RE: XXX CHUDAI बरसात की हसीन रात
अगले दिन जब मैं सुबह उठा तो में अकेला ही बिस्तर में था, शीला मेरी बगल में नहीं थी।
मैंने शीला को पुकारा तो उसने कहा- आ रही हूँ ! तुम ब्रश करके तैयार हो जाओ !
मैं उठ कर तैयार हो गया।
दस मिनट बाद एक लड़की लाल रंग की साड़ी पहन कर मुँह पर घूँघट किए मेरी तरफ चली आ रही थी। मुझे पता था कि वह शीला ही होगी पर चेहरा ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था, उसकी साड़ी पारभासक थी, उसमें से उसका गोरा पेट और उसके गहरे गले के ब्लाउज से उसकी वक्षरेखा दिखाई दे रही थी। उसके हाथ में दूध का गिलास था, वह मेरे नजदीक बिस्तर पर बैठ गई और मुझे दूध का गिलास हाथ में देकर कहने लगी- लो पी लो दूध ! आज तुम्हें बहुत मेहनत करनी है फ़िर से !
मैंने उसकी आवाज़ सुनी और मैं समझ गया कि यह शीला ही है और इसका आज भी बहुत कुछ करने का मन है।
मैंने दूध पीया और उसका घूंघट उठाया।
दोस्तो, मैं आपको क्या बताऊँ ! वह क्या लग रही थी !
उसको इतना खूबसूरत मैंने कभी नहीं देखा था !
वह मेरी तरफ देखने लगी, उसकी आँखों में इतनी शरारत भरी हुई थी ! मैंने उसको वैसे ही चूमना शुरू किया, वह भी मुझे उसी तरह से चूमते हुए मेरा साथ देने लगी।
हम दोनों उसी तरह आधा घंटा एक दूसरे को चूमते रहे। मैं उसके स्तन भी दबा रहा था।
वह बहुत गर्म हो गई थी, मैंने उसको लिटा दिया और उसकी साड़ी आराम से उतार दी। उसने अन्दर सिर्फ लाल रंग की ब्रा और चड्डी पहनी थी, पेटिकोट और ब्लाऊज गायब था तो मुझे पता लगा कि ब्लाऊज़ ना पहनने के कारण ही मुझे ऐसा लगा था कि जैसे उसने काफ़ी गहरे गले का ब्लाऊज पहना हो !
मैंने उसको फ़िर से चूमना और उसके चूचे दबाना शुरू कर दिया। वह सिसकारियाँ लेने लगी।
मैंने उसके चुचूक को ब्रा के ऊपर से दाँतों में पकड़ लिया तो वह जोर से आह-आह करने लगी। मुझे पता था उसको ऐसा करना बहुत पसंद है।
मैंने दस मिनट तक वैसे ही उसके दोनों चुचूकों को चूसा, फ़िर मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उन दोनों कबूतरों को खोल कर आज़ाद दिया। इन दोनों कबूतरों को रात ही मैंने बहुत चूसा था इसलिए वे लाल हो रहे थे और इतने खूबसूरत दिख रहे थे ! कि यारो, मैं उनको फ़िर से चूसने लगा।
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