RE: Hindi Porn Stories नीता की खुजली
रमेश किचन मे उसके पिछे गया. वो सींक पे खड़ी बर्तन धो रही थी. उसकी उभरी
हुई गांद मे सिमटी हुई पॅंटी उसके पेटिकोट से छ्लक रही थी. उसका नंगी पीठ
जैसे रमेश को इन्वाइट कर रही थी.
?आप मेरे साथ पिक्चर कब बनाओगी? काम से फ़ुर्सत कहाँ है आपको?? कहते हुए
रमेश ने उसके पेट पे हाथ फेरा और उसकी गांद पे अपना लंड चिपका दिया.
?थोडा सब्र करो, सब्र का फल मीठा होता है? कहते हुए कमला थोड़ा झुकी
बर्तन धोने का बहाना करते हुए और उसके लंड पे अपनी गांद का दबाव बढ़ा
दिया.
रमेश वासना की आग मे जल रहा था. कमला की ये हरकत देख कर उसका सब्र का
बाँध टूट गया. उसका एक हाथ सीधा उसके पेटिकोट के अंदर उसकी चूत पे चला
गया और दूसरा पंजा उसके मम्मे पर. जो हाथ उसके पेटिकोट मे गया था उसकी
उंगलियों को सीधा उसकी चूत की फाँक का स्पर्श मिला और एक उंगली फाँक मे
चली गई.
?ये किधर हाथ डाल दिया? कहते हुए कमला ने उसका हाथ खींचा. रमेश डर गया और
अपना हाथ बाहर निकाल लिया. अब उसने अपना हाथ उसकी नाभि और पेटिकोट के बीच
सहलाना शुरू कर दिया. दूसरा हाथ अभी भी उसके मम्मे दबा रहा था ?उपर के
लिए तो आपको कोई ऑब्जेक्षन नही है ना? कहते हुए रमेश उसकी गर्दन पे किस
करने लगा.
रमेश के गीले होठों का स्पर्श गर्दन पर पड़ते ही कमला सिहर गई. रमेश उसके
मम्मे दबा दबा कर उसकी गर्दन चूमने लगा. कमला ने काम बंद कर दिया और सींक
पकड़ कर खड़ी हो गई. सिर्फ़ अपनी गांद पिछे करके खड़ी रही. उसने रमेश पे
सब छ्चोड़ दिया.
धीरे धीरे रमेश का हाथ उसकी जाँघ पर आ गया और पेटिकोट के उपर से उसकी
फूली हुई चूत को मसल्ने लगा. ?अब बस भी करो ना.? कहते हुए कमला ने उसके
हाथों पर अपने हाथ रख दिए.
?आप जैसी कोमल और कामुक मा पा कर तो कोई भी बेटा बेकाबू हो जाएगा? कहते
हुए रमेश उसके टाइट ब्लाउस मे हाथ घुसाने लगा. उसकी निपल का स्पर्श पाते
ही रमेश अपना लंड उसकी गांद पे चोदने की मुद्रा मे हिलने लगा. कमला उसका
साथ देती रही. उसकी भी पॅंटी गीली हो चुकी थी. कुछ देर के आक्रमण के बाद
रमेश के लंड से पानी छूट गया और निढाल होकर वो उसके शारीर से लिपट गया.
तभी घंटी बजी. ?आप किस्मेट वाले हो. पिक्चर के एंड मे ये लोग आए? कहते
हुए कमला मूड गई. ?अभी तो ट्रेलर था. पिक्चर बाकी है.? कहते हुए रमेश ने
उसके होंठ चूम लिए और उसकी चूत को अपने पंजों मे पकड़ कर दबा दिया. ?जाओ
दरवाज़ा खोलो. मैं कपड़े पेहेन्ति हूँ.? कहते हुए कमला अपने कपड़े लेकर
चली गई.
उधर जीतू और नीता ने रास्ते भर मे एक दूसरे की अनगिनत पप्पियाँ ली और
जीतू ने हर उस जगह पर नीता को दबाया जहाँ दबा सकता था. नीता पूरी गरम हो
गई थी जीतू के इस बर्ताव से.
जीतू खाना खा कर बाहर चला गया. कमला घर मे झाड़ू लगाने लगी. रमेश नहा कर
टवल लप्पेट कर बाहर आकर बैठ गया और उसके लटकते आम देख कर अपना लंड पकड़
रहा था. कमला ने नोटीस किया रमेश का हाल और उससे तड़पाने के लिए अपना
पल्लू पूरा खिसका दिया.
कमला ने जब रमेश को अपना लंड दबाते हुए देखा तो उसकी गर्मी भी बढ़ गई.
उसने मुस्कुराते हुए अपना पेटिकोट अपनी जाँघ के उपर खींच लिया और बैठ कर
झाड़ू लगाने लगी. अब रमेश उसकी टाँगों और वक्ष को देख रहा था और तड़प रहा
था. कमला भी उसके कड़क लंड को देख कर अंदर दहक रही थी.
?मैं नहा कर आती हूँ? कहते हुए नीता अपने कमरे मे चली गई. जैसे ही नीता
बाथरूम मे गई रमेश कमला के सामने खड़ा हो गया. कमला घुटनों के बल बैठी थी
और झाड़ू लगा रही थी. रमेश ने उसका सर पकड़ा और अपने तने हुए लॉड से उसका
मुँह चिपका दिया.अपने आप को छुड़ाने की कोशिश मे रमेश का टवल नीचे गिर गया. उसकी फ्रेंचिए
मे से उसका कड़क गरम लंड देख कर कमला निढाल हो गई. वो आक्टिंग कर रही थी
छुड़ाने की पर अपने होंठ उसके लंड से हटा नही पा रही थी.
उसके हाथ रमेश की पॅंटी मे चले गये और उसकी गांद पकड़ ली. अपनी गांद पर
उसके कोमल पंजों का स्पर्श होते ही रमेश और उत्तेजित हो गया. उसने कमला
का मुँह और दबाया अपने लंड पे.
कमला किसी तरह बोली ?रूको ना? और धीरे से उसके लंड पे अपने होंठ रख दिए.
अंडरवेर के उपर से ही उसके लंड को वो अपने दातों से हल्के हल्के काटने
लगी. रमेश तो जैसे स्वर्ग भोग रहा था. काफ़ी देर तक कमला उसके लंड को
चूमती रही और रमेश मज़े लेता रहा.
जब वो उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुँचने वाला था उसने अपना लंड बाहर खींच
लिया. कमला ने अपना सर उपर उठाए बिना उसके लंड को पकड़ लिया और उसकी लाल
टोपी को चूम लिया.
तभी बाथरूम खुलने की आवाज़ आई. कमला ने झट उसका टवल उठाया और बाहर निकले
उसके लंड को पकड़ा और अपने रूम की तरफ खींच कर ले गई. रमेश पालतू कुत्ते
की तरह चल दिया. अंदर पहुँच कर कमला ने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया.
तभी नीता के कमरे से आवाज़ आई ?रमेश !? और कमला ने उसके लंड को छ्चोड़
दिया. रमेश ने टवल लपेटा और नीता के पास भागा.
अंदर नीता को देख कर तो रमेश का लंड और पागला गया. नीता पेटिकोट पहेन कर
शीशे के सामने खड़ी थी और उसकी ब्रा उसके वक्ष पर लटक रही थी. हुक्स
लगाने के लिए उसने रमेश को बुलाया था.
रमेश ने दरवाज़ा बंद किया और सीधा जाकर अपना खड़ा लंड उसकी गांद पे चिपका
दिया. नीता उसके कड़क लंड का दबाव मिलते ही गरमा गई. ?आप तो पूरी तैयारी
मे हैं? कहते हुए नीता ने अपनी ब्रा उतार दी.
रमेश ने झट अपना टवल निकाला और अंडरवेर उतार दी. नीता का पेटिकोट उपर
उठाया और उसे झुका दिया. नीता को पता भी नही चला कब रमेश का डंडा उसके
बिल मे घुस गया और उसकी फुददी को फाड़ने लगा. आज तो रमेश जैसे हवस की आग
मे पागल हो गया था.
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