RE: Antarvasna मैं तेरा आशिक़
मैं तेरा आशिक़--16
गतान्क से आगे………………………..
वो शक्स धीरे धीरे उसके पास जाता है उसके चेहरे पर दाढ़ी है जो ये ब्यान कर रही है कि कितने सालो से वो क़ैद है उसने हाथ में रब्बर के दस्ताने पहने होते है और वो एक कातिल भरी मुस्कुराहट के साथ उस लड़की को देखता है
उसके हिलते चुचियो को देख वो एक बार ज़ोर से आहें लेता है और उसके चुचियो के निपल्स टाइट और एकदम लाल होते है और उसके चुचि पर लाल लाल निशान होते है मानो उसके साथ किसी ने थोड़ी देर पहले उसे मसला हो ज़ोर ज़ोर से वो शक्स फिर उसके बगल में रखके मज़े की तरफ बढ़ता है जहाँ ओपरेशन का सारा सामान होता है वो एक ब्लेड हाथ में उठाता है जिसे उठाते देख लड़की ख़ौफ़ से और सहेमने लग जाती है और उसके आँखो से पानी निकल जाता है उसकी आँखें नशे से बिल्कुल लाल हो चुकी थी और वो बस दया और छोड़ने की भीक माँग रहीं थी……प्पल्ल्लस आहह मुझे छोड़….छोड़ दो मैं सच कहती हू किसी से इस बात का जिकर नही करूँगी आहह मुझे डर लग रहा है प्लीज़ मुझे मत मारो पर शक्स ज़ोर से हंसता है जिसके ठहाको से लड़की और चीखने चिल्लाने लगती है और वो शक्स धीरे धीरे उस लड़की के करीब आने लगता है
उधर ए सी पी जीप से जाने लगता है…हां खरे बोलो क्या खबर है?....सर एक लड़की गुमशुदा है उसका नाम तवस्सुम है और उसकी उमर लगभग 18 साल है…क्या?...करण खरे को देखते हुए कहता है
हां साहेब वो कल रात से गायब है लास्ट बार उसे जंगल की तरफ एक आदमी के साथ जाते देखा था…ठीक है ठीक है सब समझ गया वैसे भी इस शहर में ये कोई नयी वारदात नही है यहाँ लोग घूमने आते है और वो गायब हो रहे है ये कोई ख़तरनाक जुर्म की घंटी है हमे तुरंत उस जंगल तक पहुचना चाहिए
कारण तेज़ी से जीप को जंगल की तरफ रुख़ कर लेता है …….
3 मंत्स लेटर
डॉली अब एक नयी सिरे से ज़िंदगी जीने लगी थी अब वो सब मुसीबतो से बिल्कुल फ्री थी ना ही उसकी ज़िंदगी में कोई था और ना ही अब उसे किसी डर का आहेसास था लेकिन जो शर्मिंदगी उसे उठानी पड़ी शायद उससे अब वो पूरी तरीके से टूट चुकी थी अब उसे सिर्फ़ अपने काम पर ही ध्यान था वो रौब वो किसी को डाँट देना छोटी छोटी बात पर उफ्फ हाए करना वो ये सब भूल चुकी थी
उसकी मा ने उसके सर पर हाथ फेरा.....डॉली ने चौुक्ते हुए मासूम नज़रों से मा को देखा
बेटा क्या हुआ मेरी बेटी इतनी उदास?....मा ने मुस्कुरकर सवाल कहा
मा कुछ नही आज भी वो दिन याद आ जाते है कैसे क्या करू मैं?....डॉली के आँखो में आँसू आने लगे
क्या बात है जो तुम्हे डरा रहीं है मेरी बेटी? सबकुछ सहीं सलामत है तुम सेफ हो.....मा ने दिलासा देते हुए कहा
नही नही मा कुछ ठीक नही है जब भी मैं वो पल याद करती हू तो ना जाने मुझे किसी के साथ होने से डर क्यू लगता है अकेले सड़क पर चलने से मैं डरती हू वो मंज़र जो मुझे रह रह कर याद आता है क्या करू मैं उसका मा आप ही बोलिए...डॉली के आँखें आँसू से भर जाती है और मा के गोद में सर रख लेती है
बेटा जो हुआ उसे बुरे सपने की तरह भूल जा हालत पर किसका बॅस चला है तू याद रख एकदिन तेरी ज़िंदगी में कोई ऐसा आएगा जो तुझे कभी अकेलापन ख़ौफ्फ और डर तेरे पास भटकने नही देगा
नही मा मुझे अब किसी से प्यार नही करना ईवन मैं किसी से शादी भी नही करूँगी अकेले ज़िंदगी काटुन्गि नही
बेटा बात को समझो उस दुश्मन का ख़ौफ़ अब तुम्हारे सर से हट चुका है वो मर चुका है अब वो तुम्हारे ज़िंदगी में वापिस नही आ सकता
डॉली की मा उसके आँसू पोंछते हुए उसे बिस्तर पर ले जाके सुला देती है वो एक छोटे बच्चे की तरह सोने लगती है
डॉली की मा ये सब हाल देख कर रोने लगती है और कमरे से जल्दी निकल जाती है
वो शक्स सिगार खिचता हुआ सोफे पर बैठा है उसकी नज़र डॉली के कमरे से निकल रहीं उसकी मा को घुरती है वो भारी आवाज़ में कहता है...अब कैसी है हमारी डॉली?
अब वो ठीक है...डॉली की मा उसे बोलते हुए सोफे पर बैठती है
ह्म्म्म्म ये तो होना ही था भला वक़्त का किसपे ज़ोर रहा है आपकी बेटी को इस बात का गहरा सदमा लगा है और हो भी क्यू ना उसके साथ जो कुछ हुआ उसे ब्यान तो क्या याद करना भी उफफफ्फ़ मेरे तो रौंगटे खड़े हो जाते है...शक्स सिगार को कटोरे पर मसलता हुआ बोलता है
आप यहाँ कब आए?,....
.बस दिल क्या तो चला आया.....
ठीक ही किया आपने अब उसकी हालत में काफ़ी सुधार आया है ना जाने किस मंज़र से गुज़री है मेरी बच्ची उस शैतान ने तो मेरी बेटी को लगभग मार ही डाला था
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