RE: Antarvasna मैं तेरा आशिक़
डॉली के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी और कहा थॅंक यू सो मच
उसके हिलते गाल जब डीप होते तो दो प्यारे डिंपल्स छोड़ जाते खैर डॉली को अपने इस अट्रॅक्षन से काफ़ी लोगो को लुभाने का मौका था लेकिन ऑफीस के कुछ लोगो की बाते सुनकर उसकी सारी मुस्कुराहट एक झटके में चली गयी
क्यूंकी कॅबिन के दीवार के पीछे एक सेक्रेटरी का रूम था जो कोई और नही ललिता थी और उससे बात कर रहे दो और ऑफीस वर्कर्स
जिनकी बाते ये थी
अरे शाम यार क्या बम्स है साली के दिल तो करता है नोच डालू
अर्रे पागल है क्या मरना है तुझे ऑफीस से तो हाथ धोएगा धोएगा जैल में रोटिया भी तोड़ने का इरादा है क्या वैसे क्या फरक पड़ता है हम तो सिर्फ़ निहारते है
ललिता के चेहरे पर तो गुस्सा सॉफ झलक रहा था और उसने कह डाला तुम मादर्चोदो को उस रंडी पे बड़ा प्यार आ रहा है ऐसा क्या है उस में
पहले बंदे ने कहा तेरी से तो 10 गुना अच्छी है कितनी मस्त हॉट है
दूसरे बंदे ने सिर्फ़ मुस्कुराया
और वैसे भी हम तो सिर्फ़ निहार और बात कर सकते है और तुम्हे क्या लगता है कि वो अपनी चूत हमे दे देगी बेटे बॉस की बेटी है जब उसके बाप के चलने से पत्ता पत्ता हिल जाता था तो इससे क्या एक्सपेक्ट कर सकते है
दूसरे बंदे ने वोई तो
तभी एक ज़ोरदार कॅबिन की घंटी बजी जो सिर्फ़ उन्हे ही सुनाई दी
पहला बंदा – लो मेडम ने बुला लिया लगता है आज प्रमोशन पक्का मैने 2 दिन से उसे निहारते निहारते पागल हो चुका हू
घंटी एक बार फिर बजी और इस बार नाम समीर का था जो कि दूसरा बंदा था
शर्मा इंडस्ट्रीस बहुत राइज़्ज़ थी यहाँ एक काम करने वाले यहाँ तक पीयान को भी बॉस सिर्फ़ घंटी की बजा कर अपना मेसेज देकर ऑफीस में दाखिल होने के लिए कह देता था बाकी हुकम के गुलामो पर था
समीर और वो पहला बंदा कॅबिन में घुसे और अपने मासूम चेहरे से कहा यस मॅम
पर डॉली की नज़र तो तीखी नज़रो से उन्हे ताक रही थी मानो कितना गुस्सा उसने पी लिया था उनकी बाते सुनकर
समीर – यस यस मॅम
डॉली की नज़र पहले बंदे पर पड़ी जो इधर उधर था वो पहले से काला था और चेहरे पर पसीने देख कर डॉली की मुस्कुराहट बदलने में ज़रा सा भी वक़्त नही लगा
डॉली – क्या हुआ मिस्टर… दीपक ओह या मिस्टर काला
वो पहले बंदे ने कहा – कुछ नही वो वो…. मैं मॅम आपने एकदम से बुलाया इस वजह से
समीर उसे देख कर कुढ रहा था
डॉली ने कहा वैसे आप लोग अगर सोच रहे है कि जो आप लोगो ने मेरे पीठ पीछे मेरी गंदी बाते की उससे मैं ज़रा भी वाक़िफ़ नही हू सो यू आर रॉंग
दोनो की सिट्टी पिटी गुम हो गयी और एक दूसरे को देखकर कहने लगे मॅम ये आप क्या बोल रही है हम तो आपके ऑफीस के वर्कर्स है आपकी इज़्ज़त ने ही तो हमे यहाँ रोज़ी रोटी दे रखी है
क्रमशः…………………………….
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