RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
"रवि तुमने आज तक कितनी लड़कियों को चोदा है?" मेने रवि की पॅंट के उपर से उसके लंड को सहलाते हुए कहा.
रवि अपनी कॉलेज की दास्तान सुनाने लगा. उसकी चुदाई के क़िस्से सुन्नकर में काफ़ी उत्तेजित हो गयी थी.
"रवि अब बस करो बाकी कि कहानी फिर कभी सुनना." मेने एक कमजोर आवाज़ मे कहा.
"लगता है कि मेरी कहानी सुन कर तुम्हारी चूत गीली हो गयी है." रवि ने पूछा.
"हां" मेने धीरे से कहा.
"लाओ देखता हूँ मे." कहकर उसने अपना हाथ मेरी स्कर्ट मे डाल दिया और गीली हुई पॅंटी के उपर से मेरी चूत पर रख दिया, "उम्म्म्मम काफ़ी गीली हो चुकी हो."
रवि ने अपनी उंगलियाँ मेरी पानी मे डाल दी और मेरी चूत मे उंगली डाल अंदर बाहर करने लगा. मैं इतनी उत्तेजित कि तीन चार बार उंगली करने से ही मेरी चूत ने उसकी हथेली पे पानी छोड़ दिया. उसने मुस्कुराते हुए अपना हाथ अपने मुँह के पास किया और अपनी उंगली चाटने लगा.
कॅबिन मे एक अजीब सी सुगंध फैल गयी. मेने गर्दन घुमा प्लेन के कोने में देखा कि मिली वहाँ रश्मि के पास खड़ी हमे ही देख रही थी. जब उसने रवि को उंगली चाटते देखा तो दंग रह गयी. वो सब समझ चुकी थी. रवि ने मेरी नज़रों का पीछा किया और ज़ोर से अपनी उंगली चाट मिली को चिढ़ाने लगा.
तब मेने देखा कि रश्मि ने अपना हाथ मिली के स्कर्ट मे डाल दिया है और उसकी चूत को सहला रही थी. मिली के चेहरे पर अजीब से भाव आ गये थे. जब मिली ने हम लोगो को उसे देखते देखा तो शर्मा कर दूर चली गयी.
रवि मिली को देख हँसने लगा. वो झुक कर मेरे कान मे बोला, "प्रीति तुम्हारी चूत सही मे प्यारी है और तुम्हारी चूत के पानी का तो जवाब नही मज़ा आ गया."
जब हम प्लेन से उतरे तो मिली ने हम सब अभिवादन किया.
"हमे अफ़सोस है कि तुम हमारे साथ नही चल सकती." रश्मि ने मिली से कहा.
हम लोगो ने अपना अपना समान उठाया और अपनी मंज़िल की ओर चल दिए.
मनाली पहुँच हम हमारे पेंटहाउस मे पहुँचे और अपना समान लगा दिया. हम सब सफ़र से तक गये थे इसलिए थोड़ा आराम करने लगे.
दोस्तों ये थी प्रीति की कहानी. हनिमून पर क्या हुआ ये अगले भाग मे. अपनी राई हर बार की तरह ज़रूर दीजिएगा.
तो बे कंटिन्यूड…………..
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