RE: Hindi Porn Stories नीता की खुजली
जीतू ने उसके निपल्स अपनी उंगलियों मे पकड़ लिए और बोला ?दीदी देखो ना
कितने कड़क हैं.? नीता के शरीर मे हवस की ल़हेर दौड़ गई लेकिन उसे पता
नही क्यूँ किसी चीज़ ने रोक दिया. उसने उसका हाथ अलग किया और ?तू जा?
कहते हुए वो अपना काम करने लगी. जीतू बेमन से चला गया.
वहाँ जब बस मे रमेश और कमला गये तो भीड़ के कारण दोनो के शरीर चिपक गये.
रमेश को पता ही नही चला कब उसका लंड कमला की गांद से चिपक गया. उससे
कुच्छ समझ आता तब तक तो उसका लंड कड़क हो चुक्का था. कमला उसके लंड को
महसूस कर रही थी अपनी गांद पर और मन ही मन मुस्कुराते हुए एंजाय कर रही
थी. रमेश भी कुच्छ देर बाद एंजाय करने लगा अपनी सास की गांद का कोमल
स्पर्श. जब जब बस हिलती वो लंड उसकी गांद की दरार मे दबा देता. कमला की
तरफ से भी कोई ऑब्जेक्षन या मूव्मेंट ना देख कर रमेश ने धीरे से अपना हाथ
उसकी कमर पे रख दिया और धीरे धीरे उपर ले गया. अपनी उंगलियों से उसके
मम्मो पर दबाव डाल कर एंजाय करते हुए उसने अपना लंड बुरी तरह कमला की
गांद पे टेक दिया और अपना पानी निकाल दिया. कमला ने भी पूरा साथ दिया और
पिछे गांद दबा कर उसके लंड को पूरा मज़ा दिया. तभी स्टॉप आ गया और दोनो
उतर गये.
स्टेशन पर दोनो थोड़ी देर बेंच पर एक दूसरे के करीब बैठ गये. लेकिन ट्रेन
जब लेट आने की अनाउन्स्मेंट हुई तो कमला आ गई. दोनो मन ही मन कुच्छ चाहते
थे पर कह ना पाए....
जब उनकी मा वापस आई और नीता के कमरे मे गई तो देखा नीता सिर्फ़ पेटिकोट
पहेन कर सो रही थी. उसके उभारों को देख कर कमला हैरान रह गई. कुच्छ ही
महीनों मे उसकी बेटी लड़की से औरत बन गयी थी. उसके उपर नीचे होते हुए
वक्ष और खड़े हुए निपल्स देख कर उसे हैरानी भी हुई और खुशी भी. वो समझती
थी कि ऐसी भरी हुई औरत ही अपने पति को खुश रख सकती है.उससे क्या पता था
कि उसकी लड़की पूरी फॅमिली को खुश कर रही थी?.
शाम को नीता सिर्फ़ ब्लाउस पहेन कर बाहर आ गई. उसके पतले ब्लाउस मे से
उसके निपल्स झाँक रहे थे. उसका पेटिकोट नाभि से एक इंच नीचे था. उसका पेट
सपाट और चिकना चमक रहा था. उसकी मा उसे देख कर खुश हो गई. ?आप इतनी गर्मी
मे ये सारी क्यूँ पेहेन्ति हो.? नीता ने पुछा. ?आदत हो गयी है, तू कहती
है तो उतार देती हूँ? ये कह कर कमला ने अपनी सारी उतार दी. नीता ने अपनी
मा के वक्ष और नाभि को गौर से देखा. उसकी मा के अंदर का सेक्स छलक रहा था
उसके छ्होटे ब्लाउस मे से.
तभी जीतू आ गया. उन दोनो को इस अवस्था मे देख कर उसका लंड खलबली करने
लगा. जब वो खाना खाने बैठा तो नीता के लटकते हुए आम देखने के लिए बार बार
कुच्छ माँग लेता. नीता समझ रही थी और जानबूझ कर उसके सामने झुकती. उससे
जीतू को तड़पाने मे मज़ा आ रहा था.
रात को जब जीतू मा को चोद रहा था उसके मुँह से आख़िर निकल पड़ा ?मा दीदी
अब कितनी सेक्स से भरी हुई लगती है ना??. कमला बोली ?तुझे मना किया है ना
नीता के बारे मे ग़लत सोचने से, खबरदार!? और तब तक जीतू का वीर्य उसकी
चूत मे आ गया. वो कमला की बगल मे सो गया और उसके निपल से खेलते हुए बोला
?मा, दीदी को हमारे बारे मे सब पता है. शादी से पहले से ही. आज मैने उसके
मम्मे भी दबाए.लेकिन फिर उससने मुझे कुच्छ करने नही दिया. मा मुझे दीदी
के साथ करने दे ना? एक बार सिर्फ़?तू उससे मना ले प्लीज़??.
कमला परेशान हो गई ये सुन कर. फिर उससने सोचा कि अगर नीता को ये सब पता
है तो उसे भी जीतू से चुदवाने दे ताकि वो किसिके सामने मुँह ना
खोले.?लेकिन तू वही करना जो मैं कहूँगी, एक कदम भी नही, समझा??. ?बिल्कुल
समझा? कहते हुए खुशी से जीतू ने मा की पप्पी ले ली.
अगले दिन कमला नीता के कमरे मे गई और उसके साथ बात करने लगी. प्लान के
मुताबिक जीतू भी आ गया और मा की गोद मे सर रख कर लेट गया. उसने अपने पैर
नीता की जांघों पर रख दिए. कुच्छ देर बाद वो उल्टा हो गया और अपना सर
नीता की गोद मे रख दिया. नीता सोच मे पड़ गई क्या करे. चुपचाप बैठी रही.
जीतू धीरे से उसकी जांघों के बीच मे आ गया. अब धीरे से उसने करवट बदली और
नीता की चूत पे होंठ रख दिए. नीता की हालत खराब हो रही थी. एक तरफ वो
सेक्स के लिए गरम हो रही थी दूसरी तरफ मा के सामने कुच्छ कर भी नही पा
रही थी.
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