RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
गतान्क से आगे......
हनिमून पर तीसरा दिन
अगले दिन सुबह हम चारों नाश्ते की टेबल पर बैठे अपनी तीसरी चाइ और कॉफी का पी रहे थे वहीं रश्मि हमे रात की कहानी सुनाने जा रही थी जो शीला और उन दो लेज़्बीयन लड़कियों बीच गुज़री थी.
रश्मि ने कहा की "ऐसा कुछ शीला के साथ नही हुआ जो मेरे और प्रीति के साथ उस रात हुआ था. दोनो लड़कियाँ काफ़ी अच्छी थी, पहले उन्होने शीला की चुचियों को चूसा फिर उसकी चूत को. शीला इसी दौरान इतनी बार झाड़ चुकी थी उसकी चूत एक चिकनी मलाई की तरह लग रही थी."
रश्मि ने अपनी कहानी जारी रखी, "मेने कभी सपने मे भी नही सोचा था कि शीला इतनी ज़ोर से सिसकेगी और चिल्लएगी. हम तीनो लड़कियों ने बारी बारी से उसकी चूत नकली लंड से चोदि, हम अपनी चूत उसके मुँह पर रख अपनी चूत चूस्वाते. थोड़ी ही देर में तो वो चूत चूसने मे इतनी माहिर हो गयी कि में क्या बताउ."
"मुझे विश्वास नही होता कि कोई लड़की अपने पहले अनुभव में इतनी एक्सपर्ट हो सकती है." मेने कहा.
"विश्वास तो मुझे भी नही हुआ था," रश्मि ने अपनी कहानी जारी रखते हुए कहा, "हम तीनो लड़कियों नेनकली लंड अपनी कमर पर बाँध साथ साथ उसे चोदने लगे. सबसे अच्छी नज़ारा तो उस वक्त था जब अनिता शीला की चूत मे डिल्डो घुसा हुए थी और रीता कमर पर डिल्डो बाँध अनीता की गंद मार रही थी. रीता की गंद इतनी सुडौल और चिकनी थी कि में अपने आपको रोक ना पाई और डिल्डो कमर पर बाँध रीता की गंद मे उस नकली लंड को घुसा उसकी गांद मारने लगी."
रवि तभी बीच मे बोल पड़ा, "सही मे रश्मि जबसे रीता को और उसकी गांद को देखा है मेरा भी मन उसकी गंद मारने का है. क्या तुम उसे मेरे लिए सेट कर सकती हो?"
रश्मि रवि की बात सुनकर मुस्कुरई और बोली, "बाद मे देखेंगे." वो अपनी कहानी जारी रखते हुए बोली, "अनिता शीला को रंडी, छिनाल और ना जाने क्या क्या कह कर चोद रही थी. शीला भी जवाब मे अपने आपको रंडी चुड़दकड़ कह उसे ज़ोर ज़ोर से चोदने को बोल रही थी. शीला इतनी गरम और उत्तेजित थी कि उसे रोक पाना हम तीनो को मुश्किल लग रहा था."
"हे भगवान! तभी शीला इतनी थॅकी और मरी हुई हालत मे थी जब वो हमारे कमरे मे आई थी." मेने कहा.
"हां उसके बाद उसने थोड़ा आराम किया, फिर मैं उसे सहारा देकर हमारे कमरे तक ले आई, उससे चला भी नही जा रहा था." रश्मि ने कहा. "कमरे मे आते वक़्त उसने मुझे बताया कि उसे अपने किए पर बहोत शर्मिंदगी है, मेने उसे समझाया कि ऐसा होता रहता है, पर शायद उसे ज़्यादा ही आत्म गिलानी हो गयी थी इसीलिए वो हमारे कमरे मे ज़्यादा देर तक नही रुकी."
"ये दोनो लड़कियाँ भी शायद सेक्स से कभी थकती नही, देखो ना पहले रश्मि और प्रीति फिर रात को रश्मि और शीला." राज ने कहा.
"रश्मि मेरी बात ध्यान से सुनो, मैं जानता हूँ तुम रीता को मेरे लिए सेट कर सकती हो? उसने पहले ही नकली लंड अपनी गंद मे लिया हुआ है, उसे समझाओ कि नकली लंड से चुदवाने मे और एक असली मजबूत लंड से चुदवाने मे कितना फ़र्क है. जब असली लंड उसकी गंद और चूत को अपने पानी से भरेगा तो उसे कितना मज़ा आएगा." रवि ने रश्मि को समझाते हुए कहा.
"ठीक है ठीक है, में कोशिश करूँगी. अगर में उसे सेट करने मे कामयाब होगयि तो तुम्हे मुझे एक अच्छा सा तोहफा देना होगा." रश्मि ने रवि से कहा.
हम चारों ने अपना नाश्ता ख़त्म किया और अपने कमरे मे वापस आ गये. हमने अपने कपड़े बदली किए और घूमने निकल गये. पूरे दिन हम सैर करते रहे बाज़ारों की खाक छानते रहे. हमने कुछ शॉपिंग भी की. शाम होते होते हम काफ़ी थक गये थे. वापस होटेल पहुँच हम होटेल के लॉन मे कुर्सी पर बैठ गये और चाइ का ऑर्डर दे दिया.
मेने देखा कि रवि कुछ सोच मे डूबा हुआ था, "क्या बात है रवि, क्या सोच रहे हो?"
"पता नही प्रीति क्यों मैं रीता और उसकी गांद को अपने दिमाग़ से निकाल ही नही पा रहा हूँ." रवि ने जवाब दिया.
"ओह्ह्ह तो इतने उत्तावले हो रहे हो रीता की गंद मारने के लिए. निसचिंत रहो रश्मि कोई ना कोई जुगाड़ कर ही लेगी." मेने कहा.
हम लॉन मे बैठे चारों नास्टा कर रहे थे कि वो दोनो लड़किया रीता और अनिता भी हमारे पास आकर बैठ गयी. रीता ने हमे बताया कि विनोद और शीला होटेल छोड़ कर जा चुके है. शायद शीला को अपनी रात की हरकत पर कुछ ज़्यादा ही शर्मिंदा हो गयी थी.
हम सब मिलकर हँसी मज़ाक कर रहे थे. रीता ने रवि से पूछा, "रवि पहले ये बताओ कि तुम्हारी और राज की दोस्ती कैसे हुई और तुम्हे ये गंद मारने का शौक कब से हुआ?"
रवि अपनी कहानी सुनाने लगा, हम सबने एक घेरा सा बना लिया और उसकी कहानी सुनने लगे.
रवि ने कहना शुरू किया, "राज और में कॉलेज के दिनो मे हॉस्टिल मे रूम पार्ट्नर थे. कॉलेज जाय्न करने के पहले में कई लड़कियों की चूत और गंद मार चुक्का था. जब हमारी दोस्ती गहरी हो गयी तो हम दोनो मिलकर लड़कियों की चुदाई करने लगे."
राज ने बीच मे कहा, "हाँ एक लड़की थी माला जिसे हमने कई महीनो तक साथ साथ चोदा था. उसे दो लंड से चुदाई करने मे बहोत मज़ा आता था. लेकिन चूत चुदवाने से ज़्यादा मज़ा उसे गंद मरवाने मे आता था और सबसे बड़ी बात तो ये थी कि उसे अलग अलग आसनो मे चुदाई का शौक था. माला ने ही मुझे गंद मरवाना और मारना सिखाया था.'
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