RE: Desi Chudai Kahani Naina-नैना
नैना--पार्ट-34
गतान्क से आगे.......
उधर नैना सारा दिन ऑफीस के कामो मे बिज़ी रही और पता ही नही चला कि कब
ऑफीस का टाइम ख़तम हो गया. नैना ने ऑफीस की काफ़ी सारी रेस्पॉन्सिबिलिटीस
पे कंट्रोल कर लिया था. आंटी और जिम्मी अब सब से ज़यादा नैना पे ट्रस्ट
करने लगे थे क्योंकि कुछ ही अरसे मे उस ने ऑफीस के तमाम कामों को कंट्रोल
कर लिया था और पूरा ऑफीस भी उस की खूबसूरती और अच्छे बिहेवियर की वजा से
बेहतरीन पर्फॉर्मेन्स दे रहा था. इस शॉर्ट से पीरियड मे नैना के चर्चे ना
सिर्फ़ ऑफीस मे बल्कि पूरे प्लाज़ा मे हो गये थे. सेक्यूरिटी गार्ड से ले
कर डिफरेंट ऑफिसस के टॉप मॅनेज्मेंट के लोग भी नैना का ज़िकार किये बाघैर
ना रह पाते.
आज तो नैना वैसे ही सुबह से टाइट जींस और शर्ट मे आग बरसा रही थी. थोड़ी
ही देर मे नैना के ऑफीस मे जिम्मी आया और बोला.
जी नैना जी, क्या प्लान है फिर आज घर नही चलना क्या ???????
नैना: बस ये लास्ट ईमेल है वो कर लूँ तो चलते हैं.
जिम्मी: जनाब जल्दी की जिये आप ऑफीस टाइम से 2 घंटे ऊपेर बैठ चुकी हैं.
पूरा स्टाफ जा चुका है और हम हैं कि आप के इंतेज़ार मे बैठे हैं.
नैना: व्हातत्तटटटटटटटटटटटटटटटटटतत्त? 8 बज गये हैं?
जिम्मी: जी जनाब यही तो कह रहा हूँ मे. चलो जल्दी से बंद करो सब. ईमेल
सुबह कर लेना और जा के नैना की बॅक से नेक पे किस कर दिया.
नैना: ओकज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़. बंद करती हू. बट ऑफीस मे यह सब नही.
याद है ना?
जिम्मी: ओह आइ आम सॉरी यस याद है.
नैना: ओके गुड बॉय, नेक्स्ट टाइम बी केर्फुल. और लॅपटॉप को डाउन कर के
बोली. आहह आज तो थक गयी काम कर कर के. ओके लेट्स मूव.
ऑफीस से निकल के दोनो सीधा घर की तरफ़ निकल पड़े . रास्ते मे डिफरेंट
टॉपिक पे बाते करते रहे. घर पहॉंच के दोनो फ्रेश हो गयी. रात के 9 बज रहे
थे. आंटी अभी तक घर नही आइ थी.
नैना: जिम्मी ज़रा आंटी का तो पता करना कहाँ हैं?
जिम्मी: सॉरी बताना भूल गया वो आज नही आएँगी .
नैना: बट वाइ? ईज़ एवेरितिंग ओके?
जिम्मी: यप उन की कोई फ्रेंड है उस के घर कोई पार्टी है सो वो वहाँ ही हैं.
नैना: वेसे आंटी पार्टीस कुछ ज़ियादा ही नही अटेंड करती?
जिम्मी: यप राइट, आक्च्युयली डॅड के गुज़र जाने के बाद, 3 चीज़े तो रह
गयी हैं उन की लाइफ मे, मैं, ऑफीस और यह फ्रेंड्स की पार्टीस. सो मोम इसी
पे खुश हैं.
नैना: ओकज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़. खैर व्हाटज़ प्लान फॉर डिन्नर?
जिम्मी: वॉट अबौट पिज़्ज़ाआआअ?
नैना: यप गुड आइडिया. ओके ऑर्डर दट. और मुस्करा दी.
जिम्मी: ओके बॉस और कह के ऑर्डर करने चला गया.
इधर दीदी बाथरूम मे अपनी गांद की जलन को ठंडा कर रही थी तो बाहर , सोना
शान की गोद मे बैठ के किस्स का मज़ा ले रही थी. शान आज कुछ ज़यादा ही गरम
हुआ पड़ा था . शायद इस वजा से कि आज यहाँ आखरी रात थी और इकठ्ठि यह दोनो
बहन फिर शायद मिले या ना मिले. उधर सोना और दीदी किसी भी कीमत पे शान को
अपने हाथ से जानी नही देना चाहती थी. इसी लिये शान की हर बात मान लेती
थी. यही वजा थी कि दीदी ने भी चुप चाप शान से गांद मरवा ली थी.
सोना इस वक़्त पिंक कलर की नाइटी मे थी और बाथ लेने के बाद बिल्कुल फ्रेश
लग रही थी. नाइटी के नीचे ब्रा भी नही पहनी थी. इस लिये शान बहोत ईज़िली
सोना के जिस्म का मज़ा ले रहा था. इतने मे बाथरूम का दरवाज़ा खुलने की
आवाज़ आइ और सोना शान से अलहदा हो के बैठ गयी.
शान की नज़र सीधा दीदी पे पड़ी जो इस वक़्त ब्लू कलर की नाइटी पहने हुए
गीले बदन मे हुस्न की देवी लग रही थी. शान की नज़र दोबारा दीदी की गांद
पे जा के ठहर गयी. दीदी को भी शान की नज़र का आइडिया हो गया और पता भी चल
गया कि ऐक दफ़ा की चुदाई से गांद की जान नही छ्छूटने वाली. शान के इरादे
कुछ ख़तरनाक लग रहे थे. शान दीदी की तरफ़ दैख के मुस्करा दिया जेसे गांद
मार के बहोत खुश हो रहा हो. दीदी ने भी ना चाहते हुए धीमी किसम की
मुस्कुराहट पेश कर दी.
तीनो फ्रेश हो के आ गये और डिन्नर का डिसिशन लेने लगे. देन होटेल के मेनू
से ही कुछ आइटम्स सेलेक्ट किये और फोन पे ही ऑर्डर कर दिया.
शान: सोना इफ़ यू डोंट माइंड जब तक खाना नही आ जाता मेरा भी बॅग पॅक कर दो?
सोना: यॅ शुवर और उठ के चली गयी.
शान: क्यो जी केसा लगा?
दीदी: बहुत बुरे हो तुम. भला ऐसा भी कोई करता है क्या ?
शान: हां जी क्या पहले किसी ने नही किया ऐसे?
दीदी: किया तो है पर ऐसे नही. इस तरह का सेक्स करने के भी कोई मॅनर्स
होते हैं. यह नही कि जानवरों की तरह ऊपेर चढ़ जाओ.
शान: ओह अच्छा ? तो सिख़ाओ ना जी वो मॅनर्स हमे भी?
दीदी: सिखाऊँ गी ज़रूर सिखाऊँ गी लेकिन वक़्त आने पे.
शान: हेयीईयी कब आए गा वो वक़्त???
दीदी: डिन्नर के बाद और मुस्करा के शान को आँख मार दी.
आज शान का टाइम तो बस गुज़र ही नही रहा था. दीदी की लास्ट बात ने तो जैसे
शान के अंदर ऐक और आग लगा दी हो. खैर थोड़ी देर मे खाना भी रूम मे आ गया
और फिर सब ने मिल के डिन्नर किया.
डिन्नर के बाद सोना को मस्ती का मन चाहा तो शान से बोली कि क्यो ना आज
सेलेबरेशन्स की जाए.
शान: किस चीज़ की सेलेबरेशन्स?
सोना: बस ऐसे ही. क्या ख़याल है?
शान: ख़याल तो अच्छा है पर हाउ टू सेलेबरेट?
सोना: थोड़ी सी शराब और साथ मे शबाब और फिर यू मी और दीदी.
शान: सोना के मन की बात समझ गया और मुस्कुरा दिया. और साथ ही दीदी की
तरफ़ देखने लगा जेसे पूछ रहा हो कि गांद मारने का लेसन मिले गा ना?
दीदी ने भी मुस्कुरा के जवाब दिया कि यस मिले गा. और फिर डिसाइड यह हुआ
कि शान शराब का अरेंज्मेंट करे गा.
सो शान ने होटेल मॅनेजर से बात की और कुछ पैसे खिलाए तो रूम मे शराब की
बॉट्टेल्स भी पहॉंच गयीं.
रात के 11 बज रहे थे. सोना ने रूम की लाइट्स को ऑफ कर के लो लाइट्स को ऑन
कर दिया और म्यूज़िक लगा दिया.
शान साइड पे टेबल पे बैठ के पॅक बनाने मे लग गया. और दीदी शान की हेल्प
करने लगी. म्यूज़िक ऑन कर के सोना शान की गोद मे आ के बैठ गयी और शान की
चीक पे किस करते हुए बोली कि जानू आओ ना लेट्स डॅन्स.
शान: यॅ शुवर. और ऐक ग्लास सोना को दिया और ऐक खुद हाथ मे ले के खड़ा हो
गया. दोनो का डॅन्स आहिस्ता आहिस्ता शुरू हो गया. शान के ऐक हाथ मे
ड्रिंक और दूसरे हाथ मे सोना की कमर थी. इसी तरह सोना के ऐक हाथ मे
ड्रिंक और दूसरा हाथ शान की गर्दन मे था.
शान डॅन्स के साथ साथ सोना को अपने ग्लास से ड्रिंक पिलाता तो कभी सोना
शान को अपने ग्लास से ड्रिंक पिलाती. शान मस्ती मे सोना की गांद पे हाथ
मूव करता तो कभी सोना के ब्रेस्ट्स पे. सेम इसी तरहा सोना का हाथ भी शान
की पूरी बॉडी का सफ़र करते करते लंड पे आ के रुक जाता.
दूर बैठी दीदी यह सब दैख रही थी और कभी शान और सोना को देखती तो कभी शान
के लंड को. दीदी से भी रहा ना गया और उठ के शान की बॅक पे आ गयी.
अब शान को ऐक वक़्त मे दो हसीनो के साथ डॅन्स का मज़ा मिल रहा था.
डॅन्स करते करते दोनो ने अपने अपने ग्लास साइड पे रख लिये और आपस मे लिपट
के लिप्स से लिप्स मिला लिये. दीदी शान की बॅक से लिपट गयी और अपने हाथो
को शान के लंड पे ले गयी.
और यौं तीनो के बीच प्यार का सिलसिला शुरू हो गया. हल्के हल्के म्यूज़िक
मे तीनो के जिस्म बराबर झूम रहे थे और महॉल भी गर्म होना शुरू हो गया था.
शान की हॉट किस्सिंग ने सोना के जिस्म के अंदर पहले ही गर्मी डाल दी थी
और पीछे दीदी शान के लिप्स के लिये बैताब थी.
अगले ही लम्हे दीदी ने शान को अपनी तरफ़ कर लिया और अपने लिप्स शान के
लिप्स पे रख दिये. उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्या मज़ा था दीदी की किस्सिंग
मे. शान को सोना के लिप्स भूल गये और दीदी का भरा हुआ जिस्म उसे और पागल
करने लगा. साथ ही उसे अपने लंड पे सोना के हाथ फील होने लगे. फिर सोना
शान से अलहदा होगयी और बोटेल मे पड़ी बाक़ी की शराब भी डाल के ले आइ.
तीनो ऐक दूसरे से अलहदा हो गये और शराब पीने लगे.
तीनो आज ऐक दूसरे को दिल खोल के प्यार देना चाह रहे थे और इस रात का ऐक
ऐक लम्हा सेक्सी बनाना चाह रहे थे. थोड़ी ही देर मे शराब ने अपना असर
दिखाना शर कर दिया और शुरुआत सोना से हुई.
सोना: शॅयायेयेयान जानू आज केसे लो गे मेरी चूत्त्त्त्त्त. हाहहहहा
शान: जेसे तुम कहूऊऊ जानू.
दीदी: यह चूऊऊऊओत नही गांद मारे गा गांद. हाहहहा
सोना: तुम्हे केसे पता दीदी इस के मन की बात?
दीदी: जिस की गांद पहले से यह सला मार चुका हो उसे नही पता होगा तो किसे
पता होगा. हाहहहा. तू भी तैयार हो जा.
शान: दीदी बताओ ना सोना को केसा लगा गांद मे लंड ले के?
सोना: कब डाला तुम ने लंड मेरी दीदी की गांद मे?
दीदी: साले ने आज शाम ही डाला. देख साले का लंड केसे फिर से तैयार हुआ
पड़ा है. इसे तो पता भी नही कि केसे ली जाती है किसी की गांद.
शान: तो बताओ ना दीदी केसी ली जाती हे. जेसे तुम कहो गी वैसे लूँगा गांद
तुम्हारी भी और सोना की भी. हाहहहहा
सोना: साले कुत्ते तू ने दीदी की गांद को भी नही छोड़ा????????????? यू चीटर.
दीदी: चुप कर जा सोना चुप कर जा. मारने दे साले को गांद मारने दे. इस की
भी बारी आए गी इस की भी गांद फटे गी ऐक दिन. हाहहहहाहा
सोना दीदी की बात फ़ौरन समझ गयी. लेकिन शान इस को मज़ाक़ समझा और दीदी के
साथ ही हँसने लगा. हाहहहहहहाहा
चलो ना दीदी बताओ ना केसे लेते है गांद. देखो ना केसे तड़प रहा है यह लंड
गांद के लिये.
दीदी: चल सोना तू रेडी हो जा. तेरी गांद पे सिखाती हूँ इस कुत्ते को. हाहहहाहा
सोना: चलो दीदी नही. पहली तुम. तुम ऐक दफ़ा पहले भी ले चुकी हो मैं देखु
गी फिर बाद मे मैं लूँ गी.
दीदी: चल ठीक है. और अपनी नाइटी उतार के ऐक साइड पे फैंक दी. दीदी अब
बिल्कुल नंगी सोना शान के सामने बैठी थी.
क्रमशः..........
naina--paart-34
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