RE: Desi Chudai Kahani Naina-नैना
नैना--पार्ट-9
गतान्क से आगे.......
नैना अंदर दाखिल हुई तो सामने ऐक दुबली पतली ख़ातून लैकेन बहोत ही
ज़्यादा अट्रॅक्टिव, जिम्मी की उमर के हिसाब से उन्हे 45 के करीब होना
चाहिये मगर देखने मे वो 35 की लग रही थी. नैना और जिम्मी की अम्मी आपस मे
गले मिले और ऐक ही सोफे पे बैठ कर बाते करने लगे.
नैना को जिम्मी की अम्मी बहोत अच्छी लगी बहोत ही सुंदर और बहोत ही सोम्य.
नैना को कही से भी नही लग रहा था कि वो आज पहली दफ़ा मिल रहे हैं. अपना
अपना सा लग रहा था सब. इतने मे जिम्मी रूम से आता हुआ दिखाई दिया और हाथ
मे कोल्ड ड्रिंक्स लिये.
नैना: ओह यह क्या तकलीफ़ की आप ने. अभी तो आप खुद मेहमान हैं.
जिम्मी: नोपस. मेहमान तो आप हैं हमारे घर और मुस्कुरा दिया.
आंटी: यह जिम्मी है मेरा बेटा और यही मेरी बेटी भी है सब काम मे हेल्प
करता है मेरी.
जिम्मी: जी बहोत प्यारी बेटी हूँ मे अपनी अम्मी की ओर सब खिलखिला के हंस दिये.
नैना को पता ही नही चला कि कब ऐक घंटा गुज़र गया बाते करते करते और यह
ख़याल भी तब आया जब नैना के सेल पे शान की कॉल आइ कि ऑफीस बॉय घर के करीब
पहॉंच गया है उस से समान ले लेना सारा.
नैना को तब ख़याल आया कि उस ने जिम्मी और उस की अम्मी को अभी तक लंच का
भी नही बताया. फ़ौरन कॉल के बाद बोली.
आंटी आज आप दोनो लंच हमारे यहाँ करेंगे.
आंटी: नही बेटा आप क्यो तकलीफ़ करती हो. हम कर लेंगे.
नैना: नही आज आप का फर्स्ट डे है सो आज आप मेहमान हैं कल से आप अपना कर
ली जिये गा और मुस्कुरा दी.
आंटी: ओके हम आ जाएँगे और जिम्मी की तरफ़ भी देख कर मुस्कुरा दी.
नैना उठ के जाने लगी तो आंटी जिम्मी को बोली: बेटा जिम्मी जाओ नैना को
गेट तक छोड़ आओ.
नैना: नही इट्स ओके मैं चली जाउन्गी.
बट जिम्मी साथ चल दिया और बोला कि मैं गेट भी बंद कर आउन्गा जैसे आप
खामोशी से अंदर आ गयी हैं ऐसे कोई डाकू भी आ सकता हे. और दोनो ने ऐक
मर्तबा फिर हँसी का ठहाका लगाया. हाहहहाहा. और गेट तक चल दिये.
गेट पे पहुँचते ही जिम्मी ने कहा ओह वी आर सॉरी हमे याद ही नही रहा
नंबर्स एक्सचेंज करने का. क्या अब ऐक दूसरे की डोर बेल्स ही बजाते रहेंगे
फोन पे ही पूछ लिया या बता दिया अगर कोई चीज़ ज़रूरत हो तो.
नैना ने पहले थोड़ा हेज़िटेट किया लेकिन फिर लॅंडलाइन नंबर दे दिया और
जिम्मी ने अपना और अपनी अम्मी का सेल नंबर नोट करवा दिया कि जब तक
लॅंडलाइन नही लग जाता आप इन्हे यूज़ कर सकती हैं.
नैना ओके कहते हुए घर से बाहर आ गयी और साथ अपने डोर का लॉक खोलने लगी.
उस ने पीछे मूड के देखा तो जिम्मी अपने गेट पे खड़ा अभी तक नैना को देख
रहा था. नैना को अजीब लगा जिम्मी का ऐसे देखना और जल्दी से लॉक खोल कर
अंदर चली गयी.
अंदर जा कर टाइम देखा तो 11 बज रहे थे और अगले ही लम्हे डोर बेल हुई और
ऑफीस बॉय सारा समान और वो लिस्ट नैना को दे गया कि बीबी जी सारा समान ले
आया हूँ जो जो लिस्ट मे था और यह साहब ने पैसे जो दिये थे उस मे से बचे
हैं कह रहे थे कि बीबी जी को ही दे आना.
नैना ने समान लिया और पैसे ले कर अंदर आ गयी और समान ऐक तरफ़ रख के
जिम्मी और उस की अम्मी के बारे मे सोचने लगी.
कितने नाइस लोग हैं. आंटी कितनी प्यारी हैं, कितनी केर करने वाली हैं और
जिम्मी भी बिल्कुल अपनी अम्मी पे गया है बहोत नाइस और किचन मे जा कर लंच
की तैय्यारि करने लगी.
उधर जिम्मी के घर भी जिम्मी और उस की अम्मी के बीच नैना की ही बाते चल
रही थी कि, कितनी सुंदर है, कितनी रेस्पॉन्सिबल लड़की है. काश यह मेरी
बहू होती यह सुनते ही जिम्मी बोला हाए अम्मी आप ने मेरे दिल की बात कह दी
और दोनो मा बेटा खिलखिला के हँसने लगे.
इधर नैना भी कभी आंटी और कभी जिम्मी के बारे मे सोच रही थी. पूरे घर मे
नैना की साथी उस की सोचे ही तो थी. पहले नैना की सोचे अपने और शान के
गिर्द ही घूमा करती थी मगर अब जिम्मी और उस की अम्मी ने उस की सोच मे
एंट्रेन्स कर ली थी.
नैना यही सोच रही थी कि बाहर डोर बेल हुई. नैना ने जा के डोर ओपन किया तो
देखा सामने आंटी खड़ी थी.
नैना: जी आंटी अंदर आइये.
आंटी: अंदर आते हुए. अकेली हो क्या घर मे?
नैना: आंटी की तरफ़ सवालिया नज़रों से देखते हुए जी?
आंटी: ई मीन कोई नोकेर वाघहैरा नही हैं क्या?
नैना: नही शान इस चीज़ के सख़्त खिलाफ हैं कॉज़ आज कल नोकरो का ऐतबार ही
कहाँ है और काम भी इतना ही होता है कि मैं खुद ही कर लेती हूँ और दोनो
बाते करते करते टीवी लाउंज मे आ गये.
आंटी: अरे इधर नही किचन मे चलते हैं दोनो मिल के लंच रेडी करते हैं.
नैना: नही आंटी आप तकलीफ़ ना करे मैं कर लूँगी.
आंटी: अरे चल कर ले गी, इतने सारे काम (चावल बनाना, सलाद बनाना और कबाब
और दूसरी चीज़े, अकेली केसे बनाओगी ?) और साथ ही चावल साफ करने लगी.
नैना ने भी फिर ज़ोर नही दिया और बाते करने लगे.
आंटी: नैना कुछ बताओ अपनी फॅमिली के बारे मे?
नैना: मी आंड शान आर दा फॅमिली.
आंटी: और तुम्हारे पेरेंट्स?
नैना: वो यहाँ पास नही होते.
आंटी: ओके तो कहाँ होते हैं?
नैना: शादी से पहले शान की जॉब वहाँ पे ही थी जहाँ हमारा घर था बट शादी
के 3 मंत्स बाद ही शान का प्रमोशन होगया और कंपनी ने उन्हे यहाँ
ट्रान्स्फर कर दिया सो अब हम इतना दूर हो गये कि आने जाने मे ही 2 दिन लग
जाते हैं. इस वक़्त नैना का लहज़ा थोड़ा ठंडा था.
आंटी: ओह सॅड. और शान की फॅमिली?
नैना: जी वो भी वहाँ ही रहते हैं.
आंटी: ओके तो लास्ट टाइम कब मिली थी अपने पेरेंट्स से?
नैना: कोई 6मंत्स पहले.
आंटी: ओह सॅड तो शान को कहो ना ले जाए मिलवाने तुम्हे?
नैना: जी वो बहोत बिज़ी होते हैं थ्ट्स वाइ बहोत मुश्किल होता है उन के
लिये. कह रहे थे कि जल्द ले जाउन्गा.
आंटी: (नैना के आकेले पन को फ़ौरन समझ गयी और बोली) डोंट वरी नैना अब मैं
आ गयी हूँ ना तुम्हे अपनी अम्मी की कमी फील नही होगी.
नैना: थॅंक्स. और सवाल कर दिया आप बताए?
आंटी: जिम्मी के अबू की डेत को 5 साल होगये हैं. हम तीनो ऐक ही गाड़ी पे
थे वो ड्राइव कर रहे थे कि आक्सिडेंट होगया. आक्सिडेंट ऐसा हुआ कि मे और
जिम्मी तो बच गये बट वो. और चुप हो गयी.
नैना: ओह आइ आम सॉरी.
आंटी: इट्स ओके. और तब से मी आंड जिम्मी आर दा फॅमिली.
नैना: तो घर का खर्च केसे चलता है?
आंटी: जिम्मी क अबू का अपना बिज़्नेस था और उस के सिस्टम्स ऐसे बनाए थे
जिम्मी के अबू ने कि उन के गुज़र जाने के बाद भी बिजनेस वैसे का वैसा हे
और वोही इनकम हे. मैं रोज़ चली जाती हूँ ऑफीस 2 से तीन घंटे के लिये तो
साइन चेक़स हैं टू व्यू डेली ऑपरेशन्स.
जिम्मी भी इसी साल संभाल ले गा बिज़्नेस कॉज़ 4मंत्स मे उस की स्टडी पूरी
हो जाए गी.
नैना: ओके थ्ट्स गुड.
आंटी: तो कितना अरसा हो गया हे शादी को?
नैना: जी 18 महीने और नैना को पता था कि अगला सवाल क्या आए गा और उस का
जवाब भी पहले से सोच लिया.
आंटी: 18 मंत्स और घर मे कोई फूल नही दिख रहा और मुस्कुरा दी?
नैना: जी वो शान ही नही चाहते कि अभी कोई बच्चा हो. (और साथ ही यही सोचने
लगी कि यही तो मैन वजह है कि शान के पेरेंट्स उस से नफ़रत करते हैं कि 18
मंत्स मे भी कोई गुड न्यूज़ नही दे सकी. केसे बताए आंटी को कि मसला यह
नही मसला और है. शान भी इसी लिये नैना को कम टाइम देते हैं कि उन्हे 18
मंत्स मे कोई बच्चा नही मिला)
आंटी के अगले क्वेस्चन ने नैना को ऐक दम से शॉक कर दिया क्यो कि नैना
एक्षक्पेक्ट नही कर रही थी.
आंटी: यानी शान का अभी बच्चे की मा से खैल खैल के दिल नही भरा? हहहे
नैना: मुस्कुराते हुए. जी बिल्कुल.
आंटी: वैसे नैना तुम हो बहोत सुंदर. शान तो खूब मज़े करते हों गे रात को रोज़.
नैना: हया से आंटी की तरफ़ देखते हुए. और फिर बोली जी.
आंटी: वैसे शान केसा है बेड मे? बाग की फुल सैर करता है या फिर गाड़ी चला
के सो जाता है?
नैना: आंटी प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़. जेसे शर्मा रही हो.
आंटी: अरे नैना शरमाओ नही मैं तुम्हारी अम्मी की तरह हूँ और अब तो
तुम्हारी फ़्रेंड भी.
नैना ने आज तक अपनी सेक्स लाइफ का किसी को नही बताया था और ईवन अपनी
अम्मी से भी नही, क्योंकि उस की अम्मी ने उस से कभी ऐसे सवाल ही नही किये
कभी. सो नैना को अजीब लग रहा था लैकेन वो आंटी को नाराज़ नही करना चाहती
थी.
नैना: जी मूड पे डिपेंड करता है कभी कभी तो बहोत लंबी ड्राइव तो कभी कभी
बस टेस्ट ड्राइव ही. और हंस दी.
आंटी: हां ऐसा होता है. जिस दिन बाहर किसी सेक्सी लड़की को देख कर आ जाए
तो उस रात तो सख्ती होती है वाइफ की.
नैना को ऐक दम से अपनी गुज़री रात याद आ गयी कि रात को भी बिल्कुल ऐसा ही
हुआ था और आंटी की इस बात ने जैसे जलती पे पेट्रोल का काम किया और नैना
को अपनी बात सही लगने लगी कि कल शायद उस लड़की से शान कुछ कर नही सके तो
सारी गर्मी नैना पे निकाली.
क्रमशः..........
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