RE: Desi Chudai Kahani Naina-नैना
raj sharma stories
नैना--पार्ट-33
गतान्क से आगे.......
थोड़ी देर मे जिम्मी भी आ गया ओर नैना को दैख के जेसे पत्थर का होगया.
क्या आग बरसा रही थी. जीन्स मे फँसी हुई सेक्सी जांघे ओर थोड़े से बाहर
को निकले हुए राउंड हिप्स. ओर उस के उपेर सोने पे सुहागा शर्ट. बूब्स के
ऊपेर फँसी हुई शर्ट ओर दूध की तरहा सफैद सीना आग बरसा रहा था. जिम्मी का
दिल कर रहा था कि बस अभी ही नैना को अपनी बाँहो मे भर ले पर आंटी को दैख
के रुक गया.
तीनो ने मिल कर ब्रेकफास्ट किया ओर ऑफीस के लिये रवाना होगए. आंटी ने आज
किसी काम से जाना था सो वो अलहदा गाड़ी पे चली गईं ओर नैना ओर जिम्मी ऐक
गाड़ी पे ऑफीस. सारे रास्ते जिम्मी नैना की खूबसूरती के गुण गाता रहा ओर
कुछ ना किया.
नैना का कार पार्किंग मे गाड़ी से उतरना ही था कि हर ऐक की नज़र नैना पे
आ गई, पूरे प्लाज़ा मे शायद ही कोई ऐसा हो जिसने नैना को ऐक मर्तबा दैखा
ओर दोबारा पलट के ना दैखा हो. जिम्मी अपने आप को बहुत कॉन्फिडेंट फील कर
रहा था. उसे बहोत खुशी थी कि उस के साथ ऐक खूबसूरत, सेक्सी लड़की थी.
ऑफीस मे भी सब का यही हाल था ओर हर कोई नैना की ऐक झलक देखने को तरसता
था.
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सीन चेंज (शान,दीदी & सोना)
उधर लंच टेबल पे सोना ओर दीदी शान की सेविंग्स पे हाथ सॉफ करने का फुल
प्लान कर चुकी थी. लैकेन ये प्लान अभी प्लान ही था ओर इस प्लान को मुकामल
करने के लिये उन्हे और भी बहोत कुछ करना था.
शान: अच्छा तुम लोगों ने सोचा है कि बिजनेस क्या शुरू करेंगे हम?
दीदी: यप, काफ़ी सारे ऑप्षन्स हैं, लाइक एक्सपोर्ट ऑफ गारमेंट्स,
प्रोडक्षन हाउस, होटेलिंग एट्सेटरा?
शान: एम्म ओके, व्हाट अबौट एक्सपोर्ट ऑफ गारमेंट्स?
दीदी: भाई पैसा तुम ने लगाना है जो तुम्हारी पसंद वो हमारी.
शान: ओके मैं ऐक दो फ्रेंड्ज़ से मशवरा कर लूँ.
दीदी को ऐसे लगा कि जेसे मुकर रहा है शान अपने फ़ैसले से.
दीदी: यानी तुम अभी तक कन्फ्यूज़ हो कि बुसिनेस करना चाहिये या नही?
शान: नही दीदी आइ मीन टू से कि मशवरा 4 सेलेक्टिंग दा बिज़्नेस.
दीदी: ओह अच्छा, फिर ठीक है ओर मुस्कुरा दी.
सोना: दीदी आज लास्ट डे है यहाँ चलो शॉपिंग करते हैं आज?
दीदी: मुझे तो ऐतराज़ नही शान से पूछ लो?
शान: यॅ क्यो नही. यहाँ से निकल के शॉपिंग करने ही चलेंगे.
इस पे सोना ने शान की चीक को चूम लिया ओर बोली. लव यू जान. यू आर शो स्वीट.
दीदी बोली कि ऐक किस मेरी तरफ़ से भी कर दो.
जिस पे शान ने कहा नही किस अपनी अपनी ओर मुस्कुरा दिया.
यौं तीनो लंच कर के शॉपिंग के लिये निकल पड़े. आज लास्ट डे था तीनो का
यहाँ पे इस लिये तीनो ने दिल भर के शॉपिंग की. सोना और दीदी ने तो हाथ
काफ़ी खुला रखा शॉपिंग पे. क्यो ना रखती सारी शॉपिंग शान जो करवा रहा था.
शॉपिंग कर के तीनो होटल पे पहॉंच गये और जा के समान रखा. देन तीनो आज की
की गयी शॉपिंग को डिसकस करने लगे. फिर शान उठ के बाथरूम मे फ्रेश होने के
लिये चला गया और सोना और दीदी अपने अपने कपड़े और बॅग्स सेट करने लगी
क्योकि उन्हे सुबह सवैरे वापिस निकलना था.
शान बाथ ले के बाहर आ गया और आ के टीवी देखने लगा. शान के बाहर आते ही
सोना फ्रेश होने के लिये बाथरूम मे चली गयी. दीदी बाहर अपना समान पॅक कर
रही थी. शान की नज़र दीदी पे पड़ी जो इस वक़्त खूबसूरत सेक्सी साडी मे
गांद पीछे की तरफ़ किये हुए बॅग मे कपड़े डाल रही थी. शान से रहा ना गया
और जा के दीदी को पीछे से पकड़ लिया.
दीदी ऐक दम जैसे डर गयी.
दीदी: हइईईई, शान तुम ने तो डरा ही दिया.
शान: अचााआअ? अरे भाई हम तो डराने नही आप से लिपट.ने आए थे.
दीदी: अछा जी? वैसे तोड़ा इंतेज़ार करो अभी पूरी रात पड़ी है.
शान: हाई रात की रात को देखी जाए गी. और यह कह के दीदी से लिपट गया और
अपने होन्ट दीदी के होंटो पे रख दिये. और हाथ सीधा दीदी के मोटे मोटे
हिप्स को प्रेस करने लगे.
दीदी: मुहााआआआ, अरे सोना आ जाए गी तो क्या सोचे गी.
शान: कुछ नही सोचे गी. मुहााआआआआआअ. जेसे सोना मेरी है उसी तरह आप भी मेरी हैं.
दीदी: शान को पीछे करते हुए बोली. हेलो मिस्टर. लिमिट रहो संजय? सोना के
साथ प्यार और लाइन उस की बड़ी बहन पे? तुम ने केसे कह दिया यह कि जेसे
सोना मेरी और वैसे मैं तुम्हारी?
शान के पैरों तले से जेसे ज़मीन निकल गयी हो. व्हातत्तटटटटटटटटटतत्त?
दीदी: यस कीप इट इन युवर माइंड, अगर उस रात मैं ने तुम्हारे साथ सेक्स कर
लिया इस का यह मतलब नही कि जब तुम्हारा दिल चाहे मैरे ऊपेर चढ़ जाओ.
शान की समझ मे नही आ रहा था कि यह ऐक दम दीदी को क्या हो गया है? शान ने
दीदी का यह रूप आज पहली दफ़ा दैखा था. शान अभी इसी सोच मे गुम था कि दीदी
की आवाज़ आइ.
दीदी: " ओह मेरा शोनुउउउउउउ" हाहहहाहा, शकल तो दैखो अपनी, जेसे कुतिया की
चूत होती है. हाहहाहा
शान: व्हातत्तटटटटटटटटटटतत्त?
दीदी: अरे बुढ़ू मैं मज़ाक कर रही थी. तुम तो सीरीयस ही हो गये. हाहहाहा.
शान को अभी भी समझ नही आ रहा था कि हो क्या रहा है यह. अभी यह सोच रहा था
के दीदी ने शान को पीछे धक्का दिया और खुद ऊपेर आ गयी.
दीदी: क्या चाहिए मेरी जान को? मैं तुम्हारी हूँ ले लो जो लेना है मेरे
बदन से. और शान को किस करने लगी.
शान को अब जा के थोड़ा होश आया कि दीदी भी फुल मूड मे है.
शान: लेना तो बहोत कुछ है. आप की चूत, आप की गांद, आप के ब्रेस्ट्स और आप
के लिप्स. दो गी क्या?
दीदी: ले लो ना जानू. मुहााआआआआआआआ.
दीदी का बस इतना ही कहना था कि शान ने दीदी को अपने ऊपेर से हटा दिया और
साथ लिटा के उल्टा कर दिया.
उल्टा लिटाते ही शान ने दीदी की सारी को ऊपेर किया और पीछे से गांद को
नंगा कर दिया. दीदी ने पिंक कलर की पेंटिएस पहनी थी. शान ने बिना देर किए
उसे भी दीदी के जिस्म से अलहदा कर दिया.
दीदी ने भी इस खैल मे शान का भरपूर साथ दिया. दीदी यही समझ रही थी कि शान
का लंड सीधा उसकी चूत मे जा लगे गा लैकेन यहाँ कहाँ कुछ और थी.
शान ने अपना लंड सीधा गांद के छेड़ पे रख दिया, इस से पहले कि दीदी कुछ
कर पाती, बहोत देर हो चुकी थी, शान के ज़ोर दार झटके की वजा से लंड दीदी
की गांद को चीरता हुआ अंदर घुस गया.
दीदी: आहह, खुतय्य्य्य्य्य्य्य्य्य्य्य्य मार दिया मुझे. आहह निकाल बाहर इसे.
दीदी शान केइ नीचे थी इस लिये कुछ कर नही पा रही थी. कोशिश कर रही थी कि
किसी तरहा से यह मोटा डंडा उसकी गांद से बाहर निकल जाए. बट शान को तो
जैसे खोया हुआ ख़ज़ाना मिल गया था और झटके पे झटका मारे जा रहा था.
दीदी अभी थोड़ा शांत होना शुरू हो गयी थी, और दर्द तोड़ा कम हो गया था
इसकी वजा यह थी कि शान के लंड की ल्यूब्रिकेशन से गांद वेट हो गयी थी और
लंड अब आराम से अंदर बाहर हो रहा था. 5मिनिट यौं ही लंड और गांद की जंग
जारी रही और 6थ मिनिट मे शान के लंड से ऐक तेज़ धार निकली जिस ने गांद को
भर दिया. शान फारिघ् होते ही दीदी के ऊपेर जा गिरा और तेज़ साँसे लेने
लगा.
फिर ख़याल आया कि सोना किसी भी वक़्त बाहर आ सकती है तो फ़ौरन दीदी के
ऊपेर से हट गया और अपना ट्राउज़र ऊपेर कर के साइड पे होगया.
दीदी अभी भी वैसी ही लेटी हुई थी गांद ऊपेर की तरफ़ किये हुए. शान तो बस
मज़ा ले के साइड मे हो गया था लैकेन पता तो दीदी को चला था सही. दीदी
जेसे ही सीधी हुई और ऊपेर को उठी तो दीदी की गांद मे दर्द की ऐक ज़ोरदार
लहर दौड़ गयी. जिस से दीदी आअहह किये बिना ना रह सकी. दीदी को बहोत सख़्त
पेन हो रहा था गांद मे. शान ने भी तो बेदर्दी से मारी थी दीदी की गांद.
दीदी शान की तरफ़ बहोत गुस्से से दैख रही थी लैकेन शान के चेहरे पे सकून
था. दीदी ने अपनी साड़ी ठीक की और समान को छोड़ के बेड पे जा के लेट गयी.
इतने मैं सोना बाथरूम से बाहर आ गयी और दीदी उठ के आराम आराम से बाथरूम
मे चली गयी. सोना ने दीदी की चाल पे ऐक नज़र डाली जो थोड़ी चेंज लग रही
थी और चेहरे पे भी थोड़ी तकलीफ़ थी इस से पहले वो दीदी से पूछती दीदी
बाथरूम मे जा चुकी थी.
बाथरूम मे जाते ही दीदी ने ठंडे पानी से बात्ट्च्ब को फिल किया और जा के
उस मे लेट गयीं. बात्ट्च्ब मे लेट के उन्हे सकून मिल रहा था और गांद की
तकलीफ़ कम हो रही थी. दीदी दिल ही दिल मे शान को गालियाँ दे रही थी, दीदी
का बस यही दिल कर रहा था कि अभी उठे और जा के शान की गाल पे ज़ोर दार
किसम के चाँते रसीद करे और उसे धक्के दे के निकाल दे. लेकिन यह सब सोचने
के फ़ौरन बाद ही शान की दौलत और अपना प्लान ज़हन मे आ गया और फिर गांद का
दर्द, दर्द के बिजाये दौलत का नया रास्ता महसूस होने लगा.
दिल ही दिल मे सोचने लगी कि कुछ पाने के लिये कुछ खोना तो पड़ता है. चलो
इस दौलत के बदले यह गांद ही सही. यह सोच के दीदी खुद से ही बाते करते हुए
मुस्कराने लगी और टूथ पेस्ट से थोड़ा पेस्ट ले के अपनी गांद के छेद पे
मलने लगी जिस से गांद ठंडी होना शुरू हो गयी. दोस्तो कहानी अभी बाकी है
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहे हिन्दी सेक्सी कहानियाँ आपका दोस्त
राज शर्मा
क्रमशः..........
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