RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
रवि और राज की बातें सुनकर हम तीनो के शरीर मे गर्मी आने लगी थी. "ज़रा विस्तार से बताओ ये सब कैसे हुआ?" रीता ने पूछा.
राज आगे बताने लगा, "एक रात की बात है, मैं माला को हमारे हॉस्टिल के रूम मे चोद रहा था. रवि कहीं बाहर गया हुआ था. उस रात माला अपने साथ एक डिल्डो भी लेकर आई थी. वो उस डिल्डो को अपनी चूत मे घुसाए हुए थी और मेने अपना लंड उसकी गंद मे डाल रखा था. थोड़ी देर बाद वो मेरे लंड को अपने मुँह मे लेकर चूसने लगी. वो मेरे दोनो कुल्हों को पकड़ मेरा लंड चूस रही थी तभी उसने अपनी उंगली मेरी गांद मे डाल दी. फिर उसने मेरा लंड चूस्ते हुए वो डिल्डो मेरी गंद मे घुसा दिया. पहले तो मुझे बहोत दर्द हुआ पर वो इतने जोरों से मेरा लंड चूस रही थी कि मुझे गंद मे लंड लेने मे मज़ा आने लगा."
आगे की कहानी रवि सुनने लगा, "उसी समय में बाहर से कमरे मे आया तो देखा कि राज घुटनो के बल झुका हुआ है और माला डिल्डो को अपने कमर से लगाए रवि की गंद मार रही थी. जब माला ने मेरी तरफ देखा तो उसने आँख मार कर मुझे राज की गंद की ओर इशारा किया. राज की चिकनी गंद देखकर मेरा भी दिल आगेया."
"अगर मैं अपने दिल की बात कहूँ तो में रवि के मोटे लंड को पहले से पसंद करता था. लेकिन मेने कभी ये नही सोचा था कि इसका लंड मे अपनी गंद मे लूँगा." राज ने आगे कहा, "फिर माला ने रवि को मेरी गंद मे लंड घुसाने के लिए कहा."
रवि बताने लगा, "माला ने पहले तो वो डिल्डो राज की गंद से निकाला और फिर मुझे एक क्रीम की शीशी दी जिसे मेने वो क्रीम अपने लंड और राज की गंद पर मल दी. फिर मेने अपना लंड राज की गंद मे घुसाया तो वो बड़ी आसानी से अंदर तक घुस गया. मुझे पहली बार किसी लड़के की गंद मारने मे मज़ा आ रहा था. मेंग इसके चुतताड मसल मसल कर उसकी गंद मारने लग गया."
राज ने उत्तेजित स्वर मे कहा, "मुझे विश्वास नही हो रहा था कि रवि की मूसल लंड को मेरी गंद इतनी आसानी से निगल लेगी. मुझे भी मज़ा आने लगा और मैं रवि को ज़ोर ज़ोर से अपनी गंद मारने के लिए कहने लगा."
राज ने आगे बताया, "उसी समय माला मेरी टाँगो के बीच आ गयी और मेरे लंड को अपने मुँह मे ले चूसने लगी. अब मुझे भी दोहरा मज़ा आ रहा था. एक तरफ माला मेरा लंड चूस रही थी और दूसरी तरफ रवि मेरी गंद मार रहा था."
"मुझे मालूम था कि मैं अपने आपको ज़्यादा देर तक नही रोक पाउन्गा. माला राज का लंड चूस्ति तो मेरे आंडो को भी अपने मुँह मे भर चुलबला देती जिससे मेरे लंड और तन जाता. फिर मेने अपना वीर्य राज की गंद मे छोड़ दिया." रवि ने बताया.
"मैं तुम लोगों को बता नही सकता कि कितना पानी रवि के लंडने मेरी गंद मे छोड़ा था. मुझे ऐसा लगा कि मेरी गंद उसके वीर्य से भर गयी है, और पानी बहता हुआ मेरी टाँगो से होते हुए माला के मुँह पर छूने लगा. माला ने वो सारा वीर्य चाट लिया और फिर मेरे लंड को जोरों से चूसने लगी तभी मेने भी अपना पानी उसके मुँह मे छोड़ दिया." राज ने कहा.
रवि आगे कहने लगा, "फिर मेने अपना लंड राज की गंद से निकाल लिया और तभी माला ने उसे अपने मुँह मे ले लिया. मैं ज़मीन पर बैठ गया और माला मेरी टाँगो के बीच आ मेरे लंड को जोरों से चूसने लगी. मुझे लगा कि मैं एक बार फिर अपना पानी उसके मुँह मे छोड़ दूँगा."
"पर शायद उस रात माला के दिमाग़ मे कुछ और था, उसने मुझे अपने पास बुलाया और कहा कि में भी लंड चूस्कर देखु. पता नही मुझे क्या हुआ मैं रवि के लंड को अपने मुँह मे ले जोरो से चूसने लगा. उसी वक्त माला ने फिर डिल्डो अपनी कमर पर बाँध मेरी गंद मे नकली लंड घुसा दिया. मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैं जोरो से उसके लंड को चूसने लगा और रवि ने अपना वीर्य मेरे मुँह मे छोड़ दिया." राज ने बताया.
मेने देखा कि कहानी सुनाते हुए दोनो लड़कों के लंड सख़्त हो गये थे और तीनो लड़कियाँ भी अपनी चूत कपड़ों के उप्पर से रगड़ रही थी. अगर हम होटेल के लॉन मे ना बैठे होते तो शर्तिया चुदाई यही पर शुरू हो गयी होती.
राज ने अपनी कहानी समाप्त करते हुए कहा, "उसके बाद तो सिलसला हमेशा चलने लगा. जब भी मौका मिलता हम एक दूसरे की गंद मार लेते. माला थी ही हमसे चुदवाने लिए. एक साल बाद मेरी मुलाकात रश्मि से हुई. पहले दोस्ती हुई और फिर प्यार. फिर मेने उसे अपनी और रवि के दोस्ती के बारे मे बताया, पर ये कहानी फिर कभी."
"हां मुझे भी लगता है कि मैं अब और नही सुन पाउन्गि, पहली ही मेरी चूत इतनी गीली हो गयी है, क्या कोई मेरी चूत चूसना चाहेगा?" रीता हंसते हुए बोली.
"मैं अभी और इसी वक़्त तुम्हारी चूत चूस सकता हूँ अगर तुम दोनो मे से कोई मुझे अपनी गंद मारने दे तो?" रवि अपने लंड को मसल्ते हुए बोला.
अनिता रवि की बात सुनकर चौंक गयी और रीता की ओर देखने लगी जो अपनी गर्दन ना मे हिला रही थी.
तभी रश्मि अपनी जगह से उठी और रीता के कान मे कुछ कहने लगी. रीता ने अपनी गर्दन हिलानी बंद कर दी और ध्यान से रश्मि की बातें सुनने लगी. तभी रीता ने अपनी गर्दन हिला हां की तो रश्मि मुस्कुरई और रीता के होठों को चूम लिया.
रीता ने शरमाते हुए कहा, "ठीक है मैं तय्यार हूँ," ये कहकर उसने अनिता कोचौंका दिया था, उसने आगे कहा, "ऐसा भी नही है कि मेरी गंद कुँवारी है, मैं पहले ही कई बार नकली लंड से गंद मरवा चुकी हूँ तो आज असली लंड से सही."
अनिता ने फिर कहा, "ठीक है वैसे भी आज की रात हमारी होटेल मे आखरी रात है. आज होटेल की सालगिरह की पार्टी है जिसमे सभी को बुलाया गया है. हम सब उस पार्टी के बाद हमारे कमरे मे मिलेंगे और आज की रात को एक यादगार रात बना देंगे."
सबने अपनी गर्दन सहमति मे हिलाई और मैं मन ही मन सोचने लगी "लगता है आज की रात फिर चुदाई का भयंकर दौर चलने वाला है," मेने ये भी सोच लिया था कि रीता से उसका अड्रेस और फोन नंबर ले लूँगी जसिसे भविष्या मे काम आए.
फिर बिना कोई शरम किए रवि ने रीता की चूत वहीं सबके सामने चूसी और अपना वादा निभाया.
रात को हम सब सज धज कर होटेल के बॅंक्वेट हॉल मे जमा हुए. पार्टी का इंतेज़ाम काफ़ी अच्छा किया हुआ था. होटेल मे ठहरे सभी को इन्वाइट किया हुआ था. वहाँ हमारी मुलाकात दो अन्य जोड़ों से हुई जो देल्ही से आए हुए थे. दोनो जोड़े एक साप्ताह के लिए घूमने आए थे.
प्रिया एक गोरी सुंदर औरत थी जिसे देखकर मुझे हिन्दी फ़िल्मो की हेरोयिन नीतू सिंग की याद आ गयी. उसकी चुचियाँ भी नीतू सिंग की तरह काफ़ी बड़ी और भारी थी और उसके चुतताड भी काफ़ी बड़े और सुडौल थे. उसका पति राजेश ऋषि कपूर जितना सुंदर तो नही फिर भी सुन्दर था. उसका शरीर एक खिलाड़ी की भाँति काफ़ी कसरती और गतिला था.
दूसरा जोड़ा उनसे थोडा विपरीत था, कंचन जहाँ कद मे थोड़ी नाटी थी उसकी चुचियाँ भी प्रिया जितनी बड़ी नही थी. पर दिखने मे वो काफ़ी सुन्दर थी और उसका पति बॉब्बी भी सुन्दर और हॅंडसम था.
रवि की नज़रें प्रिया की गंद से हटाए नही हट रही थी. वो अपनी नज़रें बचाने की भी कोशिश नही कर रहा था और जब प्रिया ने रवि को अपनी गंद की ओर घूरते देखा तो शर्मा गयी.
रश्मि ने प्रिया को बताया कि रवि को गंद मारने का इतना शौक है कि संसार की हर औरत की गंद उसे आकर्षित कर देती है. रश्मि की बात सुनकर प्रिया ने उसे पूछा कि क्या वास्तव मे उसकी गंद इतनी सुन्दर और प्यारी है तो रश्मि ने उसके चुतताड सहलकर जवाब दिया हां है. मैं मन ही मन दोनो को देख हंस रही थी.
थोड़ी ही देर मे दोनो जोड़े हमसे घुलमिल गये थे. उन्होने हमसे पूछा कि हम कुछ वक़्त उनके साथ बिता सकते है तो मेने बताया कि आज की रात तो हमारी कुछ दोस्तों के साथ पार्टी है, हम कल उनसे दोपहर के कहने पर लॉन मे मिलेंगे. हम सब उनसे विदा ले अपने कमरे की और बढ़ गये.
रात की पार्टी
होटेल की पार्टी के बाद हम चारों अपने कमरे मे आ गये और कपड़े बदलने लगे. हम चारों ने शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन ली. फिर हम अनिता और रीता के रूम की ओर बढ़ गये. हम कमरे में पहुँचे तो देखा कि दोनो लड़कियाँ पहले ही से नंगी थी और हमारा इंतेज़ार कर रही थी.
उन्हे नंगा देखा रश्मि अपनी हँसी नही रोक पाई, "शायद तुम लोग समय बर्बाद नही करना चाहती हो?"
"हां आज की रात हमारी यहाँ पर आखरी रात है और हम एक एक पल का मज़ा लेना चाहते है." अनिता ने जवाब दिया.
हम चारों ने अपने कपड़े उतारे और ढंग से समेट कर उसे एक टेबल पर रख दिए. हम सब अनिता के अगले कदम का इंतेज़ार करने लगे, हमे पता था कि उसे निर्देश देना अछा लगता था और आज की रात कोई अलग नही थी.
"आज की रात मे ऐसी यादगार बनाना चाहूँगी कि हम सब याद रखेंगे. रवि और राज तुम दोनो घुटने के बल हो जाओ पहले मैं और रीता तुम दोनो की गंद मारना चाहेंगे. प्रीति और रश्मि तुम दोनो इस अवस्था मे इनके नीचे लेट जाओ जिससे तुम इनका लंड चूस सको और ये दोनो तुम्हारी चूत चूस सके." अनिता ने निर्देश दिया.
अनिता ने फिर थोड़ी क्रीम राज की गंद पर लगाकर डिल्डो उसकी गंद मे घुसा दिया और रीता ने ठीक वैसा ही कर रवि की गंद मे नकली लंड पेल दिया.
रश्मि राज की टांगो के बीच आकर लेट गयी और उसका लंड चूसने लगी और राज ने अपना मुँह रश्मि की चूत पर रख दिया. मेने भी वैसा ही किया.
राज और रवि को इस दोहरी चुदाई मे काफ़ी मज़ा आ रहा था, जब भी पीछे उसे उनकी गंद मे धक्का पड़ता तो उनका लंड मेरे और रश्मि के मुँह मे गले तक चला जाता और वो ज़ोर ज़ोर से हमारी चूत को चूसने लगते. हमे भी दोहरा मज़ा मिल रहा था. थोड़ी ही देर मे दोनो ने हमारे मुँह मे अपना अपना वीर्य छोड़ दिया.
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