RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
दोनो ने अपने बाकी के दोस्तों को अलविदा कहा और राज की गाड़ी की और
बढ़ गये. रास्ते मे राज प्राची को चिढ़ा रहा था और उससे कह रहा
था की वो म्र्स सहगल को उसकी चूत चूसने के लिए कहेगा. प्राची ने
उससे कहा की उसे नही लगता की म्र्स सहगल उसकी चूत चूसेगी.
"शर्त लगावगी... में जैसा कहूँगा वो वैसे ही करेगी." राज ने
कहा, "सिर्फ़ तुम मुझे उससे बात करते सुनती रहना."
राज ने प्राची से महक का नंबर लगाने को कहा, प्राची ने नंबर
लगाकर फोन राज को पकड़ा दिया.
"कैसी हो मेरी छीनाल रॅंड..... बहोत ही अछा मेसेज भेजा था
मज़्ज़ा आ गया सुनकर.... वियसे तुम्हारे लिए एक सर्प्राइज़ है... में
अपने एक दोस्त को साथ मे ला रहा हूँ... हन.. तुम्हे बहोत मज़ा
आएगा... हम वहाँ 20 मिनिट मे पहुँच जाएँगे... तब तक तुम
तय्यार हो जाओ... में चाहता हूँ की तुम मैं दरवाज़ा खुला रखो और
जब हम वहाँ पहुँचे तो तुम पूरी तरह नंगी होकर हमारा इंतेज़ार
करो.. " कहकर राज ने फोन बंद कर दिया.
"वाउ वो तुम्हे इस तरह की बातें करने देती है... कुछ बोलती
नही." प्राची ने चौंकते हुए पूछा.
"अरे बातें करने देती है.. वो खुद भी ऐसे ही बोलती है.. उसे
बहोत मज़ा आता है और वो बहोत उत्तेजित और गरम हो जाती है."
राज ने जवाब दिया.
"लगता है की बहोत ही चुदसी और गरम औरत है." प्राची ने कहा.
जब दोनो महक के घर का दरवाज़ा खोल अंदर दाखिल हुए तो महक
राज के कहे अनुसार दीवान पर नंगी लेती हुई थी. वो सिर्फ़ लेती ही
नही थी बल्कि उसने अपनी टाँगे पूरी तरह फैला रखी थी और अपनी
तीन उंगली अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी.
जब महक को उनके आने की आहत सुनाई पड़ी तो वो बिना उनकी और देखे
बोली, "तो लड़कों तुम लोग तय्यार हो इस गरम और शानदार चूत को
चोदने के लिए."
तभी उसकी नज़र प्राची पर पड़ी तो वो चौंक पड़ी.. उसे तो किसी
लड़के की उमीद थी..... उसने तुरंत अपनी चूत से अपनी उंगलियाँ
बाहर निकाल लि....तभि उसे याद आया की ये लड़की तो उस दिन शाम को
उसके घर पार्टी मे भी आई थी..... वो डर गयी.
राज ने महक के चेहरे से उड़ते रंग को देख लिया... वो तुरंत
बोला... "घबराईए मत म्र्स सहगल... प्राची किसी से कुछ नही
कहेगी.. बस ये भी हमारे साथ इस खेल मे शामिल हो हमारे साथ
खेलना चाहती है."
खेलना चाहती है? महक की कुछ समझ मे नही आया... उसने सुना
और पढ़ा तो था की दो औरतें आपस मे सेक्स करते है.. सामूहिक
चुदाई भी होती है.. लेकिन ये सब उसके लिए नया था.. क्या वो इन
दोनो को साथ ये सब कर पाएगी... उसकी कुछ समझ मे नही आ रहा
था वो वैसे ही अपनी टाँगे फैलाए दीवान पर लेती रही.
प्राची भी महक को इस तरह देख डांग रह गई थी.. ये सही था की
उसने अपने कॉलेज की कुछ लड़कियों के साथ सेक्स किया था लेकिन महक
एक शादी शुदा औरत थी और उससे उमर मे भी काफ़ी बड़ी थी.. वो
महक के नज़दीक खड़ी हो कर उसे घूर्ने लगी. महक के नंगे बदन
को देख उसके बदन मे भी गर्मी बढ़ रही थी.
प्राची आगे बढ़ कर महक के नज़दीक आई और उसके सामने ज़मीन पर
घुटनो के बाल बैठ गयी.... वो महक की गुलाबी चूत को देखने
लगी.. चूत के बॉल अची तरह से तराशे हुए थे और उत्तेजना से वो
फूली हुई भी थी.. वो अपनी उंगलियाँ उसपर फिरने लगी. चूत से
बहते रस की वजह से चूत चमक रही थी.. प्राची अपने आपको रोक
ना पाए और उसने झुक कर उसे चूम लिया.
"तुम्हारी चूत बहोत सनडर है." वो बस इतना ही कह पाई. इससे
पहले की महक कुछ कह पति प्राची उसकी चूत पर अपनी जीब रख
चाटने लगी.
महक की समझ मे नही आया की वो क्या कहे और करे... वो उसे रोकना
चाहती थी... लेकिन प्राची की जीब उसकी चूत पर उसे इतनी आक्ची लग
रही थी.. साथ ही उसे मज़ा भी बहोत आ रहा था....
प्राची को पता था की वो क्या कर रही है... वो अपनी जीब को उसकी
चूत पर फिरणते फिरते उसकी पंखुड़ियों को अपने मुँह मे भर
चूसने लगी.. फिर उसकी चूत को उसने अपनी उंगलियों से फैलाया और
अपनी जीब को त्रिकोण का आकर दे अंदर फिरने लगी...
महक को इतना मज़ा आ रहा था की उसने अपनी टाँगे और फैला दी.....
प्राची भी उसका इशारा समझ जोरों से उसकी चूत चूसने लगी और
साथ ही अपनी उंगलियाँ उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगी...
महक तो प्राची के सिर को पकड़ अपनी चूत पर दबाना चाहती थी
लेकिन वो डर गयी की कहीं प्राची अपना मुँह ना हटा ले.. इसलिए उसने
सोफे पर पड़े कुशन को उठा अपने सीने से भींच लिया.
"ऑश ओ हां चूसो तुम कितनी आछी हो हां और चूसो मेरा
छूटने वाला हाई.. खा जाओ मेरी चूत को" महक जोरों से सिसकने
लगि..ऽउर उसकी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया.
महक और प्राची की रास लीला देख कर राज पूरी तरह गरमा चुका
था.. उसका लंड तन कर खड़ा हो गया.... उसने अपनी पॅंट और
अंडरवेर उत्तर दी.. और अपने लंड को महक के मुँह के सामने कर
दिया.
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