RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
प्राची ने देख की राज का फोन चार बार बजा और चारों बार उसने कोई
जवाब नही दिया. जब आखरी बार फोन बजा उस समय राज पानी मे था
और उसने फोन टवल पर छ्चोड़ दिया था... प्राची के दिल मे आया की
वो उठा ले लेकिन उसने उठाया नही... ज़रूर वो औरत कुछ ज़्यादा ही
उतावली हो रही है.. उसने सोचा.. दोपहर से चौथा फोन है....
जब घंटी बजनी बंद हो गयी तो उसने उत्सुकता वश फोन उठा लिया
की शायद उसपर उसका नाम लिखा हो की तभी राज आ गया.
"राज तुम्हारा फोन फिर बाज रहा था.." कहकर उसने फोन राज को
पकड़ा दिया.
राज ने फोन पर नंबर देखा और मुस्कुरा पड़ा.
"क्या उसी औरत का फोन था?" प्राची ने पूछा.
"हां" उसने जवाब दिया.
"लगता है की वो तुम्हारे लिए पागल हो गयी है... कौन है वो?"
वो दोनो अकेले थे और राज को विश्वास था की उनकी बात कोई नही सुन
रहा है... "वो म्र्स सहगल है." राज ने कहा.
"तुम्हारा मतलब है सोनू की मम्मी." उसने चौंकते हुए कहा.
"हन वही"
"में विश्वास नही करती." प्राची ने अपनी गर्दन हिलाते हुए कहा.
"में सच कह रहा हूँ... तुम चाहो तो नंबर देख सकती हो."
कहकर राज ने फोन प्राची के सामने कर दिया जिसपर म्र्स सहगल और
उसका नंबर छापा था.
"में तुम पर विश्वास नही करती... शायद उसने घर पर सोनू के
लिए कोई पार्टी रखी होगी और इसीलिए तुम्हे याद कर रही होगी... या
फिर उन्हे तुमसे कोई काम होगा." प्राची ने अपनी बात पर ज़ोर देते हुए
कहा.
अपनी बात को साबित करने के लिए राज ने अपने फोन की वाय्स मैल को
ओं किया और फोन प्राची को पकड़ा दिया.
प्राची फोन को कन से लगाए उसमे से आती आवाज़ को सुनने
लगी, "हे... में बोल रही हून... में तुमसे तुरंत मिलना चाहती
हून.... " मेसेज को सुन प्राची का मुँह खुला का खुला रह गया...
उसने फोन वापस राज को पकड़ा दिया.
"अब तो तुमने अपने कानो से सुन लिया ना... में सच कह रहा था ना."
प्राची को अब भी अपनी कानो से सुनी आवाज़ पर विश्वास नही हो रहा
था.... वो खुद काफ़ी सेक्सी और चुदसी लकड़ी थी... उसके चेहरे पर
एक शैतानी मुस्कुराहट आ गयी... उसने राज से कहा, "में तुम दोनो
को साथ साथ देखना चाहती हून."
"ख्य....तुम क्या चाहती हो?" राज ने चौंकते हुए कहा.
"में तुम्हे उस औरत को चोद्ते हुए देखना चाहती हून. आवाज़ से तो
वो काफ़ी सेक्सी और चुदसी लगती है.. लगता है की उसे तुम्हारा मोटा
लंड काफ़ी पसंद आ गया है." प्राची ने कहा.
प्राची की बात सुनकर राज का चेहरा खुशी से खिल उठा.. उसे महसूस
हुआ की वो महक को इस खेल मे और आगे बढ़ा सकता है.. "मेरे पास
इससे भी बेहतर तरीका है.. तुम हमारे साथ शामिल हो सकती हो...
हम तीनो साथ साथ चुदाई करेंगे तो ज़्यादा मज़ा आएगा."
प्राची भी खुश हो गयी, "हन ये ज़्यादा अक्चा रहेगा... चलो अभी
चलते है."
"ठीक है." राज ने जवाब दिया.
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