RE: मज़ेदार अदला-बदली
मज़ेदार अदला-बदली--2
गतांक से आगे..........................
सभी जोर जोर से हंसने लगे.........अलका दौड़ कर सलीम के पास गई और कहा - वाह रे वाह......साले अपनी मर्ज़ी का माल खायेगा......चल छोड़ उसे........कौन किसे चोदेगा...ये फैसला भी हम करेंगे...
सलीम रोमा को छोड़ देता है और अपना लंड पकड़ के वहीँ बैठ जाता है और बड़ी ललचाई नज़रों से रोमा को देखने लगता है............रोमा उसके पास ही खड़ी-खड़ी मुस्कुराने लगती है.......
अचानक रोमा को मस्ती सूझती है और वो अपनी चूत को बिलकुल सलीम के मुंह के पास ले जाती है और झुक कर झटके से अपनी साड़ी पेटीकोट समेत ऊपर कर देती है..........फिर एक हाथ से अपनी पेंटी को थोडा साइड में कर देती है............
सलीम के हाथ अपने लंड पे रहते हैं..........रोमा की गोरी और गुदाज चूत सामने देख कर वो सन्न हो जाता है.......जैसे ही वो रोमा की चूत पर झपटने कि उपक्रम करता है उसके पूर्व रोमा झट से साड़ी नीचे करके भाग जाती है.
सलीम उसके पीछे भागता है......रोमा आगे और सलीम पीछे......रोमा सभी के बीच में घुस घुस कर दौड़ लगाती है और सलीम उसके पीछे.........
रोमा हिना के पीछे छिप जाती है और जैसे ही सलीम आता है वो हिना को सलीम की और धक्का दे देती है........हिना कस के सलीम को पकड़ लेती है.......
हिना: अरे मेरे चोदू शौहर.......रोमा भी मिलेगी खाने को ....इतना बावला क्यों हो रखा है अपने को..........
ये कहकर अपने होंठ सलीम के होंठो पर टिका देती है और कस के पकड़ लेती है.............सलीम भी हिना में खो जाता है...............
सभी लोग हिना के लिए तालियाँ बजाते हैं...............
अलका: हिना बस तू ही अपने शौहर को संभल सकती है......वरना तो ये गेम के सरे रुल तोड़ देगा.......
अब मनोज और अलका दोनों थोडा अलग हो जाते हैं और विचार विमर्श करने लगते हैं..................
कुछ देर बाद मनोज अपना निर्णय सुनाता है........
मनोज: सभी के लौड़ो और चूतों के हालातों को देखते हुवे अभी एक राउण्ड चुदाई करवाए जाने का निर्णय लिया है........लेकिन वो चुदाई सेशन हम अभी आपको प्लान करके बताते हैं..............
और फिर सभी हलके नाश्ते के लिए पास ही सजी खाने कि मेज कि और बढ जाते हैं...
जब तक नाश्ते का दौर चलता है अलका और मनोज दिमाग लड़ा रहे हैं कि आपस में केसे चुदवाया जाय सबको......
अलग अलग विकल्पों पर विचार कर रहे थे.......
अंत मैं वो उठ कर सभी के पास आये....
अलका: तो तय यह हुआ है कि एक मर्द और एक लेडी का नाम लौटरी से निकला जायेगा और फिर उस मर्द को बाकी की ९ लेडिस झड्वाएगी और इसी तरेह से लेडी को बाकि सब मर्द मर्दन करेंगे....
ये सुनते है सब तालियाँ बजने लगते हैं................
लौटरी का पहला नाम पुकारा जाता है...............सागर.....
और दूसरा................अलका....
सब आश्चर्य से एक दुसरे की तरफ देखने लगते हैं...............ये तो खेल खिलाने वाले हैं...........अलका का नाम कैसे आ गया..............
अलका: क्या क्या खुसुर पुसुर हो रही है.........
और झट से अपना छोटा सा स्कर्ट ऊपर करके अपनी चड्डी सबको दिखाती है.............
अलका: ये देखो मेरी पेंटी.......पूरी कि पूरी गीली हो गई है.............लगता है जैसे अभी स्विम्मिंग पूल से निकल कर आ रही हूँ.............हमारा भी तो सोचो यार.......
प्रेम: लाओ ....लाओ... दिखा तो अलका .......
और ये कहकर प्रेम अलका कि गीली चड्डी पे झपट्टा मरता है.............
प्रेम: चलो चलो निकालो इसको..........गीली चड्डी पहनी रहोगी तो रेशेस हो जायेंगे...........
और इतना कहकर चड्डी उतरने लगता है..........
परन्तु गीली होने कि वजेह से उतरने में आसानी नहीं हो रही थी.........
प्रेम: तेरी माँ की चूत साली..............ले..........
और ये कहकर प्रेम अलका की चड्डी फाड़ देता है..........
मनोज: गांडू मेरी बीवी की चूत के सबको दर्शन करा दिए......अब देख बेटा.....
ये कहकर वो श्वेता पर झपटता है........
श्वेता को कुछ समझ आये इसके पहले ही वो टॉप को खींच कर फाड़ देता है....
श्वेता उईईईईई कहकर भागती है......
तभी कई जोड़ी मरदाना हाथ उसे थाम लेते हैं और मनोज के लिए उसे हाज़िर कर देते हैं.......
श्वेता कसमसाने लगती है............
श्वेता: नहीं मनोज..........प्लीज .....फाड़ना मत...लो मैं खुद ही नंगी हो जाती हूँ........
मनोज: नहीं दोस्तों.....इस रांड को छोडना मत........
और यह कहकर वो श्वेता को दबोच लेता है.........
और जोर से उसकी ब्रा को खींच कर अलग कर देता है..........
श्वेता: प्लीज़ ...... मेरी जींस मत फाड़ना......
मनोज इस बार जींस खोल कर उसे जोर से खींच कर निकालता है..........
और फिर उसका अन्डरवियर भी पलक झपकते ही हवा में लहराता नज़र आता है............
ये सब इतनी तेज़ी से हुआ और संयोजक ही इसमें शामिल था तो बस फिर क्या था सबके सब्र के बाँध टूट गए......
सभी एक दुसरे को नंगा करने में जुट गए............
जिसका हाथ जहाँ पहुंचा वो ही खींच खींच कर हवा में उडाया जाने लगा........
चारो और शोर मचा हुआ था........
कोई बचने के लिए उधर भागी जा रही थी तो पता चला दुसरे मर्द ने पकड़ लिया और वोही उसे नंगा करने में भिड़ गया .....
मेरी नज़रें शाहीन पर जा लगी ......
राज अभी तक शाहीन के एक भी कपड़े खींच कर निकल नहीं पाया था........
तभी राज़ ने गुस्से में शाहीन को उठाया और अपने कंधे पर लटका लिया....
अब वो बिस्तर कि और बड़ चला...........
मैं भी उसके पीछे लग गया........
राज़ ने उसे बिस्तर पर पटक दिया और लगा सलवार का नाडा खींचने......
शाहीन जोर से नाड़े कि गाँठ को दोनों हाथों से पकड़े हुई थी.............
राज़ बहुत जोर लगा रहा था और गन्दी गन्दी गलियां भी बकते जा रहा था...........
अचानक मैंने शाहीन के कुरते को फाड़ना चालू कर दिया..............
उसने मुझसे अपना कुरता बचने के चक्कर में सलवार पर से अपनी पकड़ ढीली की......
मुझसे अपना कुरता तो बचा नहीं पाई .....उधर सलवार से भी हाथ धो बैठी...........
राज़ ने सलवार का नाड़ा खीन्चा और फिर........
नीचे से चड्डी सहित सलवार हवा में ..............
ऊपर मेरे हाथों से कुरता दो खंडो में परिवर्तित ........
जैसे ही मुझे उसकी ब्रा में कैद कबूतर कि झलक मिली.......मेरे हाथ कबूतरों को आज़ादी दिलवाने में लिप्त हो गए.......
राज़ भी नीचे का वेंटी-लेशन शुरू करवा कर ऊपर कबूतरों पर झपटा.......
अब चार जोड़ी हाथ..............पलक झपकते ही शाहीन मादरजात नंगी......
अब तक लगभग सभी चूतें सार्वजनिक हो चुकी थी............
लौड़े वालों ने अभी जरा सांस ली ही थी कि सारी नंगियों से एक एक करके लौड़ो पर हमला बोल दिया......
एक एक लंड को रोशनी में लेन के लिए दस दस जोड़े हाथ काम पर लगे हुवे थे............
अंत में जब सब वस्त्र-विहीन हो गए तब सब निचे बैठ गए............
मनोज: सागर, आप अपने लंड महाशय को सभालें और शयन शैया कि और प्रस्थान करें........
आपकी सेवा में इस महफ़िल की सारी योवनाएँ तुरंत प्रस्तुत कि जा रही है......
सागर उठ कर एक बड़े से बेड कि और भागा.....
इसी तरह का निर्देश अलका को भी दिया गया..........
वो भी तुरंत एक रुमाल से अपनी चूत से निकलते हुवे पानी को एक बार फिर से पूछ कर बेड कि और चलीं........
सारे मर्द अलका के बेड के इर्द गिर्द और सारी नंगी परियां सागर को घेरे...............
अब दोनों ही एक बहुत ही वाइल्ड और अति उत्तेजक आर्गाज्म से ज्यादा दूर नहीं थे........
मैं अलका के एक बोबे पर हमला करने की तैयारी करते हुवे सोच रहा था कि इतने मर्द एक यौवना के अंग प्रत्यंग का मर्दन करेंगे तो चुदाई कि नौबत ही नहीं आएगी....
ये तो अभी खल्लास होती है..............
और तभी पांच लंड एकसाथ अलका के चेहरे, गालों और होंठो पर रगड़ खाने लगे...........
अलका मदहोशी के साथ उन सभी लंडों से चुहल करने लगी.......
किसी को चुम्मी दे रही थी....किसी को पुचकार रही थी...........
किसी को मसल रही थी...............
समझ नहीं आ रहा था एक साथ इतने सरे हथियारों के साथ क्या किया जाय.......
पागल सी होने लगी...............
तभी उसके एक बोबे पर मेरे होंठो ने हमला किया..............
और साथ ही उसका दूसरा बोबा भी एक जोड़ी होंठो के कब्ज़े में आ गया............
मैंने उसके कड़क परन्तु बहुत ही रसीले कलामी आम को बेतरतीबी से चूसा चालू कर दिया........दुसरे आम को भी बुरी तरह से खाया जा रहा था.............
क्रमशः........................
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