RE: Antarvasna मैं तेरा आशिक़
लेकिन शायद कोई उन्हे बाहर से देख रहा था उसकी आँखो में आग थी और उसके हाथ की मुट्ठी कसी और और वो झाड़ियो से बाहर निकलके भाग गया
आज डॉली की आँखो से नींद कोसो दूर थी क्यूंकी सुबह की रोशनी में उसने खुद को करण की बाहों में देखा उसने खुद की आँखो को धीमे धीमे पलक झपकाकर करण को देखा जो कि नंगे बदन उसके जिस्म से लिपटा हुआ सो रहा था डॉली एक हल्की मुस्कुराहट लाई जो शायद काफ़ी महीने पहले गुम हो चुकी थी डॉली ने हल्के से उसके गाल पे एक चुंबन किया जिसका आहेसास होते ही कारण भी उठकर उसे देखने लगा
सोई नही अब तक...कारण ने धीमी आवाज़ में कहा
तुमने सुकून की ज़िंदगी का आहेसास करा दिया इससे बढ़कर मेरे लिए और क्या होंगी...डॉली ने मसूकुराते हुए करण पर अपनी नज़र दौड़ाई
करण ने उसके कोमल हाथो को अपने मज़बूत हाथो में लेकर उसकी उंगलियो को अपने उंगलियो से टटोलने लगा...काश ये सब पहले होता आज पहली बार मुझे प्यार का आहेसास हुआ है डॉली काश मैं तुम्हारी ज़िंदगी को उस कुत्ते से बचा पाता...अब तो तुम मेरे साथ हो ही ना...हाहहहा
करण ने हँसते हुए डॉली को अपने सीने से लगा लिया डॉली अपनी चुचियो को रज़ाई से ढककर उसके गले लग गयी
सुबह के 10 बज चुके थे और करण पोलीस स्टेशन पहुच चुका था और कुछ ही देर में अब वो कमिश्नर के पास खड़ा था...सर ये रहे वो रिपोर्ट्स जिसमे ये सॉफ ब्यान है कि ये काम उस कामीने राज का ही हो सकता है
तुम ऐसा कैसे कह सकते हो करण ही ईज़ ऑलरेडी डेड और तुम्हे लगता है ये दो कतल उसने किए पर कैसे??....कमिश्नर ने मायूस हो कर कहा
सर कहते है कि कभी कभार ज़िंदगी मौत से भी आगे बढ़ जाती है ये राज कोई मामूली इंसान नही है ही ईज़ आ सूपरह्यूमन उसमें काफ़ी ताक़त है वो एक ख़ूँख़ार दरिन्दा है
पर प्रूव्स तो ये बताते है कि राज उस रांग के आक्सिडेंट में मारा गया था...
करण-.क्या हमे बॉडीस का पता लगा....
कमिश्नर-नही नही
करण-तो...फिर आप कैसे कह सकते है कि वो सचमुच मारा जा चुका है सर दो कतल जो हुए है ये कोई नही कर सकता इंसानियत को खो कर किसी ने ये घिनोना काम किया हो सकता है और मैं आपसे कहता हू अब तीसरा अटॅक डॉली पर होगा..
कमिश्नर-.लेकिन तुम इतने यकीन के साथ कैसे कह सकते हो करण अगर राज ज़िंदा है तो वो यक़ीनन डॉली को पहले मौत के घाट उतारता..
करण-.नही सर वो ऐसा नही करता क्यूंकी वो डॉली को काफ़ी चाहता है चाहे डॉली उसे दस ज़ख़्म भी क्यू ना दे दे वो ऐसा ही रहेगा ही ईज़ आ साइको लवर और रहीं बात उन दो कतलो का तो राज ने ये कतल अपनी हैवानियत को शांत करने के लिए किए सर ही ईज़ टोटली आउट ऑफ माइंड सर वो एक पागल के साथ साथ एक वहशी इंसान है..
कमिश्नर-.ठीक है तुम्हारी बातों से मुझे थोड़ा यकीन हो रहा है अब तुम डॉली के साथ 24 घंटा उसकी प्रोटेक्षन में रहना आंड बी केर्फुल अगर वो ज़िंदा है तो ये सबसे बड़ी ख़तरे की घंटी है उसपर वो कभी भी हमला कर सकता है नाउ यू मे लीव..
कारण-.सर
करण सल्यूट करता हुआ पोलीस स्टेशन से निकल गया और जल्द ही डॉली के घर में पहुच चुका था दोनो गार्डन में बैठे ढलते सूरज को देख रहे थे...
डॉली-.क्या हुआ करण तुम बहुत खुश लग रहे हो?..
करण-.खुशी की बात ही है..
डॉली-.क्या है ऐसा..
करण-.जानना चाहती हो तो सुनो पोलीस ने मुझे तुम्हारी प्रोटेक्षन के लिए हाइयर कर लिया है और हम अब साथ 24 घंटे गुज़ार सकते है वैसे तुमने अपनी मोम को कल रात का वाक़िया बताया..
डॉली-हाँ उन्होने कहा है कि पोलीस की कस्टडी में रहना वरना कुछ भी हो सकता है
इतना कहते ही डॉली की आँखो में आँसू छलकने लगे...
करण-आर...अर्रे ये क्या तुम रो रहीं हो? सस्शह...कारण ने डॉली को अपने सीने से लगा लिया....वैसे तो आज काफ़ी दिन है हमारे पास तुम्हारी मोम कल तक आ जाएगी और इतनी शाम पड़ी है क्यू ना...डॉली को बोलने की कोई ज़रूरत ही नही पड़ी करण उसे गोद में उठाता हुआ घर में ले गया
उधर राज ने ज़ोर से शीशे पर अपने घुस्से का वार किया काँच के शीशे बिखर गये और उसके हाथो में भी थोड़े बहुत चुभ गये राज ने अपने माँस से काँच को एक एक करके निकाला और वापिस दीवार के सहारे हाथ लगाकर सोच में डूब गया
क्यू डॉली क्यू मेरे साथ ऐसा क्यू किया तुम्हे उस कुत्ते के साथ बिस्तर पर देखकर जानती हो मुझपर क्या क्या बीत रहीं है मैने कितने सपने देखे थे हम साथ होते आआआआआआअहह आज तुमने मुझे एक बार फिर झुका डाला है लेकिन मैं कसम खाता हू वो दिन भी करीब आएगा जब मैं तुम्हे अपनी बना लूँगा अपनी आआअहह
करण डॉली के पेट को चूमता हुआ उसके चेहरे को कसते हुए उसके होंठो को चूसने लगा डॉली ने भी अपने जिस्म से कपड़ा हटा डाला और उसके जिस्म पर चूमने लगी करण ने खुद को उस वर्दी वाले कपड़ो से आज़ाद कर लिया और उसकी चुचियो को मूँह में भरकर चूसने लगा उसकी फुद्दि पर हाथ लगते ही डॉली सिहर उठी करण ने उसकी फुद्दि को रगड़ते हुए उसे सूँघा उसकी मादक खुसभू करण को पागल कर गयी और उसने अपनी उंगली उसके मुँह में डाल दी डॉली ने उंगली को पूरा चूसा और उसके बाद करण की बेल्ट को खोल दिया करण ने भी अपनी पॅंट को अपने से अलग कर लिया और दोनो ने मिलकर ईक दूसरे को फिर से चूमना स्टार्ट कर दिया करण ने उसकी फुद्दि में उंगली डाली और उसकी कसी चूत जल्द ही खुल गयी करण ने उसकी फुद्दि को अपनी जीब से चाटना शुरू कर दिया और उसकी चूत को पूरा गीला कर डाला 2-3 मिनिट में ही डॉली की चूत गीली हो चुकी थी क्यूंकी वो पहले ही उत्तेजना की ल़हेर में तैर रहीं थी
क्रमशः…………………………….
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