RE: Desi Chudai Kahani Naina-नैना
नैना--पार्ट-19
गतान्क से आगे.......
आंटी ने महसूस किया कि नैना की चूत की वेटनेस की वजा से पूरी बेडशीट भी
भीग चुकी थी. और बेड शीट को देखते देखते आंटी की नज़र नैना की नर्म और
वेट चूत पे पड़ी और आंटी ने बिना देर किये अपनी फिंगर बॅक से ही चूत मे
डाल दी.
नैना: ओह आंटी. आहह. इस दफ़ा नैना की आवाज़ मे मस्ती कुछ ज़यादा ही थी.
और अपने सिर को तकिये के ऊपर इधर उधर करने लगी जैसे उस की जान निकली जा
रही हो.
आंटी ने नैना को सीधा लिटा दिया और नैना के ऊपेर 69 की पोज़िशन मे आ
गयीं. और 69 पोज़िशन मे आते ही आंटी ने नैना की चूत पे अपनी ज़बान रख दी.
नैना: अहह आंटी नही
प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़.
अहह इट्स तूऊऊओ होत्त्त्टटटटतत्त. अहह
आंटी: इट्स फॉर यू मेरी जान. अहह. डू दा सेम विथ मी. अहह लव यू.
नैना के लिये सब कुछ बिल्कुल नया था. नैना आँखे क्लोज़ कर के मज़ा ले रही
थी कि नैना की गर्दन पे कुछ ड्रॉप्स गिरे. नैना ने आँखे ओपन की तो नैना
के फेस के सामने आंटी की वेट चूत थी. तब नैना को पता चला कि आंटी उस के
ऊपेर किस पोज़िशन मे हैं. नैना अब तक इतनी ज़यादा मस्त थी कि उसे कुछ पता
नही चल रहा था बस प्यार के एलॉवा.
नैना की हिम्मत नही पड़ रही थी आंटी की वेट चूत पे अपनी जीब रखने की.
क्योकि उस ने आज तक कभी ऐसा नही किया था. जब कि दूसरी तरफ आंटी नैना की
चूत पे जीब डाल के मूव कर रही थी.
नैना के मूँह से ना चाहते हुए भी आहह आहह की आवाज़े निकली जा रही थी और
आँख थी कि खुलने का नाम नही ले रही थी.
इस से पहले नैना कुछ और सोचती. आंटी ने अपनी चूत को नैन के लिप्स पे खुद
ही रख दिया. आंटी भी अब कंट्रोल से बाहर हो गयीं थी और बहोत ही ज़यादा
गर्म भी. नैना के पास और कोई चारा नही था सिवाय आंटी की चूत लिक्क करने
के और हिम्मत कर के अपनी जीब चूत पे रख ही दी.
आंटी: अहह. और चूत को नैना के लिप्स पे दबा दिया. आहह की आवाज़ के फ़ौरन
बाद अपने लिप्स नैना की चूत पे रख दिये. जिस से नैना की आहह की आवाज़
आंटी की चूत मे ही समा गयी.
दोनो का चूत चूसने का खैल अगले 5 मिनट तक जारी रहा और नैना की चूत से
3र्ड टाइम और आंटी की चूत से 2न्ड टाइम थिक पानी की नदियाँ बह गयी और
दोनो इसी हालत मे खामोश लेट गयीं.
5 मिनट यौं ही लेटने के बाद नैना को आंटी का वज़न अपने ऊपेर फील होने
लगा. आंटी ने इस बात को फील कर लिया और नैना के ऊपेर से उतर के नैना के
साथ आ के लेट गयी और नैना से लिपट गयी.
दोनो मे से किसी की हिम्मत नही हो रही थी उठने की और वॉशरूम जाने की. बस
यौं ही आँखे क्लोज़ कर के दोनो लेट गयीं.
थोड़ी देर बाद नैना की आँख खुली तो सुबह के 5 बज रहे थे. उसे पता ही नही
चला था कि लेटे लेटे वोकब सो गयीं थी और उन्हे सोए हुए भी 3 घंटे हो चुके
थे. नैना ने अपने और आंटी की तरफ़ ऐक नज़र डाली. आंटी दूसरी तरफ़ मूँह कर
के सो रही थी और उन की कमर नैना की तरफ़ थी. नैना ने आंटी की कमर पे
प्यार से ऐक किस किया जेसे आंटी का शुक्रिया अदा कर रही हो रात के प्यार
के लिये. देन उस की नज़र आंटी के राउंड मोटे हिप्स पे पड़ी. नैना को बहोत
प्यार आया उन पे भी और उन पे भी प्यार से हाथ मूव कर के वॉशरूम चली गयी.
वॉशरूम जा के नैना ने अपनी चूत और अपनी लेग को गौर से दैखा. उसकी वेथनेस
अब ड्राइ हो गयी थी और पूरी चूत और जाँघो पे जम के वाइट सी हो गयी थी
सख़्त सी. फिर नैना को एहसास हुआ कि रात को वो कितनी ज़्यादा वेट हो गयी
थी. फिर नैना ने बाथ लिया और बातरूम मे लटके नाइट ड्रेस को पहन कर आ गयी
और आंटी के साथ लेट गयी.
लेट के नैना रात के हुए वासना के खेल के बारे मे सोचने लगी और आइडिया
लगाया कि कोई 3 से 4 मंत बाद उस ने इस एक्सट्रीम लेवेल की एज्युक्युलेशन
की थी. क्रेडिट गोस टू आंटी जी. फिर यह दिमाग़ मे आया कि आंटी उस के बारे
मे क्या सोचती हों गी कि केसे मैं सारे कपड़े उतार के उन के सामने नंगी
हो गयी. फिर नज़र आंटी के नंगे बदन पे पड़ी तो यही रिज़ल्ट लिया कि नही
आंटी ने क्या सोचना है वो भी तो पूरी नंगी हैं उस के सामने.
सोचते सोचते उसे नींद आ गयी. दोबारा आँख खुली तो दैखा आंटी बेड पे नही थी
और कमरा सूरज की रोशनी से रोशन होया हुआ था. सुबह के 8 बज रहे थे. नैना
फ़ौरन बेड से उठी और वॉशरूम मे दैखा आंटी नही थी, देन टीवी लाउंज, वहाँ
भी आंटी नही थी. नैना घबरा सी गयी कि आंटी कहाँ गयीं दौड़ती हुई किचन मे
गयी मगर वहाँ भी आंटी ना दिखी. किचन मे से ही बाहर सहन मे नज़र डाली मगर
वहाँ पे भी आंटी ना नज़र आईं. नैना ऐक दम परेशान हो गयी क्योकि गेट का
मेन दरवाज़ा भी खुला हुआ था. दौड़ती हुई गेट के पास पहॉंची तो पता चला
आंटी बाहर दूध ले रही थी दूध वाले से. नैना का जैसे खोया हुआ साँस वापिस
आ गया.
आंटी अंदर आईं तो नैना ने उन्हे कहा कि आप ने तो मुझे डरा ही दिया था.
आंटी ने कहा कि मैं खुद गयी थी ताकि दूध वाले को कह दूं कि कल से साथ
वाले घर मे भी दूध दे जाया करे और उसी से वोही बात कर रही थी.
नैना को आंटी ने उल्हाहना दिया कि तुम ने अकेले अकेले कपड़े पहन लिये और
मुझे ऐसे ही नंगा छोड़ दिया बेड पे. मेरी आँख खुली तो जनाब साहिबा सकून
से ड्रेस पहन के सो रही थी और मैं ऐसे ही नेकेड.
नैना ने कहा वो आप सो रही थी तो आप को उठाना मुनासिब नही समझा थ्ट्स वाइ.
खैर आंटी ने उसे आँख मारी और कहा कि मज़ा आया था? जिस पे नैना ने शर्मा
के हां मे सिर हिला दिया और किचन मे चली गयी.
इतने मे फोन बेल बजी. नैना ने दौड़ते हुए फोन उठाया तो दूसरी तरफ़ जिम्मी
था फोन पे.
जिम्मी: हेलो जी गुड मॉर्निंग
नैना: गुड मॉर्निंग हाउ आर यू?
जिम्मी: फाइन. मोम कहाँ हैं?
नैना: आइ गैस ही ईज़ इन वॉशरूम.
जिम्मी: लगता है मोम का आने का कोई मूड नही है. मोम को आप से प्यार हो
गया है शायद? हहहे
नैना: हां हो गया है. तुम क्यो जेलौस हो रहे हो?
जिम्मी: क्यो ना हूँ. मेरी जगह मोम ने ले ली.
नैना: व्हातत्तटटटटटटटटटटटटटटतत्त?
जिम्मी: व्हाट क्या मेरी जगह ले ली मोम ने. मुझे भी आप से प्यार हो गया है.
नैना: (बात बदलते हुए) नाश्ता कर लिया?
जिम्मी: हाए दिल की बात कह दी आप ने. इसी लिये तो फोन किया था कि मोम का
क्या सीन है?
नैना: मोम तो यहाँ ही ब्रेकफास्ट करेंगी. ऐसे करो तुम भी यहाँ ही आ जाओ.
जिम्मी: म्म्म्मममममममममममम. पहले मोम से बात कर लूँ फिर बताता हूँ.
नैना: मोम से बात भी यहाँ ही आकर लो. ओके आ जाओ मैं ब्रेकफास्ट बना रही हूँ फॉर यू.
जिम्मी इस से पहले कुछ कहता नैना ने फोन रख दिया.
फोन रख के नैना किचन मे चली गयी और साथ ही आंटी भी किचन मे आ गयीं. नैना
ने आंटी को बता दिया उस ने जिम्मी को भी यहीं बुला लिया है फॉर
ब्रेकफास्ट जिस पे आंटी ने नाराज़गी का इज़हार किया कि यह बात ठीक नही
है.
खैर जिम्मी भी आ गया और देन सब ने मिल के ब्रेकफास्ट किया और देन जिम्मी
और आंटी अपने घर चले गये और नैना घर के काम काज मे मसरूफ़ हो गयी.
घर के तमाम काम ख़तम करने के बाद नैना ने टाइम दैखा दोपेहर के 12 बज रहे
थे. आज सुबह से शान ने भी कोई फोन नही किया था. नैना ने सोचा शान की खैर
ख़ैरियत पता कर ली जाए. फोन उठे और शान को कॉल की.
शान: हेलो नैना केसी रही रात अकेले?
नैना: अकेली तो नही थी.
शान: शक भरी आवाज़ मे. तो कौन था साथ तुम्हारे?
नैना: आंटी को बुला लिया था मैं ने साथ से. आप को पता है अकेले मुझ से
केसे रात गुज़रती?
शान: ओह प्ल्ज़ नैना अब रात गुज़ारना सीखो अकेले कॉज़ अब मुझे वीक मे ऐक
या दो दिन नाइट टाइम काम करना पड़े गा.
नैना: ओके कर लूँगी. और आप की रात केसी गुज़री?
शान: बहुत काम था सारी रात करते रहे अभी भी नींद से बुरा हाल है.
नैना: तो घर आ जाओ ना? आराम कर लो.
शान: नही अब छुट्टी कर के ही आउन्गा ऐक ही दफ़ा. कुछ मंगवाना है बाज़ार
से तो मुझे एसएमएस कर देना मैं लेता आउन्गा.
नैना: ओके टेक केर.
शान: टेक केर और फोन बंद.
नैना देन टीवी लाउंज मे आ गयी और शान के बारे मे सोचने लगी कि शान उस के
साथ ऐसा क्यो कर रहे हैं? क्या वो खूबसूरत नही है? क्या वो सेक्षुयल
कमज़ोर है? क्या शान का उस से दिल भर गया है? या उस लड़की ने शान को अपने
जाल मे फँसा लिया है?
अभी यही सोच रही थी कि आंटी की कॉल आ गयी कि वो बाज़ार तक जा रही हैं कुछ
शॉपिंग करने और इफ़ नैना जाना चाहती है तो रेडी हो जाए. पहले तो नैना ने
सोचा कि नही जाती कि शान क्या कहेंगे फिर यह सोच कर जाने की हामी भर ली
कि शान को कौन सा फ़र्क़ पड़ता है वो जिये या मरे और देन हां कर दी.
थोड़ी देर मे दोनो रेडी हो कर बाज़ार शॉपिंग करने चली गयीं. शॉपिंग करते
करते 2 बज गये और नैना को भूक लगने लगी. आंटी ने भी भूक का इज़हार किया
और दोनो ऐक फास्ट फुड मे लंच करने चली गयीं.
वहाँ पे दोनो ने इकट्ठा लंच किया और लंच कर के जेसे ही दोनो फास्ट फुड से
बाहर आईं आगे से शान उसी लड़की के साथ फास्ट फुड के अंदर दाखिल हो रहे
थे. शान की नज़र नैना पे पर गयी और नैना ने भी शान को दैख लिया. शान की
शकल से कन्फ्यूषन क्लियर दिख रही थी क्योकि शान के हाथ मे उस लड़की का
हाथ था और नैना ने दोनो को उसी पोज़िशन मे दैख लिया था.
आंटी ने नैना का कुछ ना बोलने का कहा और खामोशी से आगे चल दिये. नैना को
ऐक बात तो कन्फर्म हो गयी कि उस लड़की ने नैना को नही दैखा हुआ था वरना
वो भी फ़ौरन उसे पहचान जाती. नैना गुस्से से जा के गाड़ी मे आंटी के साथ
बैठ गयी और रोने लगी.
आंटी ने उसे समझाया कि यह मुनासिब जगह नही है. घर जा के आराम से बात कर
लेना शान से और गाड़ी ले कर चल दी. घर पहुचते ही नैना ने रो रो के बुरा
हाल कर दिया. आंटी ने मुनासिब नही समझा उन के आपस के मामलात मे इंटरफेर
करना इसी लिये वो नैना के घर नही आइ.
नैना अभी रो रो के बेड पे लेटी ही थी कि डोर बेल हुई. नैन ने अपने फेस को
ठीक किया और जा के डोर ओपन किया तो हैरान हो गयी. बाहर शान खड़े थे जो कि
बहोत गुस्से मे दिख रहे थे.
दरवाज़ा बंद करते ही नैना पे बरस पड़े. तुम्हे शरम नही आती मेरी इजाज़त
के बगैर तुम बाहर क्यो निकली? तुम्हे किस ने कहा कि तुम इस तरहा फास्ट
फुड्स और बाज़ार मे घूमती फ़िरो. तुम्हे अपने हज़्बेंड की इज़्ज़त का कोई
ख़याल नही है? लानत है ऐसी वाइफ पे जो अपने हज़्बेंड की गैर हाजरी मे
बाज़ारों मे घूमती है. पता नही और क्या क्या गुल खिलाए हों गे मेरी गैर
मौजूदगी मे.
इस बात पे नैना को सख़्त गुस्सा आ गया और वो शान पे बरस पड़ी कि वो जो
लड़की आप के साथ थी वो क्या उस के साथ लंच कर के आप को शरम नही आइ? उस के
साथ रात गुज़ार के शरम नही आइ? बस इतना ही कहना था कि शान ने नैना के गाल
पे ज़ोर का चांटा रसीद कर दिया और गुस्से से ज़ोर से गेट बंद कर के गाड़ी
स्टार्ट कर के चले गये.
क्रमशः..........
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