RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
गतान्क से आगे......
हनिमून पर दूसरा दिन
थोडा सुस्ताने के बाद हम सबने कपड़े बदले और स्विम्मिंग पूल के पास आकेर बैठ गये. वहाँ हमे रीता और अनिता मिल गयी. थोड़ी देर मे विनोद और शीला भी आ गये. हम सब आपस मे बात करने लगे. किसी ने भी रात की बात का ज़िक्र नही किया.
थोड़ी देर बाद रीता स्विम्मिंग पूल मे स्विम करने चली गयी और उसके पीछे पीछे रश्मि भी चली गयी. मेने देखा कि पूल की दूसरी ओर किनारे पर रीता बैठी है और पानी मे खड़ी रश्मि उसकी चूत को चूस रही है.
"दोनो कितनी सेक्सी और गरम लग रही है." अनीता ने मुझसे कहा.
"लगता है ये दोनो कभी सेक्स से थकती नही है?" मेने उनकी ओर देखते हुए कहा.
"हां रीता कुछ ज़्यादा ही सेक्सी है, उसे हरदम चूत का बुखार चढ़ा रहता है" रीता ने जवाब दिया.
"रश्मि भी कुछ ऐसी ही है, उसे भी हर वक़्त लंड चूत चाहिए." मेने कहा.
"क्या तुम उनका साथ देना पसंद करोगी?" अनीता ने अपने कपड़े खोलते हुए कहा.
"ना……….रे……बाबा! मैं तो अभी तक रात की थकावट से ही नही उभरी हूँ. मुझे थोड़ा आराम करना है." मेने जवाब दिया.
"ठीक अगर इरादा बदल जाए तो चली आना." कहकर अनीता पूल मे कूद गयी और उन लड़कियों की तरफ तैरने लगी.
में आराम कुर्सी पर पसर गयी और सोचने लगी "मेने तो सोचा भी नही था कि एक दिन मे इतनी चुदाई होगी जो एक हफ्ते मे होनी चाहिए थी." मैं लेटी हुई थी कि मेरे कानो मे राज, राव, विंडो और शीला की बात चीत सुनाई पड़ी.
"अब कैसा महसूस हो रहा है शीला?" रवि ने उससे पूछा.
"पूरा बदन दर्द के मारे दुख रहा है. जिस तरह से तुम तीनो ने मेरी चूत और गंद की धुनाई की है लगता है कि पूरे बदन मे सूजन आ गयी है." शीला थोड़ा गुस्से मे बोल रही थी.
"शांत हो जाओ. तुमने पहली बार गांद मे लंड लिया है इसलिए तुम्हे थोड़ा दर्द हो रहा है. दो चार बार और मरवा लॉगी तो आदत पड़ जाएगी." रवि ने उसे समझाते हुए कहा.
"रहने दो…………अगर तीन तीन लंड तुम अपनी गांद मे लोगे तो तुम्हे पता चलेगा कि दर्द कैसा होता है." शीला ने कहा.
"हम लोग इसका मज़ा ले चुके है. मेने कई बार रश्मि की गांद मारी है और मेरी मा प्रीति की भी. हम सबको बहोत मज़ा आता है." राज ने कहा.
"इसका मतलब तुम चारों आपस मे एक दूसरे के साथ चुदाई करते हो?" शीला थोड़ा चौंकते हुए बोली.
"हम आपस मे चुदाई ही नही करते बल्कि, प्रीति और रश्मि रात को रीता और अनीता के साथ थी जब हम तुम्हारी चुदाई कर रहे थे." रवि ने कहा.
"मैं नही मानती मुझे विश्वास नही होता." शीला ने कहा.
"यार सुनकर ही मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं एक बार शीला को किसी दूसरी औरत के साथ सेक्स करते देखना चाहता हूँ?" विनोद बोला.
"तो इसमे परेशान होने की क्या बात है, रात को तुम दोनो हमारे कमरे मे अजाना. हम 6 लोग मिलकर अपनी पार्टी करेंगे." राज ने कहा.
"नही किसी भी कीमत पर में किसी औरत के साथ सेक्स नही करूँगी." शीला थोड़ा ज़ोर देते हुए बोली.
"अब मान भी जाओ शीला. एक बार करके तो देखो तुम्हे बहोत मज़ा आएगा." रवि ने उसे समझाते हुए कहा.
"रवि सही कह रहा है शीला. पहले प्रीति को भी पसंद नही था और अब वो कोई मौका चूकना नही चाहती. फिर तुम्हे अगर पसंद ना आए तो बता देना, कोई तुम्हारे साथ ज़बरदस्ती नही करेगा." राज ने कहा.
"मैं तुम दोनो को विश्वास करूँ जबकि रवि ने अपना गधे जैसा लंड मेरी गांद मे घुसा दिया था.." शीला थोड़ा नाराज़ होते हुए बोली.
"एक बार हमारे साथ पार्टी करके तो देखो. में तुमसे वादा करता हूँ कोई भी तुम्हारी मर्ज़ी के बिना कुछ नही करेगा." रवि ने उसे आश्वासन दिया.
"प्लीज़ डार्लिंग एक बार पार्टी करके देखो, मेरी खातिर." विनोद शीला से बोला.
"एक शर्त पर में तुम्हे राज की गांद मारते देखने चाहती हूँ." शीला ने कहा.
"ठीक है……फिर तय रहा." विनोद खुश होते हुए बोला.
तभी वो तीनो लड़कियाँ पूल से बाहर आ गयी. रश्मि हमारे बगल मे आकर लेट गयी, "हे भगवान क्या चूत चूस्ति है ये दोनो."
"हाई रश्मि." राज ने पुकारा, "विनोद और शीला आज रात को हमारे कमरे में आ रहे हैं पार्टी करने."
"वाउ ये तो खुशी की बात है, मेरी चूत तो अभी से गीलीहो रही है." रश्मि ने अपनी चूत पर हाथ फिराते हुए कहा.
"तुम्हारी चूत किस समय गीली नही होती. मुझे तो ये हर वक़्त छूटी नज़र आती है." रवि हंसते हुए बोला.
रात को हमारे कमरे मे मिलने का वादा कर हम अलग अलग हो गये.
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