RE: xxx Kahani नौकरी हो तो ऐसी
ठीक से लाइट नही होने के कारण किसी के चेहरे अच्छे से नही दिख रहे थे. फिर सब लोग 3 गाडियो मे बैठ गये. लग भग 8.30 बज चुके थे. मेरी गाड़ी मे ड्राइवर जो आगे बैठा जिसके साथ सेठ जी बैठे थे. मैं बीच मे राव साब, वकील बाबू और कॉंट्रॅक्टर बाबू के साथ बैठ गया और पीछे 2 बहू जिनको मैं देख नही पा रहा था और समझ नही पा रहा था कि कौन किसकी बीवी है वो और 2 नौकरानी के साथ बैठ गयी. आज चौथी गाड़ी मे खराबी होने के कारण 1 कार और 2 बड़ी गाडिया ही निकाली थी और सब लोग दबकर बैठे थे
सब गाड़िया निकल पड़ी और कच्चे रास्ते से पक्के रास्ते पे लग गयी…
गाड़ी की लाइट खराब होने के कारण किसिको कुछ नही दिख रहा था, कभी कभी 5 मिनट बाद कोई गाड़ी सामने से जाती तो थोड़ी लाइट आ जाती.. लगभग 15 मिनट के बाद हम ने देखा कि हमारे साथ जो कार थी वो रास्ते मे एक बाजू खड़ी है और देखा कि उसमे बैठे सब लोग बाहर खड़े हैं …हम उतर गये और देखा तो गाड़ी का टाइयर पंक्चर हो गया था
सेठ जी आगे जाके बोले “साले तुम लोग कभी नही सुधरोगे मैं 10-15 दिन शहर क्या चला गया तुम लोगो ने गाडियो की देख भाल करनी छोड़ दी”
इतना कह के सेठ जी ने बोला कि सब लोग बाकी बची 2 गाडियो मे अड्जस्ट हो जाओ फिर सेठानी सेठ जी की बगल मे हमारी गाड़ी मे बैठ गयी… और उनके साथ वाली बहुए दूसरी गाड़ी मे बैठ गयी अभी सिर्फ़ वकील बाबू की लड़की बची थी,
तभी कॉंट्रॅक्टर बाबू बोले “तुम हमारी गाड़ी मे आ जाओ”
और उसे हमारी गाड़ी मे ले लिए पीछे भी जगह नही थी और आगे पूजा का बहुत सारा समान था , सेठ जी सेठानी के बैठने के कारण उधर भी पॅक हो गया था.
फिर वकील बाबू बोले “आओ बेटी मेरे उपर बैठ जाओ”
वकील बाबू की लड़की उनकी गोद पे बैठ गयी. जो मेरे से दो सीट दूर बैठे थे. फिर गाड़ी चालू हुई और आगे का सफ़र कटने लगा
मुझे नींद नही आ रही थी लेकिन मैने आखे बंद कर ली और सोने की कोशिश करने लगा, थोड़ी देर होते ही मुझे थोड़ी हलचल सी लगने लगी, मैं क्या हो रहा है ये देखने की कोशिश करने लगा लेकिन जैसे कि पूरा अंधेरा था क्या हो रहा है समझ नही आ रहा था…मैने सोने का नाटक चालू ही रखा था तभी सामने से एक गाड़ी गयी और गाड़ी के अंदर थोड़ी सी रोशनी हुई तो मैने देखा कि, वकील बाबू की लड़की की पॅंटी नीचे सर्की हुई है और उसकी चुचिया पे राव साब के हाथ है, इधर कॉंट्रॅक्टर बाबू का तंबू बना दिख रहा था और हलचल अभी ज़रा ज़्यादा तेज़ होते हुए दिखने लगी… मुझे अभी अंधेरे मे भी थोड़ा थोड़ा दिखने लगा था …राव साब के हाथ वकील बाबू की लड़की को दबा रहे थे और वकील बाबू नीचे से अपने लंड को कुछ कशमकश के साथ अड्जस्ट कर रहे थे जो कि हो नही रहा था ऐसे उनके चहरे से भाव दिख रहे थे, मैने गाड़ी के काँच पर अपना सर टिका दिया, थोड़ा सा आगे सरक गया और अपना सर आगे से नीचे करके ..और चुपके से एक आँख खोल के तिरछी नज़र से देखने लगा…..
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