RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
"हां क्यों नही... " रजनी ने उससे वाडा क्या, वो समझ रही थी आज
फिर उसे किसी के बारे मे कुछ जानने को मिलेगा.. पर उसे उमीद नही
थी की महक उससे खुद के बारे मे बात करेगी.
"आज कल मेरा किसी के साथ चक्कर चल रहा है." महक ने कहा.
उसे लगा की उसके सीने से ढेर सारा बोझ उत्तर गया. कुछ मिनिट तक
शांत रहने के बाद उसने रजनी को बताया की कैसे उसीके बेटे के
दोस्त ने उसे बहकाया और वो कैसे अपनी जिस्मानी कमज़ोरियों के आगे
बहकति चली गयी... राज कितना अक्चा प्रेमी है.. उसकी हर ज़रूरत
और इक्चा का कैसे ख़याल रखता थ....कैसे उसने उसे वो सब कुछ
सीखया और बताया जो उसका पति इतनी साल की शादी शुदा जिंदगी
मे भी नही सीखा पाया.
महक की बात सुनकर रजनी तो चौंक गयी उसे तो विश्वास ही नही हो
रहा था की.... महक जैसे सीधी और शादी शुदा औरत का अपने से
आधे उमरा के लड़के के साथ जिस्मानी संबंध.... ..वो सोचने लगी...
दोनो प्यार करते हुए कैसे लगते होगे... वो राज के बारे मे और जानना
चाहती थी... "मुझे सब कुछ बताओ.. कब कैसे और कहाँ ये सब
कुछ हुआ."
महक उसे शुरू से सब बताने लगी.. उसे एक एक बात खुल कर
बताई... फिर उसने बताया की किस तरह वो उसे गंदी गंदी बातें
कर उत्तेजित करता रहता है.
"जब वो तुमसे ऐसी बातें करता है तो क्या तुम्हे अक्चा लगता है?"
रजनी ने उसकी बात सुनकर पूछा.
"हां मुझे बहोत अछा लगता है.. कभी कभी तो उसकी बात सुनकर
में इतनी उत्तेजित हो जाती हून की क्या बतौन.' महक ने जवाब दिया.
"ऐसा क्या कहता है वो तुमसे..?" रजनी ने फिर पूछा.
"उसे मुझे छीनाल कहने मे बहोत मज़ा आता है.. कहता है की में
उसकी ब्यहता रॅंड हूँ... और सब बातों से में गरम हो जाती हून."
राज़ी महक की बाें सुनने मे वो सोफे पर थोड़ा आराम से बैठ गयी
थी और इतनी मशगूल थी की उसे पता ही नही चला की कब उसकी टाँगे
फैल गयी थी.. तभी महक ने उसे प्राची के बारे मे बताया.
"वो तो राज से भी बड़ी शैतान है.. वो बार बार मुझे छीनाल रांड़
बुलाती रही... में बता नही सकती की में कितना गरमा गयी थी..
उसकी नशीली आवाज़ सुनकर... फिर उसने मुझे उसकी चूत चूसने को
कहा जिसे मेने चूसा और मुझे बहोत अक्चा लगा..." महक ने
बताया.
रजनी को एक बार फिर विश्वास नही हुआ, "क्या तुमने उस लड़की की चूत
छाती और चूसी..?" रजनी ने पूछा. रजनी खुद कई बार ऐसा कर
चुकी थी लेकिन महक भी ऐसा कर सकती है इस बात पर उसे विश्वास
नही हुआ, "मेी विश्वास नही करती."
रजनी उसे सवाल किए जा रही थी और महक उसके जवाब दिए जा रही
थी.... तब उसने देखा की रजनी की टाँगे और फैल गयी.. उसकी नज़र
जांघों के बीच पड़ी तो वो चौंक पड़ी..... रजनी ने अंदर कोई
पनटी नही पहन रखी थी..... उसकी बिना बलों की चूत उसे सॉफ
दीखाई दे रही थी.
"रजनी तुमने अंदर पनटी नही पहन रखी है... सब दीखाई दे रहा
है." महक ने चौंकते हुए उससे कहा.
"में जब भी स्कर्ट पहनती हून तो अंदर पनटी नही पहनती...
लेकिन तुम मेरे स्कर्ट के अंदर झाँक कर क्या देख रही हो?" उसेन
महक को चिढ़ते हुए पूछा.
महक चोरी छुपे उसकी चूत को देख रही थी.. उसकी चोरी पकड़ी
गयी... उसने शर्मा कर अपनी नज़रे हटा ली.
"तुम सही मे छीनाल हो.. कोई मौका नही चूकती.." रजनी ने उसे फिर
चिढ़ते हुए कहा. महक की कहानी सुन राजनीन खुद गरमा गयी
थी.... उसने अपने आप को संभाला और मौका का फ़ायदा उठाने की
सोची...."महक क्या तुम मेरी चूत चूसना पसंद करोगी? कहकर वो
खड़ी हो गयी और अपनी स्कर्ट उपर उठा उसे अपनी चूत दीखने लगी.
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