RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
अनिता और रीता को भी मज़ा आता जा रहा था. जब भी नकली लंड राज और रवि की गंद मे घुसता तो उस नकली लंड का आखरी हिस्सा उनकी चूत से टकराता जिससे उनकी चूत और खुज़ला जाती. दोनो उछल उछल कर लड़कों की गंद मार रहे थे. थोड़ी ही देर मे उनकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया.
दोनो लड़कों के पीछे से हट ज़मीन पर सुसताने लगी. वहीं रवि और राज हमारी चूत को जोरों से चूसे जा रहे थे. हमारी चूत भी झड़ने लगी.
"कहो रवि और राज आज अपनी गांद एक लेज़्बीयन लड़कियों से मरवाने मे कैसी लगी?" अनिता ने पूछा.
"अनिता पूछो मत ऐसा मज़ा पहले कभी नही आया. जब तुम धक्के मारती तो अजीब ही नशा छ्छा रहा था, एक तो लंड की चूसाई साथ ही चूत का मज़ा." राज ने जवाब दिया.
"अब आगे क्या इरादा है?" रवि ने अनिता से पूछा.
"अब जैसा पहले तय हो चक्का है तुम रीता की गंद मे अपना लंड पेलोगे," अनिता ने कहा और रीता की ओर देखने लगी, "तुम सही मे रवि का लंड अपनी गंद मे लेने को तय्यार हो ना."
"पहले बात तय तो हो चुकी है फिर तुम दुबारा क्यों उससे पूछ रही हो?" रवि थोड़ा चिल्लाते हुए बोला.
"में कोई वादा नही तोड़ रही हूँ, पर में चाहूँगी की पहले रश्मि डिल्डो से मेरी गंद को थोड़ा ढीला कर दे जिससे रवि के मोटे लंड से मेरी गंद को कोई परेशानी ना हो." रीता ने जवाब दिया.
"हां क्यों नही, रश्मि ज़रा प्यार से रीता की गंद मे डिल्डो डाल इसे ढीला कर दो?" अनिता ने रश्मि को डिल्डो पकड़ाते हुए कहा.
"मुझे ऐसा करके खुशी होगी." कहकर रश्मि डिल्डो को अपनी कमर पर बाँधने लगी.
रीता ज़मीन पर घुटनो के बल हो गयी जिससे उसकी गंद हवा मे उठ गयी थी. रश्मि रीता के पीछे आ गयी और अपनी एक उंगली उसकी चूत मे डाल दी. उसकी चूत के पानी से उंगली गीली कर उसने वो उंगली उसकी गंद मे डाल अंदर घुमाने लगी. जब उसकी गंद पूरी तरह से गीली हो गयी तो उसने डिल्डो गंद मे डाल धक्के लगाने लगी. रीता सिसक रही थी और वो भी अपने चुतताड हिला रही थी.
"प्रीति रश्मि जब तक रीता की गंद मार रही है ज़रा तुम रीता की चूत चूसोगी?" अनिता ने पूछा.
अनिता की बात सुनकर में अचानक चौंक सी गयी. पर बिना झिझकते हुए मैं रीता की चूत के पास आ गयी. मेने देखा की वो नकली लंड रीता की गंद के अंदर बाहर हो रहा था साथ ही मुझे रश्मि की चूत की फांके भी दिखाई पड़ रही थी. मेने अपनी एक उंगली रश्मि की चूत मे डाल दी और अपना मुँह रीता की चूत पर लगा चूसने लगी.
मैं ज़ोर ज़ोर से रीता की चूत चूस रही थी और साथ ही अपनी उंगली रस्मी की चूत के अंदर बाहर कर रही थी. मैं तब तक ऐसा करती रही जब तक की दोनो की चूत ने पानी नही छोड़ दिया.
रश्मि नकली लंड को रीता की गंद से बाहर निकाल हट गयी और मैं भी वहाँ से हट गयी. रीता अभी घुटनो के बल अपनी गंद हवा मे उठाए थी. उसके चेहरे पर उत्तेजना के भाव सॉफ दिखाई दे रहे थे.
रवि का लंड ख़ूटे की तरह तन कर खड़ा हो चुक्का था. वो अपने लंड को सहलाते हुए रीता के पीछे आ गया. रवि की चाल को देख कर ऐसा लगा की एक शिकारी अपने शिकार के पास जा रहा है. हम सबकी नज़रें रीता के चेहरे पर टिकी हुई थी जो जिंदगी मे पहली बार असली लंड का मज़ा लेने जा रही थी.
रवि रीता के पीछे आ गया और उसके चुतताड सहलाने लगा. फिर उसने अपना लंड उसकी गंद के मुँह पर लगा घिसने लगा. उसके लंड से छूटे पानी ने उसकी गंद को और गीला कर दिया. फिर उसने अपने सूपदे को धीरे से अंदर घुसा दिया. रीता को पहले तो थोड़ा दर्द हुआ फिर उसने अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया.
"एक ही बार मे पूरा मत पेलना, ज़रा धीरे धीरे करना." रीता फुस्फुसाइ.
"रीता तुम चिंता मत करो, मैं तुम्हे दर्द नही होने दूँगा. मैं धीरे धीरे ही घुसाऔन्गा. जब भी तुम मुझे रोकॉगी मैं रुक जाउन्गा." रवि ने उसे होसला देते हुए कहा.
रवि धीरे धीरे अपना लंड उसकी गंद मे घुसाते जा रहा था. वो अपने लंड को बाहर खींचता और पहले से थोडा ज़्यादा अंदर घुसा देता. वो तब तक ऐसा करता रहा जब तक उसका पूरा लंड उसकी गंद मे नही घुस गया. रीता को भी अब मज़ा आ रहा था.
"रश्मि याहा आओ और अपनी चूत दो मुझे." रीता चिल्ला उठी.
रश्मि तुरंत उछल कर रीता के मुँह के सामने इस तरह लेट गयी की उसकी चूत ठीक उसके सामने थी. रीता ने तुरंत अपनी जीभ को एक त्रिकोण का आकर देकर उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगी वही रवि अपने लंड से उसकी चूत जोरो से पेल रहा था.
रीता चूत चूस्ते ज़ोर से बड़बड़ा उठती थी, "ओह रवववववी पेल्ल्ल दो अपन्न्न्णना लुंद्ड़द्ड मेर्रररर गाआंद ओह हाा अगर मुझीई पता होत्तता की आासली लंड मे ईईईतना माआज़ाअ है तो मेईईईिन उस नकल्ल्ली लुन्न्द्दद्ड से कभी गाआं नाआी मर्वववाअती."
रीता रश्मि की चूत चूसे जा रही थी और साथ ही अपने कुल्हों को पीछे कर रवि के धक्को से ताल ताल से मिला रही थी.
तीनो की चुदाई को देख कर बाकी के लोग भी गरमा रहे थे. खास तौर पर अनिता से रुका नही जा रहा था. वो तुरंत रवि की पीछे आई और इस तरह से उसकी टाँगे की बीच लेट गयी की उसका मुँह रीता की चूत पर था.
अनिता ने देखा कि रवि का लंड रीता की गंद के अंदर बाहर हो रहा है, उसने अपनी जीएभ को रवि के लंड पर लगा दिया. जब भी रवि का लंड रीता की गंद से बाहर आता तो अनिता की जीभ से रगड़ता हुआ फिर अंदर चला जाता. इस स्पर्श ने रवि के बदन मे और उत्तेजना भर दी और वो जोरों से रीता की गंद मारने लगा.
रीता जोरों से अपनी चूत को अनिता के मुँह पर रगड़ रही और साथ ही रश्मि की चूत को चूस रही थी. थोड़ी ही देर मे रश्मि की चूत ने पानी छोड़ दिया और वहीं रीता ने अनिता के मुँह मे.
पता नही अनिता को क्या हो गया था, उसने अपना मुँह रीता की चूत से हटा रवि के अंडकोषों को मुँह मे ले चूसने लगी. आज जिंदगी मे पहली बार वो किसी मर्द के अंगों से खेल रही थी.
रवि मदहोशी मे ज़ोर से रीता की गंद मार रहा था. अब उसे भी खुद को रोकना मुश्किल लग रहा था. उसने ज़ोर से रीता के कूल्हे पकड़ अपना लंड उसकी गंद मे जड़ तक पेलते हुए अपने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी. दोनो की साँसे इतनी तेज थी कि लगता था जैसे मीलों दौड़ कर आए हो.
रवि तब तक अपना लंड रीता की गंद के अंदर बाहर करता रहा जब तक की उसका लंड मुरझाने ना लगा. उसने अपने लंड को रीता की गंद से बाहर निकाला तो साथ ही उसके वीर्य की एक धारा रीता की जांघों पर बहने लगी. रश्मि ने अपना मुँह घुमाया और रीता की जांघों पर बहते रवि के वीर्य को चाटने लगी.
चोरों एक दूसरे अलग हो अब ज़मीन पर पड़े सुस्ता रहे थे. थोड़ी देर बाद अनिता ने मेरे हाथ मे डिल्डो पकड़ाते हुए कहा, "प्रीति आज तुम्हे मौका मिल रहा है कि तुम किसी मर्द की गंद मार सको. ये लो और इसे बाँध कर अपने बेटे की गंद मे घुसा दो."
मेने वो डिल्डो अपनी कमर पर बाँध लिया और अपने बेटे राज की ओर बढ़ गयी. मेने उस नकली लंड को राज की गंद पर लगाया और अंदर घुसा दिया. पहले तो मुझे थोड़ा अजीब सा लगा पर जब उस लंड का आखरी हिस्सा मेरी चूत से टकराता तो मुझे भी मज़ा आने लगा. अब में ज़ोर के धक्के मार राज की गंद मार रही थी.
राज ने रश्मि को इस तरह अपने नीचे कर लिया और अपना लंड उसकी चूत मे पेल उसे चोदने लगा. थोड़ी ही देर मे हम तीनो तक कर फिर एक बार अलग हो गये.
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