामने देखा एक मस्त माल बैठी थी…. सारी और स्लीवेलेस्स ब्लौज मे एकदम फाडु लग रही थी….मस्त सुडौल उँचाई और भरा ताज़ा शरीर…लाल लाल होठ ….कमर तक लंबे खुले बाल… और वो बड़ी गांद का घेराव… मुझे देख के उसने नमस्ते किया और मैने भी नमस्ते किया और वो किताब मे घुस गयी..
मैं मेज पे पड़े पेपर को पढ़ने मे ध्यान देने की कोशिश करने लगा पर मेरा ध्यान उसके गतीले शरीर और गोरे मांसल हाथो पे जा रहा था…. मैने देखा कि उसके दूध बड़े बड़े नही है हाँ पर संतरे की तरह है एकदम कड़क…. जिसकी वजह से सारी भी उनका आकर जो गोल गोल और कड़क था छुपा नही पा रही थी….
मैने हिम्मत करके पूछा “आपका नाम ??”
वो बोली “मैं मालिनी…. यहाँ जो टीचर हैं ना मिस्टर वोहरा…आप जानते होंगे… उनकी पत्नी”
मैने कहा : मैं यहाँ अभी नया हू पर चलो कोई बात नही अभी आया हू तो मिल ही लूँगा
मालिनी हसी और फिरसे किताब मे मूह डाल के पढ़ने लगी
मालिनी को देख के मेरा मन उसके पास जानेको करने लगा
मैं बोला "क्या आप ट्यूशन लेते हो "
मालिनी बोली "नही अभी तक तो नही...."
मालिनी पीठ को सीधे करते हुए पीछे पीठ लगा के चेर से टिक गयी, उसके उत्त्तेजक दूध और कड़क, बड़े एवं गोलाकार दिखने लगे.... लग रहा था जैसे दो ज़्यादा पके बड़े संतरे मेरे सामने रखे हो ...जिनके छिलके मैं निकाल के उनका रास्पान नही कर सकता…क्या मस्त दूध थे मंन कर रहा था कि जाके कस्के पकड़ लू और मूह से मस्त चूस लू...मेरे लंड राजा सलामी पे सलामी दे रहे थे....
मैने थोड़ा सोच के बोला "आप ट्यूशन लेना चाहोगी क्या ...."
मालिनी बोली "मेरे पति अगर हां कह दे तो ले सकती हू"
मैं बोला "सोचो उन्होने हां कह दिया ...."
अपने बालो को पीछे करते हुए, मालिनी ने बोला "ऐसे कैसे तुम्हे जानते नही, पहचानते नही वो हां कह देंगे...
और वैसे तुम्हे किस सब्जेक्ट का ट्यूशन चाहिए...."
मैं बोला "मुझे इंग्लीश का ट्यूशन चाहिए ...बचपन से मेरी इंग्लीश ठीक नही रही"
मालिनी बोली"वो अच्छा ये बात है... पर तुम रहते कहाँ हो..."
मैं "हवेली मे ....सेठ जी के यहाँ"
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