RE: xxx Kahani नौकरी हो तो ऐसी
अब एक नीचे बैठ गया और पॅंटी पाँव से बाहर निकाल के बुर मे घुस गया और उन घने बालो की बनी उस दरार मे अपना मुँह घुसा दिया….. उपर दोनो ने ब्लाउज निकाल दिया और एक एक आम को मुँह मे लेके चूसने लगे…. आअहह आहह की आवाज़ अभी गोदाम मे गूंजने लगी…. उपरके दोनो ने भी अपने हाथ नीचे लाके बुर के बालो को सहलाना शुरू किया… तीन तीन बड़े काले हाथ बुर को घिसने से मैनी जी पूरी पागल हुए जा रही थी … नीचे जो बैठा था उसने बुर के लाल लाल होंठो को चाटने के साथ बुर मे एक उंगली घुसा दी और मस्त अंदर बाहर करने लगा… बुर थूक से चमक रही थी …उपर दोनो निपल्स को अपने मुँह मे भरके चुसते चुसते पप्पिया लेते हुए उम्म्म्म… उम्म्म्मम आवाज़े निकाल रहे थे….
अब उन्होने उसे घोड़ी की तरह झुका दिया और गांद और बुर मे उंगलिया डालना शुरू किया… सामने से एक ने लंड मैनी जी के मुँह घुसा के चुसवाने लगा….
अब एक काले ने मैनी जी को अपने हाथो से उठाया और छोटी बच्ची की तरह उपर उठा कर कमर के उपर तक ले आया… और नीचेसे बराबर निशाना लगा के मैनी जी की बुर मे अपना लॉडा घुसेड दिया…. मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गाइिईईईईईईईईईईईईईई बचााआआआआाआऊऊऊ…. इस जुन्गाआआआआअलिईईए से बचाआााू……. एक दम आवाज़ आई… वो काला लंड नीचे से एक दम बुर मेघुसने के कारण पूरा अंदर तक घुस गया था इस वजह से वो चिल्ला रही थी… और वो कला मैनी जी की एक ना सुनते हुए उनको अपने बड़े काले हाथो मे उठाए लंड पे उपर नीचे करते जा रहा था ….. मैनी जी एक दम बड़ी साँसे ले रही थी… और अपनी आवाज़ को नियंत्रण मे लाने की कोशिस कर रही थी …उस काले ने अब और ज़ोर्से दबा के गपॉगप लंड अंदर बाहर चालू किया और मैनी जी की पीठ को एक अनाज की बोरी से चिपका के झटके मारने लगा…. उसके झटको के प्रहार से मैनी जी की आँख से पानी निकल आया था, वो लगभा कसमसा रही थी… पाँव अकड़ रहे थे …अभी ऐसी चुदाई का अनुभव ना होने के कारण ये सब हो रहा था…..
उस पहले काले ने अपने पूरे लंड को उस कोमल मुलायम बालोसे भरी बुर मे उतार दिया था और घुड़सवारी किए जा रहा था… झटको की गति अचानक बहुत बढ़ गयी…मैनी जी पूरी कोशिश के साथ अपनी आवाज़ पे नियंत्रण पा रही थी … क्यूँ कि उनकी आवाज़े अगर कोई सुन लेता तो पूरा भंडा फुट जाता…. उस काले ने मैनी जी को नीचे उतारा और सारी उपर कर दी…. एक पैर हवा मे उठा के उसे एक हाथ से पकड़ लिया अब मैनी जी के दोनो हाथ सामने वाली बोरी पे थे…. और एक पैर हवा मे और एक ज़मीन पर…. उस काले ने पीछे से आके ज़ोर्से धक्के मारने शुरू किए… मैनी जी के चूतर और दूध बहुत ज़्यादा गति से आगे पीछे हो रहे थे… तभी वो काला रुक गया.. और उसने अपना पानी मैनी जी की चूत के अंदर छोड़ दिया …कुछ पानी नीचे टपकने लगा….
अब दूसरा आया और उपर मुँह करके नीचे सो गया और मैनी जी को लंड पे बिठाया. मैनी जी के हाथ अपने हाथो मे लिए और जमके पकड़के दबा के, नीचेसे बुर मे लंड घुसा दिया और अपनी गांद को उपर हिलाते हुए, उस बहती बुर के अंदर घुसाने लगा….. लंड अंदर घुसते गया… मैनी जी की साँसे बढ़ती गयी थोड़ी देर मे वो भी मैनी जी की बुर के अंदर ढेर हो गया और अब उस सूजी हुई बुर से और ज़्यादा पानी बहने लगा…..
तीसरा भी कहाँ रुकने वाला था उसने मैनी जी की घोड़ी बना दी और सवार हो गया…. मानो जैसे कोई लड़ाई करने जा रहा है ..एक पल मे उसने अपना पूरा लंड मैनी जी की चिकनी फूली सूजी बुर मे घुसा दिया और अपने रथ को बुर की सीमा की तरफ दौड़ने लगा…. ग्ाअपप्प्प्प्प्प…गाप्प्प्पालक्
कक्कक…..पकचह पापक्चह….पचाकककक पकक्ककचहाककक…. आवाज़े आ रही थी…. मैनी जी अभी भी अपनी आवाज़ पे काबू पाई हुई थी … पर उनका शरीर बहुत ही ज़्यादा कसमसा रहा था….. वो एक दम से अकड़ गयी थी … इसलिए एक ने आके मैनी जी की गांद को फैलाया और फिर तीसरे ने अपने धक्के फिरसे पूर्ववत करारे झटके मारने शुरू किए…. उपर से बुर एक दम लाल लाल और फूली हुई दिख रही थी… इन काले लुंडो का प्रहार उससे सहा नही जा रहा था….. आख़िर मे तीसरा भी गिर पड़ा उसने पूरा वीर्य अंदर तक छोड़ दिया….. मैनी जी के बुर के बाल पूरे सफेद लग रहे थे उनपे पूरा वीर्य जम गया था…. और सब बाल एक दूसरे से चिपक गये थे अभी घोड़ी अवस्था मे होनेके कारण तीनो का रस मैनी जी की बुर से नीचे गिर रहा था…..
क्रमशः...................
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