RE: Hindi Porn Stories थोड़ा कस कर दबाओ ना लल्ला
मैंने भी अपने हाथ भाभी की पीठ पर कस कर उनकी चूचियों को चूम लिया।
मैंने उनकी चोली ढीली कर दी और अपना एक हाथ सामने लाकर चोली के अन्दर करके चूचियों को कस कर पकड़ लिया और मसलने लगा।
मेरा दूसरा हाथ नीचे का सफ़र कर रहा था और उनके लहंगा के ऊपर से उनके चूतड़ों को पकड़ लिया।
आज भाभी नीचे कुछ नहीं पहने हुई थीं और मेरा हाथ उनके मुलायम चिकने बदन को मसल रहा था।
भाभी भी चुप नहीं बैठी थीं और मेरे नाड़े को ढीला करके ऊपर से ही हाथ घुसा कर मेरे लंड को मसलने लगीं।
‘लाला तुम्हारा लंड बहुत ही जोरदार है… कितना कड़क.. कितना मोटा और लम्बा है… रात को जब तुमने पहली बार मेरी चूत में घुसाया.. तो ऐसा लगा कि यह तो मेरी बुर को फाड़ ही डालेगा। सच कितना अच्छा होता.. अगर मेरी शादी तुम्हारे साथ होती.. फिर तो दुनिया की कोई परवाह ही नहीं होती और रात-दिन तुम्हारा लंड अपनी चूत में लिए हुए मज़े लेती।’
कुछ देर तक मेरे लंड और झाँटों से खेलने के बाद भाभी ने हाथ निकाल कर मेरे पायजामे का नाड़ा खोल दिया.. फिर खड़े होकर अपनी चोली और लहंगा भी उतार दिया और पूरी तरह से नंगी हो गईं।
फिर मुझे कुर्सी से उठा कर पलंग पर बैठने को कहा… मैं खड़ा हुआ तो मेरा पायजामा अपने आप उतर गया।
जब मैं पलंग पर बैठ कर भाभी की मस्त उठी हुईं चूचियों को देख रहा था.. तो मारे मस्ती के.. मेरा कड़क लंड छत छूने की कोशिश कर रहा था।
भाभी मेरी टांगों के बीच बैठ कर दोनों हाथों से मेरे लौड़े को सहलाने लगीं।
कुछ देर लौड़ा सहलाने के बाद अचानक भाभी ने अपना सर नीचे झुकाया और अपने रसीले होंठों से मेरे सुपारे को चूम कर उसको मुँह में भर लिया।
मैं एकदम चौंक गया… मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा…
‘भाभी यह क्या कर रही हो… मेरा लंड तुमने मुँह में क्यों ले लिया है?’
‘चूसने के लिए और किस लिए? तुम आराम से बैठे रहो और बस लंड चुसाई का मज़ा लो… एक बार चुसवा लोगे फिर बार-बार चूसने को कहोगे..’
भाभी मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह मुँह में लेकर चूसने लगीं।
मैं बता नहीं सकता हूँ कि लंड चुसवाने में मुझे कितना मज़ा आ रहा था।
भाभी के रसीले होंठ मेरे लंड को रगड़ रहे थे।
फिर भाभी ने अपने होंठों को गोल करके मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया और मेरे अन्डकोषों को हथेली से सहलाते हुए सिर ऊपर-नीचे करना शुरू कर दिया.. मानो वो मुँह से ही मेरा लंड को चोद रही हों।
धीरे-धीरे मैंने भी अपनी कमर हिला कर भाभी के मुँह को चोदना शुरू कर दिया।
मैं तो मानो सातवें आसमान पर था।
बेताबी तो सुबह से ही हो रही थी।
थोड़ी ही देर में लगा कि मेरा लंड अब पानी छोड़ देगा।
मैं किसी तरह अपने ऊपर काबू करके बोला- भाभीईईईईईई.. मेरा पानी छूटने वाला है…
भाभी ने मेरी बातों का कुछ ध्यान नहीं दिया बल्कि अपने हाथों से मेरे चूतड़ों को जकड़ कर और तेज़ी से सिर ऊपर-नीचे करना शुरू कर दिया।
मैं भी भाभी के सिर को कस कर पकड़ कर और तेज़ी से लंड भाभी के मुँह में पेलने लगा… कुछ ही देर बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया और भाभी ने गटागट करके पूरे पानी पी गईं।
सुबह से काबू में रखा हुआ मेरा वीर्य इतना तेज़ी से निकला कि उनके मुँह से बाहर निकल कर उनकी ठोड़ी पर फैल गया.. कुछ बूँदें तो टपक कर उनकी चूचियों पर भी जा गिरीं।
पूरा झड़ने के बाद मैंने अपना लंड निकाल कर भाभी के गालों पर रगड़ दिया।
हय…क्या खूबसूरत नज़ारा था.. मेरा वीर्य भाभी के मुँह.. गाल.. होंठों और रसीली चूचियों पर चमक रहा था…
भाभी पूरी बिल्ली जैसी लग रही थीं जो मलाई चाटने के बाद अपनी जीभ से बची हुई मलाई को चाटती है।
भाभी ने अपनी गुलाबी जीभ अपने होंठों पर फिरा कर वहाँ लगा वीर्य चाटा और फिर अपनी हथेली से अपनी चूचियों को मसलते हुए पूछा- क्यों देवर राजा.. मज़ा आया लंड चुसवाने में?
‘बहुत मज़ा आया भाभी.. तुमने तो एक दूसरी जन्नत की सैर करवा दी… मेरी जान… आज तो मैं तुम्हारा सात जन्मों के लिए गुलाम हो गया… कहो क्या हुक्म है…?’
‘हुक्म क्या.. बस अब तुम्हारी बारी है।’
‘क्या मतलब.. मैं कुछ समझा नहीं?’
‘मतलब यह मेरे भोले राजा.. कि अब तुम मेरी चूत चाटो…’
यह कह कर भाभी खड़ी हो गईं और अपनी चूत मेरे चेहरे के पास ले आईं।
मेरे होंठ उनकी चूत के होंठों को छूने लगे।
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