RE: XXX Stories बीवी ने मेरा काम बनवा ही दिया
मैं उसकी बॉब कट ज़ुल्फो की महक लेता हुआ बोला के वो कई दिन की कसर पूरी करके ही बाहर निकलेंगे.फिर मेने उसके पेट के नीचे तकिया लगाया जिस से उसके चूतड़ काफ़ी उपर हो गये और मेने झट से उस ख़ज़ाने को चूमना चाटना शुरू कर दिया.उसकी रोम विहीन योनि से लेकर गांद तक पागलों की तरह चाटने लगा.मेरे साले और बीवी की रासलीला देख कर काजल की झिझक ख़तम हो गयी थी काजल की चूत से अमृत की बारिश होने लगी ,मेने एक बूँद भी जाया नही की.काजल ने बेबस होकर अपने चूतड़ उपर उठा लिए और बोली के भैया जो करना है जल्दी कर्लो कहीं भाभी ना अजाए.मैं उसके गोरे पिच्छवाड़े को फिर चूमने और चाटने लगा तो काजल बोली के हाए भैया अब डाल भी दो.मेने भी गांद को जीभ से और गीला किया ,फिर आलू जैसा मोटा सूपड़ा गांद पर रख कर दबाव बढ़ाया पर लंड नही घुसा.काजल बोली के भैया मेरी गांद कुँवारी है और आपका लंड मोटा भी ज़्यादा है, लाओ इसे मैं चिकना कर दू.
यह कह कर वो मेरी और मूडी और लंड को मूह मे लेने की कोशिश करने लगी. मोटाई से पूरा मूह ब्लॉक हो गया तो वो सारे लंड को जीभ से चाटने लगी.जब लंड पूरा गीला गया तो उसने तकिये पर गाल टीका कर गांद को उँचा उठा लिया.मैं भी घुटनो के बल उसकी गांद पर लंड टिका कर दोनो चुचिओ को पकड़ कर शॉट लगाया तो गांद के टाँके उधाड़ गये और आधा लंड बेहन की गांद मे घुस गया.काजल के मूह से एक घुटि सी चीख निकली “उई मा…हाए भैया रूको”.मेने एक और करारा शॉट मारा और मेरे अंडकोष उसके चूतदों से जा लगे.अब पूरा 10? लंबा और 4? मोटा लंड काजल की गांद मे था और वो सिसक रही थी.मैं उसके गालों पे ढालके आँसू को चाटने लगा ताकि उसे कुच्छ धीरज बँधा सकूँ.
एक हाथ नीचे ले जाकर मेने उसकी चूत के लहसुन को सहलाना शुरू कर दिया.थोड़ी ही देर मे काजल नॉर्मल हो गई और जाँघो को थोड़ा चौड़ा करके लंड को गांद मे अच्छी तरह अड्जस्ट कर लिया.काजल सी सी कर रही थी और मैं उसके चुचि को दबा रहा था और अपना लंड उसकी मस्त गंद मैं अंदर बाहर कर रहा था .काजल आआहाहह आआआअहह आह ऊऊओह किए जा रही थी.थोड़ी देर के बाद काजल सिर्फ़ सीईईईईई सीयी सीईइ कर रही थी अब उसे भी मज़ा आ रहा था वो भी गंद को धीरे धीरे पीछे कर रही थी . 10 मिनिट पूरे ज़ोर से धक्कों के बाद काजल ने भी तेज़ी से जवाबी धक्के देने शुरू कर दिए और झाड़ गयी,मैने भी आपना पानी काजल रानी के गंद मे ही छ्चोड़ दिया और मैं काजल के होंठो को चूमने लगा और हल्के हल्के उसके चुचि दबा रहा था.थोड़े देर मैं हम दोनो ठंडे हो गये .
काजल ने मुझे प्यार से मारते हुआ कहा कि मैं आप से कभी नही ये सब कराउंगी आप बहुत ज़ोर से करते हो और मुझे मारने लगी .मैने उसे किस कर के शांत कराया और बोला मेरी प्यारी बेहन मुझे माफ़ कर दो मैने तुम्हारे प्यार मे पागल होकर ऐसा किया और फिर काजल ने कपड़े बदले और जाकर सो गई .मैं सोते समय सोच रहा था कि मैने बेहन की गांद तो मार ली लेकिन किसी को पता नही कि वो मुझसे चुद गई है. उस दिन शाम को मेरी पत्नी ने सुझाव दिया,” सुधीर प्यारे, मैने तरुण से काजल की शादी की बात चलाई थी. मेरे भाई को काजल पसंद है. तरुण की नौकरी भी अच्छी है. दिखने में भी सुंदर और स्मार्ट है. कोई बुराई भी नहीं है. अगर तुम काजल से उसकी पसंद पूच्छ लो तो बात आगे बढ़ा दूं? अपनी लड़की घर की घर में ही रह जाए गी, किओं कैसा लगा मेरा विचार?”
मैं सुन कर हैरान हो उठा. मेरी बेहन की शादी मेरे साले के साथ? “यानी कि मैं तरुण की बेहन को चोदु और साला तरुण मेरी बेहन को चोदे? यह कैसे हो सकता है? वो बेह्न्चोद तरुण मेरा साला है, जीज़्जा कैसे हो सकता है?” बात मुझे कुच्छ जच नहीं रही थी लेकिन जैसे मैं सोचने लगा तो इसमे बुराई भी कुच्छ नहीं थी. सुषमा मेरी बात से चिड गयी,” तुम हो गे बेह्न्चोद. मेरे भाई को कुच्छ मत कहना. मैं कर लूँगी काजल से बात. मान जाए गी वो मेरी बात. तुम सीधे किओं नहीं कहते कि अपनी बेहन को खुद चोदना चाहते हो. क्या मैं नहीं देखती कि तेरी नज़रें कैसे पीछा करती हैं तेरी बेहन की गांद और चुचि का. जब भी मैं तेरी बेहन का जिकर करती हूँ, तेरा लंड फड़फड़ा उठता है.” मेने कहा के तू कोन्सि कम है, जब से आया है अपने भाई से चिपकी हुई है.
शादी से पहले भी तू अपने भाई से सुहागरात मनाती रही होगी.और उमीद करती है के काजल को सीलबंद सोन्प दू. करारा जवाब सुनकर मेरी बीवी कुच्छ ढीली पड़ी और बोली के साफ-2 कहो ना के शादी से पहले तुम काजल की सील तोड़ना चाहते हो तो ये बात है मैं आपकी ये शरत भी मान ने को तैयार हूँ लेकिन अगर काजल राज़ी ना हुई तो ? फिर भी मैं कोशिश करूँगी..
काजल को रिश्ते से कोई एतराज़ ना था और कुच्छ ही दिनो में काजल और तरुण की शादी हो गयी. काजल ने शादी की रात हमारे घर पर ही मनाई. मेरी बेहन शादी के लिबास में एक परी जैसी लग रही थी.मेरी पत्नी ने उसे सुहागरात के लिए खूब सजाया था.मेहन्दी लगे हाथों मे हरी-2 चूड़ीयाँ,नाक मे नथ्नि,कानो मे झुमके,पावं मे छम-2 करती पायल.मैं तो काजल को देख-2 कर पागल हो रहा था.मैं जानता था के काजल मुझे देने से इनकार नही करेगी पर बीवी की सहमति के बिना मौका नही मिल सकता था. मेने सुषमा को उसका वादा याद दिलाया के वो मेरा काम बनवा देगी. रात को काजल और वो दूसरे कमरे मे गयी जहाँ काजल सुहागरात के सपनो मे खोई हुई थी.मैं खिड़की की आड़ मे सुन रहा था.मेरी पत्नी कह रही थी ” मेरी प्यारी ननद अब हमसे दूर चली जाएगी, काजल तुम्हारे भैया का हाल बहुत बुरा है.
वो रो रहे हैं के उनकी बेहन पराई हो गई है .काजल तुम ही अपने भैया को कुच्छ धीरज बंधाओ के तुम उनके पास आती रहोगी.काजल तुम्हारे भैया को मैं यहाँ भेजती हूँ, भावना मे बह कर तुम्हे बाहों मे ले या पप्पी बागेरा ले तो तुम भी उतना ही प्यार जताना ताकि उसका कुच्छ गम हल्का हो जाए,कुच्छ देर बातें करके उनको नॉर्मल करो. 12.00 बजे तक मैं मेरे भैया के पास रहूंगी, वो भी तुम्हारे इंतेज़ार मे बेचैन हो रहे होंगे. सुषमा ने काजल के गाल चूमे और बाहर आगाई.मेने बेचैनी से पुछा के क्या प्लान है.सुषमा बोली ” आप काजल के पास जाओ और उस से बिच्छुड़ने के दुख को बताओ और आहिस्ता-2 उस से प्यार करो, वो आपका इंतेज़ार कर रही है.मेरी ख़ुसी का कोई ठिकाना ना था.मेरी बीवी ने फिर कहा ” लूँगी पहन लो और अंडरवेर उतार कर जाना, काजल को धीरे-2 प्यार करना, सारा एकदम मत घुसेड देना, आपका बहुत मोटा और लंबा है,मुझे यकीन है के आहिस्ता-2 करोगे तो वो आपका लंड झेल लेगी.एक बार अड्जस्ट होने के बाद उसे इतना मज़ा आएगा के वो खुद आपको नही छ्चोड़ेगी .”मेरी बेचारी बीवी को क्या मालूम था के हमे तो मौका चाहिए था जो उसने खुद दे दिया.
मैं काजल के रूम मे पहुँचा और अंदर से कुण्डी लगा दी. काजल दुल्हन के लिबास मे सेज पर बैठी थी. उसने उठ कर मेरे पावं च्छुए तो मेने उसके कंधे पकड़ कर ऊपेर उठाया और हम दोनो एक दूसरे से लिपट गये.फिर काजल बोली ” ठहरो भैया, मे सेज पर ही जाती हूँ. इतना उतावलापन भी ठीक नही. काजल ने सुहाग सेज पर बैठ कर घूँघट निकाल लिया.मैं समझ गया के मन ही मन उसने मुझे ही पति मान लिया है.मेने दोनो हाथो से काजल का घूँघट उठाया .काजल की आँखे झुकी हुई थी. मेने उसकी थोड़ी के नीचे उंगली रख कर मुखड़ा ऊपेर उठाया, हमने एक दूसरे की आँखो मे देखा और हमारे होंठ मिल गये. वाह क्या खुसबू थी मेरी बेहन की साँसों की .जल्द ही काजल ने अपनी जीभ मेरे मूह मे डाल दी और मैं उसका मीठा-2 मुखरास पीने लगा.फिर काजल मेरे कान मे फुसफुसा ” भैया आज हम भाभी से बदला लेंगे, जैसे उसने पहली सुहागरात तरुण से मनाई थी, आज आप भी मेरे से पहली सुहाग रात मनाओ. भाभी ने कहा है के 12 बजे तक वो
उसके भाई के पास रहेगी .मेने काजल का सुर्ख जोड़ा उतार दिया, फिर उसकी नथ भी उतार दी और उसे पूरा नंगा करके चूतादो के नीचे तकिया लगा दिया. काजल ने खुद ही टाँगे चौड़ी कर ली. मैं उसकी योनि देखता ही रह गया. आज तो उसकी योनि कुच्छ ज़्यादा ही खूबसूरत लग रही थी. जो थोड़े से रोएँ थे वो भी उसने हेर रिमूवर से सॉफ कर रखे थे.बिना टाइम बर्बाद किए मेने अपना मूह उसकी फुल्ली हुई योनि पर टिका दिया और योनि को चूमने और चाटने लगा. काजल की उंगलिया मेरे सिर के बालो को सहला रही थी.उसकी चूत का लहसुन एकदम खड़ा हो गया जिसे मे मूह मे भरकर चूसने लगा. काजल के दोनो हाथ मेरे सिर पर कस गये और ” हाए भैया मैं गयी ” कहते हुए वो झाड़ गयी. मेने उसका सारा अमृत रस चाट लिया.कुच्छ देर की शांति के बाद उसने मुझे लेटने को कहा और ओंधी हो कर मेरे खड़े लंड को चूमने और चाटने लगी.
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