Hot Sex stories एक अनोखा बंधन
07-15-2017, 01:25 PM,
#10
RE: Hot Sex stories एक अनोखा बंधन
6

ना जाने उन्हें क्या सूझी उन्होंने मेरे लंड को थोड़ा सा खोला और अपनी ऊँगली से मेरे पिशाब निकलने वाले छेद पे धीरे-धीरे मालिश करना शुरू कर दिया| उनके हर बार छूने से मुझे मानो करंट सा लगने लगा था और मैं बार-बार उचक जाता था| हमारा ये खेल भी ज्यादा देर तक न चला, माँ कमरे में कुछ सामान लेने आई तो भाभी ने चुपके से अपना हाथ मेरे लंड से हटा लिया| मैंने भी अपनी टांग मोड़ के कम्बल के अंदर कड़ी कर दी ताकि माँ को कम्बल में बने उस छोटे तम्बू का एहसास न हो जाए|खेर मम्मी पपंच मिनट के भीतर ही बहार चली गईं और इधर भाभी और मैं दोनों गरम हो चुके थे और एक दूसरे के आगोश में सिमटना चाहते थे| मैंने अपनी पैंट की चैन बंद की और पीछे से भाभी की योनि स्पर्श करने के लिए हाथ दाल दिया| भाभी उकड़ूँ हो के बैठ गई जिससे मेरा हाथ ठीक उनकी योनि के नीचे आ गया| मैंने साड़ी के ऊपर से उनकी योनि पकड़ने की बहुत कोशिश की परन्तु न कामयाब रहा इसलिए भाभी ने मुझे जगह बदलने की सलाह दी|

मैं उठ के भाभी के ठीक सामने अपने पैर नीचे लटका के बैठ गया|अब मेरे मन में भाभी के योनि दर्शन की भावना जाग चुकी थी और मैं बहुत ही उतावला होता जा रहा था| मैंने एक-एक कर भाभी की साडी की परतों को कुरेदना चालु किया ताकि मेरी उँगलियाँ उनके योनि द्वार तक पहुंचे| मैं उनकी साडी तो ऊँची नहीं कर सकता था क्योंकि यदि मैं ऐसा करता तो माँ के अचानक अंदर आने से बवाल मच जाता, इसीलिए मैं गुप-चुप तरीके से काम कर रहा था| आखिर कर मेरा सीधा हाथ उनकी योनि से स्पर्श हुआ और मैं उस मखमली एहसास का बयान आपसे करना चाहता हूँ|

ऐसा लगा जैसे किसी नवजात शिशु की स्किन हो! आअह्ह्ह ... जैसे यदि आप गुलाब की काली को अपने हाथ पे महसूस किया हो| इतनी कोमल....की.. मैं आपको इससे ज्यादा शब्दों में साझा भी नहीं सकता| इतनी ठंडी की क्या बताऊँ... मैंने धीरे-धीरे उनकी योनि द्वार को सहलाना शुरू किया और भाभी की सीत्कारियां फूटने लगीं|

“सीइइइइइइइइइइइ....इस्स्स्स”

मेरा हाथ लगने से भाभी की योनि फड़कने लगीं.. उनकी योनि का एहसास ठंडा था.. और ऐसा लगा जैसे भाभी की योनि मेरे हाथों के गरम एहसास से काँप रही हों|

मैंने और देर न करते हुए अपनी बीच वाली ऊँगली उनके योनि के अंदर धकेल दी, परन्तु योनि के अंदर का तापमान बहार के तापमान से बिलकुल उलट था|अंदर से भाभी की योनि गर्म थी.. जैसे की कोई भट्टी! मेरे इस अनुचित हस्तक्षेप से भाभी सिहंर उठी और उनके मुख से एक दबी सी आह निकली:

“अह्ह्हह्ह ... सीईईइ “

मैंने धीरे-धीरे अपनी बीच वाली ऊँगली को अंदर बहार करना चालु कर दिया और भाभी के चेहरे पे आ रहे उन आनंद के भावों को देखने लगा| उन्हें इस तरह देख के मुझे एक अजीब सी ख़ुशी हो रही थी.. किसी को खुश करने की ख़ुशी| भाभी की सीत्कारियां अब लय पकड़ने लगीं थी:

"स्स्स्स...आह्ह्ह... स्सीईई ..अम्म्म्म ..."

उन्होंने अचानक से मेरा हाथ जो अंदर बहार हो रहा था उसे थमा| मुझे लगा शायद भाभी को इससे तकलीफ हो रही है परन्तु मेरी सोच बिलकुल गलत निकली| उन्होंने मेरा हाथ पकड़ के गाती बढ़ाने का इशारा किया| मैं ठहरा एक दम अनाड़ी, मैं अपनी पूरी ताकत से अपनी बीच वाली ऊँगली तेजी से अंदर-बहार करता रहा ये सोच के की भाभी को जल्द ही परम सुख का आनंद मिलेगा| परन्तु मेरी इतनी कोशिश पर भी भाभी के मुख पे वो भाव नहीं आये जिनकी मैं कल्पना कर रहा था| तभी अचानक मुझे पता नहीं क्या सुझा और मैंने अपनी तीन ऊँगली भाभी के योनि में प्रवेश करा दिन और भाभी के चहरे के भाव अचानक से बदल गए|

उनके चेहरे पर पीड़ा तथा आनंद के मिलेजुले भाव थे और मैं ये तय नहीं कर पा रहा था की उन्हें पीड़ा अधिक हो रही है या आनंद अधिक प्राप्त हो रहा है? मेरी इस दुविधा का जवाब उन्होंने ने अपनी आवाज से दे दिया:

"मानु ... स्स्स्स ....ऐसे ही अह्ह्ह्ह ...और तेज करो...म्म्म्म"

मैंने अपनी पूरी शक्ति झोंक दी और ऐसा लगा की भाभी चरम पर पहुँच ही गईं..... की तभी..... माँ ने दरवाजा खोला!!!
मेरी हालत खराब हो गई.. कान एक दम से सुरक लाल हो गए और गाला सूख गया|

वो तो शुक्र था की माँ ने जब दरवाजा खोला उसी समय किसी ने मैन गेट की घंटी बजे इसलिए माँ ने अंदर कुछ भी नहीं देखा ... और माँ थोड़ा ही दरवाजा खोल पाई थी की अचानक बजी घंटी से उनका ध्यान भांग हो गया और वो बहार चलीं गई| भाभी अतृप्त थी और मैन भी परेशान था.. पर क्या कर सकता था| मन मसोस के रह गया... पर तभी मुझे कुछ सुझा, मैंने अपनी तीनों उँगलियाँ जो भाभी के योनि रास में सरोबार थीं उन्हें सुंघा| उसमें से एक अजीब सी अभिमंत्रित गंध आई और मैन जैसे उसके नशे में झूमने लगा| मैँ भाभी की और मुदा और भाभी को दिखाते हुए अपनी तीनों उँगलियों को मुंह में ले के चूसने लगा... भाभी के चेहरे पर बड़े ही अजीब से भाव थे.. वो तो जैसे हैरान थी की मैंने ये क्या कर दिया| मैंने इस बात पे इतना ध्यान नहीं दिया और न ही उनसे कुछ पूछा, मैंने करे से बहार झाँका तो पाया माँ पड़ोस वाली भाभी के यहाँ गई हैं, शायद उन्होंने ने ही घंटी बजे थी|

एक पल के लिए तो गुस्सा आया परन्तु फिर मैंने भाभी को इशारे से अपने पास बुलाया और उन्हें बाथरूम की और ले गया, मैंने बाथरूम का दरवाजा खुला chhod idya और भाभी की और मुंह कर के अपनी पैंट की चैन खोली और अपने अकड़े हुए लंड को बहार निकला और भाभी को दिखा के उनके योनि रास से लिप्त उन्ही उँगलियों से अपने लंड को स्पर्श किया और उन्हें दिखा-दिखा के मुट्ठ मारने लगा| भाभी का मुख खुला का खुला रह गया और मुझे भी छूटने में ज्यादा समय नहीं लगा| भाभी के देखते ही देखते मैंने अपना वीर्य की बौछार कर दी जो सीधा कमोड मैँ जा गिरी, भाभी मेरी इस वीर्य की बारिश देख उत्तेजित हो चुकी थी और साथ ही साथ हैरान भी थी परन्तु अब किया कुछ नहीं जा सकता था| चिड़िया खेत चुग चुकी थी !! अर्थात, चिड़िया रुपी मैँ, तो बाथरूम में जाके भाभी को दिखाते हुए अपने शरीर में उठ रही मौजों की लहरों को किनारे ला चूका था परन्तु किसान रूपी भाभी अब भी भूखी थी...प्यासी थी... उनके चेहरे से साफ़ झलक रहा था की वो प्यासी हैं और शायद मुझे अंदर ही अंदर कोस रही थीं|

खेर मैँ बाथरूम से हाथ धोके निकला और मेरे मुख पे सकून के भाव थे और भाभी के मुख पे क्रोध के.. परन्तु पता नहीं क्या हुआ उन्हें, मेरे चेहरे के भाव देकते ही वो मेरे पास आइन और मेरे गाल पर एक पप्पी जड़ दी और मुस्कुरा के बाथरूम में चली गईं| मैँ कुछ भी नहीं समझ पाया और भाभी को बाथरूम के अंदर वॉशबेसिन पर खड़ा देखता रहा| मुझे लगा शायद वो अंदर जाके अपने आप को शांत करने की कोशिश करेंगी पर उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया, वो बस ठन्डे पानी से अपना मुंह धो के अपने साडी के आँचल से पोछती हुई बहार आ गईं| इतने माँ भी पड़ोस वाली भाभी के घर से लौट आइन और हम दोनों को एक साथ खड़ा देख पूछने लगीं:

"तुम दोनों यहाँ क्या कर रहे हो?"

भाभी: चाची मैंने सोचा आपकी मदद कर दूँ...

माँ: नहीं बीटा तुम बैठो खाना तैयार है मैँ तुम दोनों को परोसने ही जा रही थी की रामा (हमारी पड़ोस वाली भाभी) ने बुला लिया, चलो हाथ मुंह धो लो मैँ अभी खाना परोसती हूँ|

मैँ: (भाभी को छेड़ते हुए) मुँह भाभी ने धो लिया और हाथ मैंने!!!

भाभी ने चुपके से मुझे कोहनी मारी और अपना नीचे वाला होंठ दबाते हुए हुए झूठा गुस्सा दिखने लगीं| खेर मैँ और बहभी अंदर कमरे में चल दिए और तभी मेरी और भाभी की नज़र नेहा पर पड़ी वो तो खेलते-खेलते चटाई पे सो चुकी थी और टी.वी चालु था| मैंने एक गहरी सांस भरी क्योंकि नेहा को देखने के बाद मेरे मन में ख़याल आया की कहीं इसने सब देख तो नहीं लिया? भाभी ने नेहा को फटा फैट चटाई से उठा के पलंग पे सुला दिया और मैंने उसे रजाई उढ़ा दी| आज खाने में मेरी पसंदीदा सब्जी थी, मटर पनीर की सब्जी और बैगन का भरता! माँ ने अपने सामने बैठा के भाभी और मुझे खाना खिलाया| खाना खाने के पश्चात मैँ और भाभी वापस छत पे आगये सैर करने के लिए| मने भाभी का हाथ थाम लिया और हम एक कोने से दूसरे कने तक सैर करने लगे|

सैर करते समय भाभी बिलकुल चुप थीं परन्तु मैं उनकी इस चुप्पी के कारन से अनविज्ञ था और मन में उठ रही मौजों की लहरों के आगे विवश नहीं होना चाहता था| मन में अब भी उन्हें भोगने की तीव्र इच्छा हिलोरे मार रही थी| पर एक अजीब सा डर सताने लगा था| अचानक मेरी पकड़ भाभी के हाथ पर कड़ी होती गई... भाभी ने अचानक हुए इस बदलाव को देखने के लिए मेरी ओर देखा| मैं उनकी ओर नहीं देख रहा था बल्कि सामने की ओर देखते हुए कुछ सोच रहा था| भाभी चलते-चलते रुक गईं और सवालियां नज़रों से मेरी ओर देखने लगीं| मैं उनके चेहरे को देख ये भांप चूका था की वो क्यों परेशान हैं, परन्तु मुझ में इतनी हिम्मत नहीं थी की मैं उन्हें अपने अंदर उठे तूफ़ान के बारे में कुछ बता सकूँ| दरअसल हर वो नौजवान जिसने अभी-अभी जवानी की दहलीज पर कदम रक्खा हो और वो सेक्स के बारे में सब कुछ जानता हो उसके अंदर कहीं न कहीं अपने कौमार्य को भांग करने की इच्छा छुपी होती है| यही इच्छा अब मेरे अंदर अपना प्रगाढ़ रूप धारण कर चुकी थी और इसीलिए मेरा मन आज इतना विचिलत था|

मेरा गाला सुख चूका था और मुख से शब्द फुट ही नहीं रहे थे ... पता नहीं कैसे परन्तु भाभी मेरे भावों को अच्छे से पढ़ना जानती थी| वो ये समझ चुकी थीं की मेरे मन में क्या चल रहा है और उन्होंने स्वयं चुप्पी तोड़ते हुए कहा:

"मानु... मैं जानती हूँ तुम क्या सोच रहे हो| जब तुम गावों आओगे तब तुम्हारी सब इच्छाएं पूरी हो जाएंगी|"

उनकी ये बात सुनते ही जैसे मेरी बाछें खिल गईं| मन उठ रहा तूफ़ान थम गया और मैंने आग बाद कर भाभी के मुख को अपने हाथों में ले लिया और उनके होठों पे एक चुम्बन जड़ दिया| ये चुम्बन इतना लम्बा नहीं चला क्योंकि हम दोनों बहुत सतर्क थे|

खेर अब शाम होने को आई थी और भाभी के विदा लेना का समय था| मन में बस उनसे पुनः मिलने की इच्छा तड़प रही थी| चन्दर भैया का फ़ोन आया था की मैं भाभी को बस अड्डे छोड़ दूँ बस अड्डा हमारे घर से करीबन आधा घंटा दूर था ओर भैया वहीँ हम से मिलेंगे| मैं, भाभी और नेहा तीनों रिक्शा स्टैंड तक चल दिए और इस बार पिछली बार के उलट भाभी और मैं खुश थे... मैंने नेहा को अपनी गोद में उठा लिया और हम लोग दिखने में एक नव विवाहित जोड़े के तरह लग रहे थे, ये बात मुझे मेरे दोस्त ने बताई जो मुझे और भाभी को दूर से आता देख रहा था| परन्तु मेरा ध्यान केवल भाभी पर था इसी कारन मैं अपने दोस्त को नहीं देख पाया| ऑटो स्टैंड पहुँच के मैंने ऑटो किया और हम तीनों बस अड्डे पहुँच गए| रास्ते भर हम दोनों चुप थे बस दोनों के मुख पे एक मुस्कुराहट छलक रही थी| मन में एक एजीब से प्रसन्त्ता थी...

मैंने सोचा की जब तक भैया नहीं आते तब तक भाभी से कुछ बात ही कर लूँ...तो मैंने भाभी से एक वचन माँगा:

"भौजी आप मुझे एक वचन दे सकती हो?

भाभी: वचन क्या तुम मेरी जान मांग लो तो वो भी दे दूँगी|

मैं: भौजी अगर आपकी जान मांग ली तो मैं जिन्दा कैसे रहूँगा|

भाभी: प्लीज ... ऐसा मत बोलो मानु...

मैं: भौजी वचन दो की आप गावों में मेरा इन्तेजार करोगी? मुझे भूलोगी तो नहीं? और छत पे जो आपने बात कही थी उसे भी नहीं भूलोगी?

भाभी: हाँ मैं तुम्हे वचन देती हूँ| तुम बस जल्दी से गावों आ जाओ मैं तुम्हारा बेसब्री से इन्तेजार करुँगी|

इतने में वहां से एक आइस-क्रीम वाला गुजर रहा था उसे देख नेहा आइस-क्रीम के लिए जिद्द करने लगी| भाभी उसे डांटते हुए मन करने लगी, नेहा अब मेरी ओर देख रही थी | मैंने भाभी को रोक ओर नेहा को अपनी ऊँगली पकड़ाई ओर उसे आइस-क्रीम दिल दी|
Reply


Messages In This Thread
RE: Hot Sex stories एक अनोखा बंधन - by sexstories - 07-15-2017, 01:25 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,541,205 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 548,970 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,249,469 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 944,618 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,677,567 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,100,594 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,984,933 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,167,355 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,073,823 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 288,804 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)