RE: Desi Chudai Kahani Naina-नैना
गतान्क से आगे.......
शान वापिस वॉशरूम से अपनी शर्ट पहन के आया और नैना क साथ बेड पे बैठ गया
और अपनी इस हरकत पे सॉरी बोला. नैना ने कहा कि अब ज़रा बताओ कि क्या कर
रहे थे आप वॉशरूम मे? तो इस पे शान ने सारी बात नैना को बता दी और अपनी
फीलिंग्स भी बता दी अबौट नैना'स ब्रेस्ट.
नैना तो जैसे शर्म से अपने ही अंदर सिमट के रह गयी. इतने मे शान नैना के
करीब हुआ और नैना के हाथ अपने हाथ मे ले कर बहोत प्यार से बोला. नैना आइ
रियली लव यू अलॉट आइ आम रियली सॉरी अगर तुम्हे यह सब बुरा लगा. नैना कुछ
ना बोली और सिर्फ़ मुस्कुरा दी. और अगले ही लम्हे शान के होन्ट सीधा नैना
की लेफ्ट गाल के ऊपेर जा चिपके और शान ने नैना को ऐसे किस किया जैसे कोई
मासूम बच्चे को किस करता हे और नैना के करीब हो गया.
शान और नैना ऐक दूसरे के बहोट करीब आ गये और नैना को समझ नही आ रही थी कि
वो क्या करे शान को मना करे गी तो कहीं शान नाराज़ ना हो जाए और अगर इसी
तरह चलने देती है तो शादी से पहले यह सब ठीक नही और अगर अम्मी जाग गयीं
और उन्हों ने देख लिया तो क्या सोचैंगी ? ऐक दम से कयी सवाल नैना के
दिमाग़ मे जनम लेने लगे. यही सोच रही थी कि शान का अगला वार सीधा नैना के
दूसरे गाल पे ऐक और किस की शकल मे हुआ और शान जैसे नैना से लिपट से गये.
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नैना अभी इन्ही सोचों मे गुम थी कि ज़ोर की डोर बेल बाजी और नैना दौड़ती
हुई दरवाज़े पे पहुचि. बाहर मुन्ना खड़ा था. मुन्ना पड़ोसियो का 10 साला
बेटा था जो हाथ मे बिरायानी की प्लेट लिये खड़ा था कि आपी ने भिजवाई है.
नैना ने प्लेट ली और मुन्ना को भी अंदर आने को कहा और सीधा किचन चली गयी.
वहाँ से बिरायानी अपने घर के बर्तन मे डाली और प्लेट धोने लगी और साथ ही
मुन्ना से उस के घर वालों की ख़ैरियत और उस की स्टडी का भी पूछ लिया और
यह भी पूछ लिया कि सब क्या कर रहे थे और यह बिरायानी किस खुशी मे? मुन्ना
ने सब सवालों का मासूमियत से जवाब दे दिया और प्लेट वापिस ले के चला गया.
नैना जा के दरवाज़ा बंद कर के आ गयी और वापिस रूम मे आ गयी. नैना पूरा
दिन घर पे अकैलि होती थी और काम घर का इतना था कि बस सुबह ही ख़तम हो
जाता था और पूरा दिन नैना और उस की सोचे ही उस की साथी होती थी. टाइम
देखा तो दोपहर के 12 बज रहे थे. पता ही नही चला कि कब 2 घंटे यौं ही
सोचों मे गुज़र गये थे बट नैना करती भी क्या? दोबारा फोटो आल्बम उठाया और
पिक्चर्स देखने लगी.
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शान थे कि जैसे नैना से चिपक से गये थे. और ऐक दम से नैना पे जैसे किस्सस
की बरसात हो गयी थी. नैना चाहते हुए भी शान को रोक नही पा रही थी. शान के
होन्ट कभी नैना के गाल, कभी फॉरहेड, कभी चिन और कभी नेक पे बरस रहे थे.
अभी तक शान ने नैना के होंठो पे अपने होन्ट नही रखे थे शायद नैना के
रेस्पॉन्स का वेट कर रहा था. नैना ने थोड़ी देर कोई रेस्पॉन्स ना दिया
लैकेन शान के किस्सस की बरसात ने आख़िर नैना को मजबूर कर दिया कि वो शान
के साथ लिपट जाए और नैना के बाज़ू खुद बखुद शान की कमर की ओर मूड गये और
शान ने नैना को अपनी बाँहों मे भर लिया. शान शायद इसी पल का इंतेज़ार कर
रहे थे और बिना कोई देर किये हुए शान ने अपने प्यासे होंठो को नैना के
गुलाबी जुवैसी और रेशम की तरह सॉफ्ट होंठो पे जमा दिये. नैना को ऐक दम से
ऐसे लगा कि जैसे उसे किसी ने तेज़ आग के अंदर डाल दिया हो. नैना की
ज़िंदगी मैं आज पहला दिन था जब वो किसी मर्द के इतने करीब आ गयी थी और
जिस्म जैसे टूट.ने सा लगा था.
शान तो बस नैना के होंठो को ऐसे सक कर रहे थे कि आज के बाद दोबारा नही
मिलैन्गे . और नैना भी भरपूर रेस्पॉन्स दे रही थी. कभी शान का लोवर लिप
नैना के लिप्स मे आ जाता और कभी नैना का लोवर लिप शान के लिप्स मे समा
जाता. किस्सिंग करते करते दोनो के लिप्स तो जैसे चिपक से गये थे. और अब
लिप्स की सकिंग के साथ साथ टग सकिंग भी शुरू हो गयी थी. कभी शान की जीब
नैना के मून के अंदर चली जाती और कभी नैना की जीब शान के मून के अंदर चली
जाती.
किस्सिंग का ना रुकने वाला सिलसिला शुरू हो गया था. और ऐक तरह से
किस्सिंग का सैलाब आ गया था. दोनों तरफ मस्ती बराबर हो गयी थी. अभी नैना
किस्सिंग की मस्ती ठीक तरह से से नही ले पाई थी कि शान ने अगले आक्षन ने
तो जैसे नैना की जान सी निकाल दी हो. ज़िंदगी मे पहली दफ़ा किसी मर्द के
हाथ नैना के ब्रेस्ट्स पे आ लगे थे. और देखते ही देखते नैना का लेफ्ट
ब्रेस्ट शान के हाथों के अंदर समा गया. शान को ऐसे महसूस हो रहा था जैसे
उस ने अपने हाथ मे कोई गुब्बारा पकड़ लिया हो जो कि जैली से भरा हुआ है
और हाथ से फिसला जा रहा है.
कमीज़ के ऊपेर से नैना के ब्रेस्ट को मसलने मे शान को बहोत मज़ा आ रहा था
और किस्सिंग की बरसात वैसे की वैसे ही थी. दोनो तरफ से बराबर किस्सिंग के
वार जारी थे. अब तो धीमे धीमे आवाज़ भी निकल रही थी. कभी शान के मूँह से
निकल जाता आइ लव यू जानू और कभी जवाब मे नैना कह देती लव यू टू शान. और
कभी अगर शान ज़रा ज़ोर से ब्रेस्ट को मसल देता तो हल्की सी अया सी निकल
जाती नैना के मूँह से.
किस्सिंग और ब्रेस्ट प्रेस्सिंग का खैल जारी ही था कि शान ने आहिस्ता से
नैना को पीछे की ओर लिटा सा लिया और अपना आधा जिश्म नैना के ऊपेर ले आया.
नैना ने अपने दोनो आर्म्स शान के राउंड कर लिये और आइज़ क्लोज़ कर के शान
के प्यार को फील करने लगी. शान का ऐक ऐक किस नैना के ऊपेर आग सा बरसा रहा
था.
अगले ही लम्हे शान का हाथ कमीज़ के ऊपेर सफ़र करता हुआ नैना के पेट तक आ
गया और शान ने आहिस्ता से अपना हाथ कमीज़ के अंदर डाल के नैना के पेट पे
रखा दिया. नैना तो जैसे तडप उठी. शान अपना हाथ बहोत ही प्यार से नैना के
पेट पे नाभि के राउंड मूव कर रहे थे और साथ साथ नैना के पूरे फेस पे, नेक
पे, चेस्ट पे किस्सिंग कर रहे थे और कभी कान के बॉटन मे किस कर के प्यार
से जान लव यू अलॉट कह देते जिस से नैना तो जैसे प्यार मे डूब सी जाती.
शान का हाथ आहिस्ता आहिस्तान कमीज़ के अंदर से ऊपेर की जानिब सफ़र कर रहा
था और अगले ही लम्हे नैना का ब्रेस्ट शान के हाथ मे आ गया.
उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ की हल्की सी आवाज़ नैना के मूँह से निकली और आँखे बंद
कर ली. शान अब अपना हाथ कभी नैना के राइट और कभी लेफ्ट ब्रेस्ट पे ले
जाते और बड़ी एहतियात और प्यार के साथ ब्रेस्ट को प्रेस करते कि नैना को
तकलीफ़ भी ना हो और मज़ा भी मिलता रहे.
अब शान के होन्ट फेस से हट के नैना की नेक पे और चेस्ट पे जम से गये थे.
पूरी नेक पे शान ने जैसे क़िस्सीस की बारिश सी कर दी और और चेस्ट पे ऐसे
किस्सिंग करने लगे जिस से नैना को लगता कि इस किस के बाद जैसे उस की अगली
साँस नही आए गी. शान बहोत ही मोहब्बत के साथ नैना को प्यार दे रहे थे और
नैना भी खूब प्यार को एंजाय कर रही थी.
शान ने आहिस्ता आहिस्ता कमीज़ ऊपेर करना शुरू कर दी. और जैसे ही कमीज़
ब्रेस्ट्स के करीब पहोन्चि नैना ने शान का हाथ पकड़ लिया और नज़रों ही
नज़रों मे जैसे रिक्वेस्ट कर रही हो कि प्ल्ज़ नही. शान ने भी नज़रों ही
नज़रों मे अपनी रिक्वेस्ट बता दी कि
प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ अब रहा नही जा
रहा ऊपेर करने दो. नैना ने पहले तो थोड़ा इनकार किया लैकेन शायद शान नही
मान.ने वाले थे. तो नैना ने शान से आहिस्ता से कह दिया ओके बट लाइट ऑफ कर
दे और जस्ट टेबल लॅंप ऑन रहे और शर्मा के मूँह जैसे छुपा सा लिया. शान ने
फ़ौरन बात मान ली और लाइट ऑफ कर के लॅंप ऑन कर दिया और वापिस नैना से आ
के लिपट गये.
अगले ही लम्हे नैना की कमीज़ ब्रेस्ट से ऊपेर नेक के अंदर इकट्ठी हुई
पड़ी थी. उफ़फ्फ़ क्या नज़ारा था. 36 की गोल गोल छातियाँ जिन्हे आज तक
किसी मर्द ने नही छूआ था. लॅंप की रोशनी मे भी दूध की तारह सफैद चमक सी
रही थी. निपल्स के राउंड पिंक रंग का कोई हाफ इंच का दायरा और ऊपेर से
तनी हुई पिंक निपल्स ने तो जैसे शान के होश ही उड़ा दिये. कुछ लम्हे के
लिये शान यौंही नैना की खूबसूरत भरी हुई चूचियो को दरखने लगे और अगले ही
लम्हे शान के आग की तरह गरम होन्ट नैना की लेफ्ट निपल पे जा के जम गये.
नैना के मूँह से आआआआः निकल गयी और अपनी आवाज़ को कंट्रोल करते हुए अपने
दोनो हाथ शान के सिर पे ले गयी और बहोत प्यार से बालो मे फिंगर्स मूव
करने लगी.
शान किसी छोटे बच्चे कीतरह नैना की चुचि के निप्पल की सकिंग किये जा रहे
थे जैसे इस उम्मीद मे हो कि अगले ही लम्हे इस मे से दूध निकले गा और उससे
बच्चे की भूक मिटे गी. ऐक हाथ मे नैना का राइट ब्रेस्ट और दूसरे हाथ मे
लेफ्ट और लेफ्ट ब्रेस्ट की निपल शान के मून मे. शान कभी निपल को सक करते
और कभी तो पूरे ब्रेस्ट पे अपनी गर्म ज़बान को मूव कर देते जिस से नैना
तडप के रह जाती.
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तस्वीर के सामने यादों मे खोई हुई नैना की नज़र अचानक घड़ी पे पड़ी तो
दोपेहर के 2 बज रहे थे. और उसे यह भी फील हुआ कि वो याद मे इतना गहरा खो
गयी थी कि उसकी शलवार मे उसे गीला पन महसूस हो रहा था. नज़ाने कब से इस
याद मे खोए खोए शलवार के ऊपेर से ही अपने जिसम को मसल रही थी. नैना ने
सुबह नाश्ता भी ठीक से नही किया था क्योंकि कि शान नाराज़ हो के नाश्ते
की टेबल से उठ के चले गये थे. नैना को अब भूक सी महसूस होने लगी लैकेन
याद ऐसी थी कि बस नैना दोबारा उस मे खो जाना चाहती थी. क्योंकि इस पूरे
घर मे नैना का ऐक ही साथी था वो थी उस की पुरानी यादे. ळैकेन उस ने यह
फ़ैसला किया कि साथ वाले घर से जो बिरायानी आइ है उसे गरम कर के यहीं बेड
रूम मे ले आए और साथ साथ फोटो आल्बम देखे. यह सोच के उस ने आल्बम वहीं
छोड़ा और जा के किचन मे बिरायानी गरम करने लगी.
बिरायानी गर्म करते समय भी उसे बस उसी रात की याद आए जा रही थी. क्यू ना
आती आख़िर वो रात थी ही इतनी इंपॉर्टेंट जिस ने नैना की ज़िंदगी मे बहोत
कुछ नया सा कर दिया था. माइक्रोवेव से बिरायानी निकाली और ऐक ग्लास पानी
ले कर सीधा रूम मे जा पहोन्चि और आल्बम को गोद मे रख के दोबारा पिक्चर्स
को देखने लगी. पिक्चर अभी तक वोही सामने थी जिसे दैख के नैना को पूरी रात
की दास्तान याद आ गयी थी. नैना ने साथ साथ खाना खाना शुरू किया और दोबारा
अपनी याद का सिलसिला वहीं से जोड़ दिया. कितनी प्यारी रात थी वो.
क्रमशः..........
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