RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
रवि और राज मेरे बदन से खेल रहे थे. दोनो मेरे बदन को सहला रहे थे और रश्मि मेरी टाँगो के बीच आ मेरी चूत मे भरे पानी को पी रही थी. थोड़ी ही देर मे मेरे दोनो शेर फिर से तय्यार हो गये थे मुझे चोदने के लिए.
मैने एक बार फिर रवि के उप्पर चढ़ कर उसका लंड अपनी चूत मे ले लिया. फरक सिर्फ़ इतना था कि राज ने अपना लंड मेरे मुँह मे दे दिया था और रश्मि मेरी गंद मे अपनी उंगली डाल अंदर बाहर कर रही थी.
मेरे तीन छेदों को तीन लोग अपनी तरह से चोद रहे थे, "प्रीति देखो दो लंड को कैसे तुम मज़े से ले रही हो. मेने कभी नही सोचा था कि तुम इतनी चुड़दकड़ हो जाओगी." रश्मि मेरी गांद के छेद पर अपनी जीब फिराते हुए बोली.
रवि और राज दोनो ने अपने लंड का पानी अपने अपने छेद मे उंड़ेल दिया था और रश्मि ने एक बार फिर अपनी ज़ुबान से उनके वीर्य को चाट कर सॉफ किया था. एक तरफ तो मेरे मन मे खुशी थी और दूसरी तरफ आत्म गिलानी भी.
"मा तुम्हे सही मे हमारे साथ मेरे हनिमून पर आना चाहिए. मेने प्लेन की भी चार टिकेट करा रखी है और होटेल मे रूम भी चार लोगों के लिए है." राज ने मुझसे कहा.
मेने सोच रही थी कि अभी अभी मेरा बेटा अपना वीर्य मेरी गांद मे झाड़ के हटा है और अब मुझे अपने हनिमून पे साथ मे आने की दावत दे रहा है. में समझ चुकी थी कि हनिमून पर भी सामूहिक चुदाई के अलावा क्या होना था, मेने सोचा. जो पहले ही हो चुका है उसे पीछे क्या हटना. अगर कुछ और होगा तो थोड़े दीनो मे मुझे पता चल जाएगा.
"ठीक है जो हम लोगों के बीच हो चुक्का है उसके बाद में हां बोलती हूँ." मेने कहा.
"वाह मज़ा आ गया तुम्हारी बात सुनकर. फिर तो हमे जश्न मनाना चाहिए." रवि ने उछलते हुए कहा. "प्रीति में एक बार फिर तुम्हारी गांद मारना चाहता हूँ."
हम चारों ने अपने बदन घुमाए, मैं और रश्मि 69 की अवस्था मे थे और एक दूसरे की चूत को चूस रहे थे. रवि अपना लंड मेरी गांद मे डाल चोद रहा था और राज रश्मि की गांद मे लंड डाल पेल रहा था.
दोनो हम दोनो को इसी तरह चोद्ते रहे जब तक कि उनका पानी नही छूट गया.
हम चारों थक गये थे और निढाल पड़े थे. फिर हम सबने साथ साथ स्नान किया और हॉल मे आकर बैठ गये.
बातें करते हुए रवि ने बताया कि मनाली के जिस होटेल मे बुकिंग कराई गयी हो वो चोदु लोगों के लिए मशहूर है. वहाँ हर तारह के जोड़े आते है और चुदाई का मज़ा लेते है.
राज ने बताया कि उस होटेल में जोड़े आते ही इस लिए है कि वहाँ पर अदला बदली आसानी से हो जाती है.
"तब तो मज़ा आ जाएगा." रश्मि अपने होठों पर ज़ुबान फेरते हुए बोली.
में मन ही मन सोच रही थी की, "जो मेने किया वो अच्छा है या बुरा, पता नही कहाँ मेने अपने आपको फँसा लिया था."
अगले कुछ दिन हमारे शादी की तय्यारियाँ करते हुए बीते. लेकिन हम चारों एक दूसरे के इतने करीब आ गये थे कि क्या कहूँ? हम लोग दिन भर शूपिंग करते, फिर रात को किसी आछे होटेल मे खाना खाते और फिर बेडरूम मे चुदाई करते.
आख़िर राज की शादी का दिन आ ही गया. शादी का समारोह काफ़ी सिंपल था, सिर्फ़ कुछ खास दोस्त और रिश्तेदार थे. सब लोगो ने खूब मज़ा लिया और शादी का आनंद उठाया.
फेरो के पहले रवि ने खूब कस कर रश्मि को चोदा और अपना वीर्य उसके मुँह मे छोड़ दिया था. में भी पीछे नहीं थी मेने भी अपनी चूत कस कर उससे चूस्वाई थी. फेरो के वक्त जब रश्मि ने घूँघट निकाल रखा था मेने पूछा, "ये घूँघट क्यों निकाल रखा है?"
"कुछ नही अपने चेहरे और होठों पर रवि के वीर्य के दाग छुपाने की कोशिश कर रही हूँ." उसने शरारती मुस्कान के साथ जवाब दिया.
उसकी बात सुन मैं भी जोरों से हंस दी.
अगले दिन हम एरपोर्ट के लिए रवाना हो गये. जहाँ तक पड़ोसी और रिश्तेदारों का सवाल था वो ये ही जानते थे कि मेने काम से छुट्टी ले ली है और कहीं घूमने जा रही हूँ. किसी को नही पता था कि में और रवि नए ब्याहते जोड़े को उनके हनिमून पर उनके साथ हो जाएँगे.
कहने को तो हम चारों प्लेन के फर्स्ट क्लास मे अलग अलग बैठे थे, पर एर होस्टेस्स समझ गयी कि हम साथ साथ है. वो थोड़ी विचलित थी, उसे पता था कि राज और रश्मि की अभी अभी शादी हुई है, पर हम दोनो उनके साथ क्यों है ये उसके समझ मे नही आया.
ये बात उसकी समझ मे तब आई जब रश्मि ने उसे बताया कि हनिमून पर हम उनके साथ शामिल हो जाएँगे. रश्मि ने उसे हमारे होटेल का नाम भी बता दिया जहाँ हम ठहरनेवाले थे.
एर होस्टेस्स जो को एक 26 साल की कुँवारी और सुंदर लड़की थी अपने आपको रोक नही पाई और राज से पूछ बैठी, "जहाँ तक में समझती हूँ आप दोनो की नई शादी हुई है और आप हनिमून पर जा रहे है. आपका खास दोस्त और आपकी माताजी आप दोनो के हनिमून पर आप के साथ हो जाएँगी. क्या आपको पता है कि जिस होटेल में आप लोग रुक रहे हैं वो सिर्फ़ जोड़ों के लिए है?"
"हां हमे पता है इसी लिए हम चारों एक ही रूम मे रुक रहे है." राज ने जवाब दिया.
राज की बात सुनकर वो चौंक पड़ी, उसका नाम मिली था, "एक ही कमरे में"
"हां एक ही कमरे में, इससे आसानी होगी हम लोग पहले से ही आपास मे चुदाई करते है." रश्मि ने थोड़ा हंसते हुए कहा.
मिली थोड़ा सोचते हुए हमारे पास से हट गयी. उसे विश्वास नही हो रहा था जो रश्मि ने उससे कहा था. थोड़े ही देर मे या बात प्लेन के और कर्मचारियों मे फैल गयी. सब आते जाते हमे घूर रहे थे.
रवि हंस रहा था और रश्मि से कहा, "तुमने तो मिली से ये सब कहकर चौंका दिया."
मिली ने हम सब ड्रिंक्स और खाना सर्व किया. राज और रश्मि बातें करने मे लगे हुए थे तब मेने रवि की और अपना ध्यान कर लिया.
|