RE: Bhabhi ki Chudai भाभी की प्यास
मेरे मूह से फिर एक जोरदार चीख निकली. मैं किसी मछली की तरह तड़पने लगी और अपने सर के बाल नोचने लगी. मेरी चेहरे पर पसीना आ गया और आँखो मे आँसू भर गये. राजू का लंड मेरी चूत मे और ज़्यादा गहराई तक घुस चुका था. उसका लंड मेरी बच्चेदानि को पिछे धकेल रहा था. मैने समझा कि अब उसका पूरा लंड मेरी चूत मे घुस चुका है. मैने राजू से पुछा “क्या हुआ, पूरा घुस गया.” वो बोला “अभी नही, थोड़ा सा बाकी है.” मैने कहा “बाकी का लंड भी मेरी चूत मे जल्दी से डाल दो.” उसने पूरी ताक़त के साथ एक फाइनल धक्का मारा. मैं दर्द से तड़पने लगी और सर के बाल नोचने शुरू कर दिए. मेरे आँखो से आँसू निकल रहे थे. वो मेरे चेहरे को देख रहा था और बोला “डिंपल भाभी, अब मेरा लंड तुम्हारी चूत मे पूरा घुस चुका है.” मैं भी उसके दोनो बॉल्स को अपनी चूत पर महसूस कर रही थी. मैने कहा “राजू, रूको मत. अब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाओ. अभी मेरी चुत चौड़ी नही हुई है. जब तुम ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा कर मुझे चोदोगे तब मेरी चूत चौड़ी हो कर तुम्हारे लंड के साइज़ की हो जाएगी और मेरा दर्द ख़तम हो जाएगा. फिर मैं भी मज़ा ले सकूँगी.” उसने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. 20-25 धक्को के बाद मेरा दर्द धीरे धीरे कम होने लगा.
और मेरी चूत ने इस बार ढेर सारा पानी छोड़ दिया. अब मेरी चूत और ज़्यादा गीली हो चुकी थी. चूत गीला हो जाने की वजह से राजू का लंड ज़्यादा आराम अंदर बाहर होने लगा. जब राजू ने 20-25 धक्के और लगा दिए तो मेरी चूत कुच्छ चौड़ी हो गयी और मेरा दर्द एक दम ख़तम हो गया. फिर मुझे भी मज़ा आने लगा. मैने चूतड़ उठा उठा कर राजू का साथ देना शुरू कर दिया. मैने राजू से कहा “अब तुम मेरे पैरो को छोड़ दो और मेरे बूब्स को मसल्ते हुए मेरी चुदाई करो.” उसने मेरा कहा मान लिया और मेरे पैरो को छोड़ दिया. फिर उसने मेरे दोनो बूब्स को अपने हाथो से मसल्ते हुए मेरी चुदाई शुरू कर दी. वो ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था. मैं भी चूतड़ उठा उठा कर उसका साथ दे रही थी. मैने उसका सिर पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया.राजू जब धक्का लगाता तो मैं अपना चूतड़ उपर उठा देती थी जिस से उसका लंड मेरी चूत मे और ज़्यादा गहराई तक घुस जाता था. मेरी चूत के पानी से उसका लंड एक दम गीला हो गया था. इस वजह से रूम मे फ़च फ़च की आवाज़ हो रही थी. वो मुझे बहुत तेज़ी के साथ चोद रहा था. 10 मीं बाद उसने मेरी कमर को बहुत ज़ोर से जाकड़ लिया और बोला.
डिंपल भाभी, मेरा जूस निकलने वाला है.” मैने कहा “तुम अपने लंड का जूस मेरी चूत मे ही निकाल दो.” तभी राजू की स्पीड और तेज हो गयी और 2 मीं मे ही उसके लंड ने मेरी चूत को भरना शुरू कर दिया. उसके साथ ही साथ मेरी चूत से भी पानी निकलने लगा. राजू मुझसे एक दम चिपक गया था. उसकी साँसे बहुत तेज़ चल रही थी. थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरी चूत को देखने लगा. वो बोला “डिंपल भाभी, तुम्हारी चूत तो एक दम सुरंग की तरह हो गयी है. मैं एक बात कहना चाहता हू, तुम बुरा तो नही मनोगी.” मैने कहा “मैं क्यों बुरा मानूँगी. अब तो तुम मेरे देवर से मेरे प्राइवेट पति हो गये हो.” वो बोला “जिस तरह तुम मुझे ग्लास मे मिल्क पीने के लिए देती हो, मैं तुम्हारी चूत मे मिल्क भर कर पीना चाहता हू क्यों कि तुम्हारी चूत भी इस समय एक ग्लास की तरह दिख रही है.” मैने कहा “ठीक है, जा कर मिल्क ले आ और इसमे भर कर पी ले.” उसने कहा “तुम अपना पैर इसी तरह उठा कर रखो जिस से ये सुरंग बंद ना हो जाए.” मैने भी अपना पैर उसी तरह उठा कर रखा. राजू किचन से मिल्क ले कर आया. उसने मेरी चूत मे मिल्क भरना शुरू कर दिया. पूरा 1 ग्लास मिल्क मेरी चूत मे समा गया. राजू बोला “डिंपल भाभी, तुम जानती हो, इस मिल्क मे कयि तरह का टॉनिक मिला हुआ है.” मैने पुछा “कौन सा टॉनिक.
वो बोला “इसमे मिल्क का टॉनिक तो है ही. लेकिन इस मिल्क मे तुम्हारी चूत और मेरे लंड का भी टॉनिक मिला हुआ है.मैं हँसने लगी. राजू ने मेरी चूत पर मूह लगा कर उस मिल्क को पीना शुरू कर दिया. जब उसने सारा मिल्क पी लिया तो मैने कहा “मुझे उस टॉनिक वाला मिल्क नही पिलाओगे.” वो बोला “क्यों नही.” उसने फिर से मेरी चूत मे मिल्क भर दिया और उसके बाद वापस उसे ग्लास मे गिरा लिया. फिर मुझे देते हुए बोला “लो, तुम भी ये मिल्क पी लो.” मैने भी वो मिल्क पी लिया. मैने कहा “तुमने मेरी चूत इतनी चौड़ी कर दी कि इस मे 1 ग्लास मिल्क आने लगा.” इस पर वो हँसने लगा और बोला “पहल तो आपने ही की थी.” मैं बाथरूम जाना चाहती थी लेकिन खड़ी नही हो पा रही थी. राजू मुझे गोद मेउठा कर बाथरूम ले गया. बाथरूम के मिरर मे मेने अपनी चूत को देखा तो मेरी चूत एक दम सुरंग की तरह दिख रही थी. मैं अपनी चूत की इस हालत पर हँसने लगी. उसके बाद हम दोनो बाथरूम से वापस आ गये. बाथरूम से वापस आने के बाद मैं कहा “मैं खाना बनाने जाती हू, तब तक आराम कर लो.” वो बोला “ठीक है.” मैं कपड़े.
पहन ने लगी तो राजू बोला “अब काहे की शरम. तुम इसी तरह एक दम नंगी ही खाना बना लो.” मैं ठीक से चल नही पा रही थी. धीरे धीरे मैं नंगी ही किचन मे खाना बनाने चली गयी. राजू ने कपड़े नही पहने थे. वो उसी तरह बैठ कर टीवी देखने लगा. जब मैं खाना बना कर बाहर आई तो मैने राजू से पुछा “क्या तुम फिर से तय्यार हो.” वो बोला “मैं तो कब से तय्यार हू और आपका इंतेज़ार कर रहा हू.” मैने उसका लंड मूह मे ले लिया और चूसने लगी. उसका लंड 2 मीं मे ही एक दम टाइट हो कर लोहे जैसा हो गया. मैं उस से लेट जाने को कहा. वो लेट गया और मैं उसके उपर चढ़ गयी. मैने उसके लंड का टोपा अपनी चूत के बीच रखा और थोड़ा सा दबाया तो उसका लंड मेरी चूत मे लगभग 2″ तक घुस गया. मुझे थोड़ा दर्द हुआ और मेरे मूह से एक हल्की सी चीख निकल पड़ी. राजू बोला “क्या हुआ, डिंपल भाभी. आप तो पूरा लंड अंदर ले चुकी हैं तो फिर क्यों चीख रही हैं.” मैने कहा “तू नही समझेगा. एक बार चुदवाने से चूत थोड़े ही चौड़ी हो जाती है. जब मैं तुझसे 8-10 बार चुदवा लूँगी तब जा कर तेरा लंड मेरी चूत मे बिना दर्द के जाएगा.” मैने थोड़ा और दबाया तो उसका लंड मेरी चूत मे 4″ तक घुस गया. मेरी चूत मे फिर से दर्द होने लगा और मैं कराह उठी. मैने बिना और ज़ोर लगाए धीरे धीरे धक्का लगाना शुरू कर दिया.
|