RE: Antarvasna मैं तेरा आशिक़
करण-हां बोलिए डॉक्टर...
डॉक्टर-.ये देखिए इसके चेहरे -को काट दिया है आँख निकाल ली गई हैं
कारण.-माइ गॉड दिल्ली में कभी ऐसे केस से पाला नही पड़ा...
डॉक्टर-और सर ये देखिए इसके पेट के अंदर तेज़ाब डाला गया है जो कि थोड़ी ताज़ा है..
करण-.छी...कारण ने रुमाल मुँह पर लगाते हुए कहा...आख़िर इस बेचारी की दुश्मनी किससे थी जो इसे ऐसी मौत मार डाला..
डॉक्टर-.सर खून बेरेहमी से हुआ है लड़की को काफ़ी तढ़फाया है पहले सडमाइज़ आंड देन इसके साथ टॉर्चर..
करण-.बाप रे ना जाने कौन चूतिया है जो ऐसा कर रहा है न्यूज़ वालो को जवाब देना भारी पड़ेगा थॅंक यू डॉक्टर
करण वापिस लाश के जगह से हट गया और खरे के साथ बाते करने लगा..ये हादसा कुछ देर पहले हुआ है इसका मतलब सॉफ है खूनी वही है जिसने पहले वाली को मारा ना जाने क्यू लग रहा है कि ये कातिल कुछ चाहता है पर समझ नही पा रहा क्या??....
खरे-.क्या सर आपका मतलब मैं समझा नही..
करण-अर्रे घोचु मेरा मतलब ये है कि खैर छोड़ो डॉली की प्रोटेक्षन का क्या हुया.
खरे-.सर 24 घंटे उसपर नज़र है ख़ुफ़िया पोलीस ने बताया कि कोई शक्स उसके घर नही गया ना उसे कोई मिलने आया..
करण-.ह्म तब तो ये सॉफ हो गया है की कातिल उससे ज़रूर मिलेगा
डॉली सोई हुई थी तभी उसके बगल में रखा फोन बज उठा त्रिंग त्रिंग...हेलो..डॉली....डॉली का चेहरा ख़ौफ़ से भर गया आँखें बाहर आ गयी...कौन है..
.............मेरी जान मुझे भूल गयी.
डॉली-.कौन बोल रहा है...
.................ह्म्म्म्मम ह्म्म्म्मम प्यार माँगा है तुम्ही से हाहहहहहाहा....
डॉली-.नही नही..
..........ओह पहचान लिया मेरी जान डॉली कैसी हो तुमने मुझे मौत के मुँह में छोड़ दिया और मैं तुम्हे भूल जाउन्गा कतयि नही कभी नही कभी नही..
डॉली-.नूऊओ मा मा...डॉली फोन फैंकते हुए बिस्तर से बाहर भागी उसकी मा घर पर नही थी उसने फोन वापिस हाथ में लिया..
.....हाहाहा दूर होकर भी मेरे पास आ ही जाओगी मैं तुम्हारा इंतेज़ार कर रहा हू मैं तुम्हे लेने आउन्गा हम फिर साथ साथ रहेंगे..
डॉली-.नही तुम मेरी ज़िंदगी से चले क्यू नही जाते...
राज-..कैसे जाऊ तुम मेरा प्यार हो मैं तुम्हे माफ़ कर चुका हू ट्रस्ट मी हम साथ रहेंगे खुली रातों मे एक दूसरे के जिस्म से लिपटकर याद करो कितना मज़ा आता है आहह बेब मैं आ रहा हू.
डॉली-.नही नही नही नहिंन्ननणणन् माआ...टिंग तोंग....घर के दरवाजे की घंटी बजती है डॉली की आँखो से आँसू निकलते है और वो पीछे होने लगती है घंटी बार बार बजती है...नही नही चले जाऊ जाओ यहाँ से प्लीज़ लीव मी अलोन...घंटी बजती रहती है और तभी दरवाजे पर खटखट होना शुरू हो जाता है डॉली हाथ मे एमिन चाकू लिए दरवाजे की तरफ बढ़ती है और सीधे जाते ही दरवाजे की चितकनी को खोलती है और ज़ोर से दरवाजे पर लात मारते हुए वो चाकू लेके उस शक्स पर हमला करने वाली होती है...ओह...
.आआआआआआहह...पर इस चीख के बाद भी एक चीख थी जो किसी और शक्स की थी
ओह माइ गॉड वेट्ट्ट....शाकस चिल्ला पड़ा और उसके चाकू को पकड़ता हुआ डॉली को हैरानी से देखने लगा
डॉली ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी सामने खड़े शक्स को देख उसकी जान में जान आई वो और कोई नही करण ही था....इनस्पेक्टर करण आप यहाँ?....उसके मुँह से और कोई वर्ड निकला और करण के बोलने से पहले ही डॉली उसके गले लग कर रोने लगी
करण-क्या क्या हुआ आपको हे वेट क्या हुआ बाप रे आज तो मैं गया था काम से?...करण डॉली को ऐसे खुद से लिपटते देख हैरान हो उठा
दोनो घर में थे और डॉली उसके बिकुल करीब बैठी थी
डॉली-आप यहाँ कब आए....
करण-जब आपकी चिल्लाने की आवाज़ सुनी तब.
डॉली-..मैं आपका मतलब समझी नही.
करण-..ह्म्म्म जैसा आप जानती है दो लड़कियो का खून हो चुका है और इन लड़कियो को मारने वाला शक्स कोई एक ही है जिसे आप अच्छी तरीके से जानती है.
डॉली-..मैं आपका मतलब अब भी नही समझ पा रहीं..
करण-.देखिए मैं जानता हू कि आपको बेहद दुख हुआ है जो भी आपके साथ हुआ लेकिन मैं आज पक्का डर गया था आप तो मुझे मार ही देती..
डॉली=.आइ आम सॉरी मुझे उसका कॉल आया था..
करण=.किसका...
डॉली-.राज का..
करण-.क्या??...
डॉली-.हां आइ नो ही ईज़ डेड या शयाद कोई मेरे साथ घिनोना मज़ाक कर रहा है लेकिन ये सच है मैं नही जानती कि ये वही था वो मुझे धमकी दे रहा था कि वो मुझे फिरसे पा के रहेगा..
करण-.मुझे लगता है आपका शक बिल्कुल सहीं है राज ज़िंदा है
|