RE: Antarvasna मैं तेरा आशिक़
डॉली ने कहा मैं जानती हू राज तुम्हारे साथ काफ़ी नाइंसाफी हुई मैं जानती हू पर मुझे तो ऐटलिस्ट ऐसा मत समझो मेरे अंदर की चाहत आज मैने तुम्हे बता दी है अगर तुम्हे अभी भी ऐसा लगने लगा है कि मैं भी फरेबी हू तो लो वो चाकू और काट दो मेरा भी गला……नही डॉली नही तुम ऐसा मत कहो आइ नो तुम सच कह रही हो और मैं भी ये बात जानता हू खैर…राज का कॉल बजा…….राज हेलो हां अच्छा ठीक है अभी आना है ओके…….अच्छा डॉली मुझे भी जाना है तुम कुछ ओढ़ लो ठंड काफ़ी है और हां मैं वो बात जो मैं हमेशा कहता हू शायद अब वो कहने की ज़रूरत नही है……………..हां सही कह रहे हो बेफिकर जाओ……ठीक है…………राज के जाने के बाद डॉली को वहाँ पर एक फाइल मिलती है जिससे राज का अतीत खुल जाता है
क्या है वो अतीत ?
क्या धरम डॉली तक पहुच पाएगा?
क्या डॉली सच में हार मानकर राज से प्यार कर बैठी?
डॉली वो फाइल को देखने लगती है और उस फाइल के हर पन्नो को बड़ी गौर से पलटते हुए देखती है डॉली की आँखें गहरी हो जाती है और उधर राज जीप चलाता हुया गुनगुनाता हुया सुहाने मौसम का मज़ा लेते हुए आगे बढ़ रहा होता है
ह्म्म्म्ममम प्यार माँगा है तुम्ही से ना इनकार करो पास बैठो ज़रा तुम थोड़ा इकरार करो ह्म्म्म्ममममममम म्म्म्मममममम
………………….राज ये गाने को बार बार गुन्गनाता है और डॉली के साथ हर पल की यादें अब उसके ज़हन में घूमती है वो खुश होता है और पागलो की तरह चिल्लाता है जुली आइ लव यू डॉली आइ रियली लव यू हाहहहहहहहा
पागल सा था उसका ये दीवानापन और सच में आज तो डॉली भी उससे हार चुकी थी और राज तो मानो खुशी से झूम रहा था ……………..डॉली डार्लिंग बस एक और दिन और उसके बाद तुम और मैं हां सिर्फ़ ये आखरी दिन उसके बाद हम हमेशा के लिए एक हो जाएँगे हमेशा हमेशा के लिए……………डॉली ने वो फाइल बेड पर रखते हुए सोचने लगी………. डॉक्टर पठान ये डॉक्टर पठान मुझे कहाँ मिल सकते है नही नही अगर मैं उनसे मिली तो राज को लगेगा कि मैं अब भी उसे दरकार करके ये प्यार का नाटक कर रही थी और शायद उसके साथ सचमुच मुझे मारने से नही कांपेंगे लेकिन ये बात मैं धरम तक पहुचाऊ कैसे ? मेरी एक चूक शायद मेरे साथ साथ और लोगो की भी जान ले सकती है पर अब मैं और चुप नही बैठ सकती राज की इस दरिंदगी को अब तो रोकना ही होगा वरना मुझे इस ज़िल्लत और कहेर भरी ज़िंदगी में डूबना पड़ेगा…………….जानती थी नो मोबाइल फोन्स उसने सब कुछ प्लान के मुताबिक किया है उसका अब भी मेरे उपर पूरा विश्वास नही है अब तो सिर्फ़ एक ही काम हो सकता है इस फाइल को धरम तक पहुचाना पर कैसे ???? मैं यहाँ से निकल भी तो नही सकती एक मिनिट इस घर के पीछे वाले हिस्से मे काफ़ी मिट्टी को ढेर है पर संभलकर अब ये एक चूक मेरी जान पर भी जा सकती है……………..डॉली ने पीछे के बाल्कनी से नीचे की ओर देखा शायद बेरिश की वजह से वहाँ काफ़ी कीचड़ फैला हुया था डॉली दबे पाओ वापिस आई और खिड़की से बाहर झाँका वहाँ कोई भी नही था इसका मतलब राज सच में अब वहाँ से जा चुका था डॉली ने वो फाइल ली और सीधे खिड़की से छलाँग लगा दी छलाँग लगाते ही डॉली मिट्टी में गिरी उसने दोबारा से खिड़की को सटाने की कोशिश की और खिड़की सॅट गयी डॉली के पास अब अच्छा मौका था डॉली ने तुरंत बाहर जाकर भागी अब वो घाटी की तरफ थी शायद दूर दूर तक कोई घर भी नज़र नही आ रहा था हर तरफ धुन्ध सी थी और बदल भी छाए हुए थे डॉली ने वोई नाइटी पहनी हुई थी डॉली के शरीर पर बस वो रेड कोट और कंबल थी जब उसे राज ने पकड़ा था तो वही छूट गयी थी उस पुराने कॉटेज में से शायद राज उसे अपने घर ले आया था छुपाने के लिए डॉली अब भी भाग रही थी उसने अपने हिल्स उतार कर वही झाड़ियो में फैक दिए जिससे वो दिखे ना वो नंगे पाओ ही दूसरे रास्ते निकल आई डॉली ने तभी सामने से आ रही एक टॅक्सी को रोका और उसमें बैठकर वहाँ से निकल गयी उसने अपने हथेली से कुछ पैसे निकाले जिसमे 100 रुपये थे डॉली ने उसे लिया और तभी वो पोलीस स्टेशन पहुचि और अपनी हथेली के 100 रुपये उस टॅक्सी ड्राइवर को दिए टॅक्सी ड्राइवर ने ना उसपर इतना गौर किया डॉली टॅक्सी से निकलकर पास ही एक दीवार के पीछे छुप गयी अब वो सुरक्षित थी पर ज़्यादा देर तक के लिए नही अगर उसे राज देख लेता तो शायद कयामत आ जाती लेकिन उसे अपने प्लान पर पूरा यकीन था डॉली ने चोर नज़रो से धरम को इधर उधर देखने की कोशिश कि तभी उसे एक हवलदार मिला डॉली ने अपने कंबल से खुद के चेहरे को ढक रखा था डॉली ने वो फाइल उस हवलदार के हाथो में देकर कहा हवलदार साहेब आप जल्द से जल्द ये फाइल धरम को दे दीजिएगा प्लीज़ किसी की ज़िंदगी या मौत का सवाल है प्लीज़ मैं उनकी मदद कर रही हू बाकी बात वो खुद समझ जाएँगे
हवलदार उसे चौुक्ती हुए नज़रो से देख रहा था डॉली वहाँ से कंबल ओढ़े भाग गयी हवलदार उसे रोकता रह गया आए आए रूको वापिस आओ कौन थी यह औरत ये फाइल ज़रा पढ़ता हू हलवदार को उस फाइल में एक काग़ज़ मिला हलवदार वो फाइल अपने साथ स्टेशन के अंदर ले गया ……………डॉली ने अपना आधा काम कर दिया था डॉली तुरंत वहाँ से नंगे पाओ भाग गयी जानती थी राज उसे कभी भी पकड़ सकता है राज स्टेशन आ पहुचा आज उसका मूड कुछ ज़्यादा ही अच्छा था हलवदार ने कहा अरे साहेब आज बहुत खुश है…………हां क्यू नही दिन तक काफ़ी सुहाना है वैसे धरम जी आए कि नही उनके कहने से पहले ही मैं ड्यूटी पर आ गया दिल तो नही था पर क्या करू जुर्म कुछ ज़्यादा ही बढ़ चुका है………वो तो है………….अर्रे ये फाइल कैसी है खरे…………अरे नही साहेब वो धरम जी की है मैं चलता हू……….अच्छा ठीक है जाओ जाओ…………राज ने उस फाइल पर इतना ध्यान नही दिया उसके करीब से वो फाइल निकल चुकी थी उधर धरम की हालत भी काफ़ी खराब थी और वो टेन्षन में पड़ा हुया था वो बार बार डॉली के किडनॅपिंग के बारे में सोच रहा था तभी उसका फोन बज उठा……………….हां कहो क्या बात है क्या फाइल मिली है ठीक है मैं आता हू तुमने जानने की कोशिश नही की वो औरत कौन थी……………..नही साहेब वो भाग चुकी थी तब तलक………ठीक है ठीक है मैं अभी वहाँ पहुचता हू तुम वही रहना कहीं जाना मत और फाइल पर गौर करना कहीं गुम ना हो जाए………ठीक है सर……………ओके मैं पहुचता हू
डॉली भागते हुए उसने टॅक्सी दोबारा ले ली थी और घर तक पहुच चुकी थी डॉली ने उपर के नज़ारे को देखा बादलो से बारिश की बूँद टपकने लगी थी डॉली ने झट इधर उधर झाँका और फिर भागते हुए मिट्टी के ज़रिए वापिस घर की ओर जाने लगी उसने दोबारा से मिट्टी पर चढ़ने की कोशिश की पर फिसल कर वापिस ज़मीन को आ जाती………..ओह नो अब ये क्या बला है अगर मैं अपने घर तक नही पहुचि तो राज मुझे ढूंढता हुया यहाँ भी आ सकता आए भगवान मेरे साथ ये हो क्या रहा है डॉली ने खिड़की पर जैसे तैसे चढ़ लिया और कमरे के अंदर परवेश हो गयी डॉली ने झट से अपना गंदा कोट उतारा और उसपर ढेर सारा पानी डाला उसने अपने कंबल को भी बहुत कपड़ो में डाल दिया था वो एक सबूत भी नही छोड़ना चाहती थी …………….उधर धरम पोलीस स्टेशन पहुचा जहाँ राज पहले से उसके कॅबिन में खड़ा था……….हेलो सर……………हेलो जेंटल मेन कैसी तबीयत है तुम्हारी?........हां सर अब तो मच फील बेटर सर वैसे अब तक पोलीस को कोई सुराग मिला……….नही लगता है तुम सहीं थे मैं भी पागल हो चुका हू अब से मैं भी इतना टेन्षन नही लूँगा वैसे तुम्हे वो जूते के निशान कहाँ मिले थे………धरम ने अपना सिगार जलाते हुए राज को देखा……..नो सर वो वही झाड़ियो में थे शायद छुपकर लाश को वहाँ तक लाके उसकी दर्दनाक मौत की चीखो को थोड़ी देर वहाँ से सुनकर वो लोग चले गये होंगे…..ह्म्म्म्म स्ट्रेंज वेरी स्ट्रेंज वैसे डॉली का कुछ तो सुराग मिल ही सकता है तुम एक काम करो पोलीस फोर्स के साथ जाके इस शहेर की हर जगह पता करो………..ओके सर जैसा आप कहें……राज पीछे पलटकर एक मुस्कुराहट के साथ वहाँ से निकल चुका था……धरम को उस फाइल का याद आया उसने वो फाइल हाथो में ली और जैसे उसके एक पन्ने को पढ़ा पानी की तरह सब सॉफ दिखने लगा था धरम की आँखें एक बार और कठोर सी हो गयी उस फाइल में राज के साइको होने की खबर थी
मुल्तार मेंटल हॉस्पिटल
एअर - 2000
नेम – राज शर्मा
एज - 28
सेक्स - मेल
आ पेशेंट हॅविंग ओ.ओ.डी (ओवर ऑबसेसिव डिसॉर्डर)
और उसके बारे में बहुत सी जानकारी थी वो एक मेंटल पेशेंट था……………ओह गॉड यकीन नही होता यानी वो जिस्म पर राज नाम कहीं ये यहीं तो नही था ओह गॉड राज ही ईज़ ऑल्सो पोलीस इनस्पेक्टर नो नो इट’ कॅंट बी पासिबल मैं अपने सबसे काबिल पोलीस ऑफीसर पर शक कर रहा हू ऐसा नही हो सकता नही नही ……………………धरम ने ज़ोर से चिल्लाया……..खार्रीयययययययी……….जी सर जी सर क्या हुया सर आप चिल्लाए क्यू………….क्या यहीं है वो फाइल जो तुम्हे उस औरत ने दी थी कैसे कपड़े पहने थे उसने………….सर क्या बताए उसने तो सिर्फ़ एक कंबल ओढ़ रखा था और मुझे नीचे से कुछ शायद कोई लाल कोट पहना होगा साहेब वैसे किस चीज़ की फाइल है………धरम ने आँखें फाड़ते हुए कहा फाइल नही उस कातिल तक पहुचने का ज़रिया मिल चुका है……..क्या मतलब सर मैं समझ नही पाया…………अरे वो राज है……..क्या सर आपका मतलब इनस्पेक्टर राज…………नही नही मुझे नही पता कि ये वही है क्यूंकी इस नाम के आदमी तो काफ़ी हो सकते है हम ने पोलीस पर शक किस बिनाह पर कर सकते है धरम ने उस फाइल के हर पन्ने को छाना और तभी उस फाइल से वो काग़ज़ निकला………..धरम ने वो काग़ज़ उठाया
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