RE: xxx Kahani नौकरी हो तो ऐसी
नौकरी हो तो ऐसी --2
गतान्क से आगे......
बहू बोली "नही बताउन्गि….परंतु 1 शर्त पर…." मुझे पता था ये मुझसे चुदवाना चाहती है बहू बोली "तुम्हे मेरे सामने सासुमा को चोदना होगा….और वो भी आज अभी" ये सुनके हम लोग दंग रह गये. मुझे लगा ये चुदवाने की बात करेगी परंतु इसे तो देखने आनंद लेना था. सेठानी बोली "तू ये क्या बकवास कर रही है बहू…ये नही होगा" "तो ठीक है मैं चली ससुरजी के पास" मैं बोला "नही नही ….हम प्रयत्न करेंगे …परंतु अभी नही रात को…" बहू बोली "तो ठीक है आज तुम रात को मेरे सामने मेरी प्यारी चुड़दकड़ सासू मा को चोदोगे" सेठानी कैसे तैसे राज़ी हो गयी. और सेठानी के बहू ने मेरे गाल का अचानक से चुम्मा ले लिया.
4 बजे हम लोग कॉमपार्टमेंट मे पहुचे. तो सेठ जी पहले से सो रहा था. 7 बजे के लगभग टाइम हमने कॉमपार्टमेंट मे डिसाइड कर लिया कि रात को 2-3 नींद की गोली पानी मे मिलाके के सेठ को सुला दिया जाएगा और बाद मे हमारा प्रोग्राम होगा. लगभग 8 बजे खाना आनेवाला था. उतने मे सेठ जी उठ बैठे और बोले "अरे मेरी कब आँख लगी पता ही नही चला…बड़ा अच्छा मौसम है आज ….बहुत आनंद आ रहा है सफ़र का …मेरी नींद भी बहुत अच्छी हुई है …अभी मुझे रात को जल्दी नींद नही आएगी" और फिर सो गया ये सेठ कब सोता कब जागता कुछ समझ नही आ रहा था.
मैं मन ही मन मे बोला "दिन तुम्हारे लिए नही मेरे लिए मस्त है..और ये सब आप की देन है..और नींद आपको तो हम चाहे तब आएगी आप आगे देखो होता है क्या.." इतने मे बच्चा रोने लगा तो सेठ की बहू ने उसे गोद मे लिया और उसे दूध पिलाने के लिए अपने पीले कलर के तंग ब्लाउस के बटन खोलने लगी. उसकी चुचिया दूध से भरी होने के कारण स्तनो के घेराव आकार मे बहुत बड़े नज़र आ रहे थे. जैसे लग रहा था कि तरबूज रखे हो ब्लाउस मे. उसने बटन खोल के एक निपल बच्चे के मूह मे डाल दिया. और बच्चा शांति से दूध पीने लगा. सेठ जी की बहू ने जानते हुए भी कि ये लोग बैठे है…बात को अंजाना करते हुए घूँघट नही लिया और बच्चे को दुख पिलाने लगी. उसके वो गुलाबी कलर का निपल देख के मेरे शरीर मे ज्वालए उत्पन्न हो गयी. मेरा लंड 1 क्षण मे पूरा 10 इंच टाइट हो गया. ये बात सेठानी की आँखो ने भाप ली और बहुने भी ….और दोनो एक दूसरे के आँखोमे देखकर मुस्कुराने लगी. इधर मैं लज्जित होते जा रहा था. क्यू की मैं मेरी इच्छा को कंट्रोल नही कर पा रहा था और लंड के रूप मे उसके सबको दर्शन दिला रहा था. सेठानी और सेठानी की बहू पहले आँख मिलाने मे थोड़े हड़बड़ा रहे थे. पर कहते है ना चुड़क्कड़ औरतो की शर्म लज्जा 1 क्षण के लिए होती है….थोड़ी ही देर मे दोनो मेरी तरफ देखकर मेरी तंग पॅंट से दर्शन दे रहे मेरे लंड को घुरे जा रही थी …और मन ही मन मे आनंदित हो रही थी. उधर सेठ जी ऐसे सोया था जैसे स्वर्ग मे सोया हो. और इधर उसकी घरवालिया गुल खिला रही थी. इतने मे खाना आ गया फिर सेठ जी नींद से उठ गये. फिर हम लोग बीच टेबल की तरह रचना करके खाने के लिए बैठ गये. खाने का 1 नीवाला मेरे मूह मे जाने ही वाला था कि मैने मेरी पॅंट पे हाथ का स्पर्श महसूस किया. सेठानी की बहू ने बाया हाथ मेरे टांग पे रख दिया. इधर सेठानी ने भी अपनी हरकते शुरू कर दी और वो मेरे बाजू मे खिसक के मेरे दाए साइड चिपक गयी.
सेठ जी को होश ही नही था कि क्या चल रहा है बेचारा बूढ़ा मटक मटक आवाज़ निकाल के खाना खाते जा रहा था. जैसे कि मेरा 1 हाथ खाली था सेठानी की बहू मेरा हाथ पकड़ लिया और अपनी जाँघ पे घिसने लगी और फिर अपनी चूत के पास ले जाकर मुझे चूत को दबाने का इशारा करने लगी. मैने चुपके से दोंनो को सेठ जी की तरफ इशारा किया …तो दोनो ही हस पड़ी ….सेठानी की बहू मेरे कानो मे बोली "बूढ़े को श्याम और रात मे बहुत कम दिखता है…तुम चिंता मत करो." और फिर मेरा हाथ चूत पे दबाने लगी. मैने बहू की सारी नीचे से उपर खीची और अंदर हाथ डाल दिया. ये हरकत देखकर सेठानी मुस्कुराइ और बोली "आराम से खाना खाना …बहुत भाग दौड़ है (होनेवाली है) आज तुम्हारी. " और दोनो भी हस्ने लगी. मैने बहू की चूत के अंदर 1 उंगली डाल दी.चूत बहुत ही ढीली और नाज़ुक लग रही थी. मैने दूसरी उंगली डाल दी. और अंदर बाहर करने लगा तो बहू अपना नीचे का होंठ दाँत तले दबाने लगी और लंबी सासे लेने लगी. इतने मे सेठानी बोली "ज़रा हमे भी उस सब्जी का मज़ा चखाओ..दिखाओ इधर कैसी है टेस्ट मे " उस रंडी का मतलब बहू के चूत से निकल रहे रस के ओर था. मैने कहा "हाँ क्यूँ नही क्यू नही" इतने मे सेठ जी खाना ख़ाके हाथ धोने के लिए बाथरूम की तरफ चल दिए और मैने अपनी उंगली सेठानी के मूह मे डाल दी उसने उसे चटाना शुरू किया. और मैने मोके फ़ायदा उठाते हुए फटक से बहू के ब्लाउस के बटन खोले और एक निपल मूह मे ले लिया..और चूसने लगा तो सेठानी बोला "सिर्फ़ चॅटो, चूसो नही …दूध तुम्हारे लिए नही बच्चे के लिए है." मैं सिर्फ़ मुस्कुराया और ज़ोर से निपल को चूसना शुरू कर दिया.
|