RE: Desi Chudai Kahani Naina-नैना
गतान्क से आगे.......
जिम्मी ड्रेस चेंज कर के आया था इस दफ़ा ट्राउज़र और टी शर्ट मे था जो कि
हल्की सी भीगी हुई थी शायद नहा के आया था और फ्रेश भी लग रहा था.
नैना ने जिम्मी को ऊपेर से नीचे तक ऐक नज़र दैखा और खाने का पूछा कि खाना खा लिया?
जिम्मी: जी मैने वो फास्ट फुड से पॅक करवा लिया था. थॅंक्स. शान साहब
नज़र नही आ रहे?
नैना: जी वो अभी ऑफीस से वापिस नही आए.
जिम्मी: ओह अछा. चलता हू तो उन्हे बता दी.जिये गा कि साथ वाले घर मे लोग
आ गये हैं और आप ज़रूर चक्कर लगाइएगा आंड थॅंक्स वेरी मच आप ने इतनी
तकलीफ़ की मैरे लिये आंड अगेन आइ आम सॉरी फॉर डिस्टर्बेन्स.
नैना: इट्स ओके और गेट बंद कर के रूम मे आ गयी.
नैना ने रूम मे आ के फिर जिम्मी को सोचना शुरू कर दिया और ऐक दम शॉक से
चोंक पड़ी. नज़ाने कब से वो गेट पे खड़ी जिम्मी से बाते कर रही थी. उस ने
ज़रा भी नही सोचा कि कोई देखे गा तो क्या सोचे गा कि यह दरवाज़े पे खड़े
बाते कर रहे हैं और अगर शान आ जाते तो क्या होता?
इन सब बातों ने नैना को डरा सा दिया और अपने आप से ही कहने लगी कि अगली
दफ़ा एहतियात करे गी और टीवी देखने लगी और चॅनेल्स चेंज करने लगी. फिर ऐक
दम से उसे ख़याल आया उस लेटर का जो जिम्मी ने उसे दिया था.
नैना ने फ़ौरन वो लेटर देखा ऊपेर बहोत ही खूबसूरती से शान का नाम लिखा
हुआ था. नैना ने बॅक साइड से देखा तो कोई नाम नही था. नैना ने फ़ौरन वो
खत खोला अंदर कुछ खाली पेपर्स थे जिन मे कुछ नही लिखा हुआ था लैकेन
पेपर्स के अंदर ऐक गुलाब का फूल लिपटा हुआ था. नैना को यह सब देख कि बहोत
हैरानगी हुई कि पहले तो कभी ऐसे लेटर्स नही आए घर पे? ळैकेन फिर अपने आप
को ही आन्सर मिल गया वो कभी गयी ही नही ऐसे डोर ओपन करने शान के बाद
हमेशा शान ही ओपन करते थे डोर.
नैना को सब कुछ बहोत अजीब लग रहा था कि यह हो क्या रहा है आज. यही सोच
रही थी कि बाहर ऐक मर्तबा फिर डोर बेल हुई. नैना उफफफफफफफफफफफफ्फ़ जिम्मी
अब क्या हुआ? यह कह कर उठी और डोर की तरफ़ गई. गेट के करीब पहुँची तो
बाहर शान की गाड़ी की आवाज़ थी. नैना ने गेट ओपन किया शान ने गाड़ी अंदर
पार्क की और गाड़ी से निकलते हुए बोला उफफफफफफफफफ्फ़ आज बहोत काम था ऑफीस
मे और कह के अंदर चला गया.
नैना तमाम डोर्स बंद कर के अंदर आ गयी और पूछने लगी कि आज का दिन केसा
रहा? शान ने बता दिया कि बहोत बिज़ी था. अभी अभी मीटिंग ख़तम हुई है और आ
रहा हूँ. प्लीज़ ऐक कप कॉफी बना दो.
नैना ओके कह कर किचन मे चली गयी. नैना को सब कुछ बोहत बुरा लग रहा था उसे
यक़ीन ही नही आ रहा था कि शान ऐसे झूट बोलेगा और उसे पिछली कयी रातें जिन
मे शान लेट घर आए थे झूठी लगने लगी.
नैना अभी कॉफी बनाने मे मसरूफ़ थी और अपनी सोचों मे गुम थी कि शान ने उसे
डरा सा दिया. क्योंकि शान सीधा किचन मे आ कर बॅक से नैना से लिपट गये
अपने दोनो हाथ नैना के ब्रेस्ट्स पे ले गये और ऐक किस नैना की नेक पर गढ़
दिया. नैना के लिये सब कुछ अनएक्सपेक्टेड था. आज शान को क्या होगया
अचानक? पिछले ऐक महीने मे तो ऐसा कुछ नही हुआ और आज? शान तो बस किस्सिंग
करने मे मसरूफ़ थे और नैना के ब्रेस्ट्स प्रेस करने मे.
इतने मे शायद शान ने नैना का ब्रेस्ट ज़ोर से प्रेस कर दिया और नैना के
मूह से आहह निकल गयी. और शान ऐक दम से रुक गये.
शान: सॉरी और किस कर दिया निक पे.
नैना: आप फ्रेश हो जाओ मैं कॉफी ले कर आती हूँ बेड रूम मे और मुस्करा दी.
शान: जल्दी आना और नैना को आँख मार दी.
नैना: शरमाते हुए अछा जी.
नैना को सब कुछ ख्वाब लग रहा था कि ऐसा क्या हो गया था शान उसे आज इतना
बेचैनी से प्यार कर रहे हैं? ऐक तरफ़ प्यार की खुशी थी और दूसरी तरफ़
बहोत सारे क्वेस्चन भी जनम ले रहे थे. यह सोच के नैना ने कॉफी कप मे डाली
और सीधा बेड रूम मे चली गयी.
शान शायद बाथ ले रहे थे. अगले दो मिनट बाद शान वॉशरूम से निकले सिर्फ़
ट्राउज़र पहने हुए और बेड पे बैठ कर कॉफी ले कर पीने लगे. नैना भी बेड पर
आ के बैठ गयी. शान ने जल्दी जल्दी कॉफी पी, कप साइड पे रखा और सीधा नैना
से लिपट गये और ऐसे प्यार करने लगे जैसे नैना आज पहली दफ़ा मिली हो.
नैना भी ऐक दम से परेशान होगयी क्योंकि शान किसी जनूनी की तरह नैना को
किस्सिंग कर रहे थे और अगले ही लम्हे नैना की कमीज़ को ऐसे ऊपेर की तरफ़
खींचना शुरू कर दिया जैसे नैना ने कमीज़ ना उतारी तो वो फाड़ के अलहदा कर
देंगे .
नैना ने फ़ौरन कमीज़ उतार दी और शान का अगला आक्षन यह हुआ कि नैना की
ब्रा जिस्म से अलहदा होगयी. शान ने इतने ज़ोरे से ब्रा खींची कि ब्रा की
हुक ही टूट गयी. और नैना को लिटा के निपल अपने मूँह मे ले ली. नैना के
ब्रेस्ट्स को बहोत ज़ोरे ज़ोरे से मसल रहे थे शान कभी ऐक ब्रेस्ट को तो
कभी दूसरे को और होन्ट कभी ऐक निपल पे तो कभी दूसरे.
नैना के मूँह से आहह आहह की आवाज़ निकल रही थी. यह आवाज़ मज़े से नही
बल्कि पेन से निकल रही थी जिस बे.दरदी से शान नैना के ब्रेस्ट्स को मसल
रहे थे.
शान अपने प्यार मे गुम थे और नैना का रेस्पॉन्स लिये बघैर किसी जंगली की
तरहा नैना पे चढ़े हुए थे और नैना यही सोच रही थी कि इतने अरसे बाद प्यार
मिला भी तो केसे कि शान को मेरी कोई फिकर ही नही कि मैं ने भी गर्म होना
है मुझे भी प्यार चाहिये सिर्फ़ शान ही प्यासे नही हैं मैं भी बहोत
प्यासी हूँ.
यही सोच रही थी कि शान ने फ़ौरन नैना की शलवार को नीचे की तरफ़ खींचना
शुरू कर दिया और देखते ही देखते शलवार भी नैना के जिस्म से अलहदा हो गयी.
अब नैना पूरी नंगी शान के सामने थी. शान पागलों की तरहा नैना की लेग्स पे
किस्सिंग कर रहे थे और दो तीन किस्सस नैना की चूत पर भी किए. नैना तो बस
नीचे आराम से लेटी हुई थी और उसे यह सब प्यार नही ज़ुल्म लग रहा था. इस
से पहले कि वो कुछ और सोचती शान ने अपना ट्राउज़र उतारा नैना की लेग्स
अपने शोल्डर पे रखी और अपना लंड सीधा नैना की चूत मे डाल दिया.
नैना के मून से आहह निकल गयी क्यूंकी चूत वेट नही हुई थी और शान अपना लंड
इतनी तेज़ी से मूव कर रहे थे कि नैना को पेन हो रहा थे. ज़ोर ज़ोर से
झटको के साथ साथ नैना की चुचियो को भी ऐसा मसला जा रहा था कि आज के बाद
नही मिलेंगे . नैना चुप चाप नीचे लेटी पेन बर्दाश्त कर रही थी उसे ऐसा लग
रहा था के शान उस का रेप कर रहे हैं. और अगले ही लम्हे शान के मूँह से
ज़ोर की अहह की आवाज़ निकली और नैना को अपनी चूत मे शान के लंड से निकलता
हुआ गर्म पानी महसूस हुआ. और इस के साथ ही शान नैना के ऊपेर से हट के ऐक
साइड पे लेट गये.
नैना थोड़ी देर लेटी रही और फिर उठ के वॉशरूम गयी चूत को धोया और दोबारा
से कपड़े पहन लिये. पिछले 10 मिनट शान तो सकून मे आ गये थे लेकिन नैना की
प्यास वहाँ की वहाँ थी बल्कि और भी बढ़ गयी थी. लेकिन वो कर कुछ नही सकती
थी.
रूम मे वापिस आइ तो शान ब्लंकेट ऊपेर लिये आँखे बंद कर के लेटे थे. और
नैना को कहा कि प्लीज़ लाइट्स ऑफ कर दो बहोत सख़्त नींद आ रही है कल भी
बहोत से काम करने हैं ऑफीस मे.
नैना ने लाइट्स ऑफ की ऐक दफ़ा फिर शान को दैखा और उठ के टीवी लाउंज मे
चली गयी और अपनी बे.बसी पे रोने लगी.
टीवी लाउंज मे आ के नैना अपनी बे.बसी पे रोने लगी और उस का दिल करता तो
शायद शान का गला दबा देती कि किस तरहा उस ने आज नैना को प्यार किया था कि
ज़रा सा भी नही सोचा कि नैना क्या चाहती है. इतने अरसे से नैना को प्यार
नही दिया आज दे रहा हूँ प्यार तो ठीक से दूँ?
फिर नैना को यह ख़याल आने लगा कि ऐसा क्यों हो रहा है? शान पहले तो कभी
इतना बेचैन नही थे आज ऐक दम से इतनी आग केसे? फिर उस ने खुद ही अपने सवाल
का जवाब ढूँढ लिया और यह आन्सर लिया कि शायद आज जो लड़की शान के साथ थी
उस ने शान को सेक्स नही करने दिया होगा और शान ऐसे ही प्यासे घर आ गये
हों और अपनी सेक्स की प्यास नैना से दूर की.
नैना को नींद नही आ रही थी और ऊपेर से शान ने नैना के जिस्म मे भी आग लगा
दी थी ऐक महीने बाद नैना के पूरे जिस्म को छेड़ा था शान ने और चूत मे लंड
डाल के जैसे आग बहोत बढ़ा दी हो. ळैकेन वो बेचारी करती भी क्या. यही सोचै
दिमाग़ मे ले कर टीवी ऑन कर दिया और चॅनेल्स चेंज करने लगी.
ऐक चॅनेल पे जा के नैना का हाथ बटन्स से हट गया. चॅनेल पे प्यार करने का
सीन चल रहा था और ऐक गोरा ऐक गोरी को डीप वाली किस कर रहा था. दोनो की
किस्सस इतनी ज़यादा डीप थी कि नैना को अपने ही लिप्स पे कुछ फील होने
लगा. शायद यह नैना के जिस्म की प्यास ही थी जो उसे ऐसा फील हो रहा था.
पिछले काफ़ी अरसे से शान ने नैना के लिप्स पे ऐसा डीप किस नही किया और ना
ही नैना की बॉडी को इतने प्यार से सहलाया था.
टीवी देखते देखते नैना अपने अंदर कुछ फील करने लगी और ऐक हाथ खुद बखुद
नैना की शलवार के अंदर चला गया. टीवी पे शायद मिड.नाइट हॉट मूवी चल रही
थी कि रोमॅंटिक सीन ख़तम नही होने को आ रहा था. नज़ाने कब अपने आप ही को
प्यार करते करते नैना के दिमाग़ मे जिम्मी का अक्स आ गया और उसे फील होने
लगा कि जिम्मी उसे लिप्स पे किस्सस कर रहा है बहोत डीप. दिमाग़ मे बस
जिम्मी की शकल ही आए जा रही थी और हाथ था कि रुक ही नही रहा था कभी
ब्रेस्ट्स पे आ जाता तो कभी पेट से होता हुआ शलवार के अंदर चला जाता.
आज क्या हो रहा था सब? नैना जो कभी शान के सिवा किसी की तरफ़ आँख उठा के
भी ज़यादा देर बात नही करती थी आज उस जिम्मी को दिमाग़ मे ले कर अपनी ही
बॉडी को मसल रही थी जिस से बात भी हुई तो सिर्फ़ 10 से 15 मिनट? जैसे
जैसे टीवी पे कपल्स प्यार कर रहे थे वैसे वैसे नैना को अपनी बॉडी पे सब
कुछ फील हो रहा था. नैना को अब यूँ फील होने लगा कि जिम्मी उस की निपल्स
सक कर रहा है. शान के साथ सेक्स के बाद नैना ने ब्रा नही पहनी थी क्योंकि
उस की हुक टूट गयी थी और ऐसे ही कमीज़ पहन ली थी सो नैना अपने ही
ब्रेस्ट्स को मसल कर जिम्मी को फील कर रही थी और आहिस्ता आहिस्ता आह लव
यू जिम्मी भी कह रही थी लेकिन इतना आहिस्ता कि शान तक आवाज़ ना जाए.
क्रमशः..........
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