RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
महक के होठों के कीनरों से बहते राज के वीर्या को देख विनय और
वरुण के लंड शॉर्ट्स मे और उछाल मरने लगे. वरुण से तो सहन होना
मुश्किल हो रहा था... उसे लग रहा था की अगर उसने जलादी ही कुछ
नही किया तो उसका लंड शॉर्ट्स मे ही पानी छोड़ देगा.
महक ने जब राज के लंड की हर एक बूँद पी ली तो राज ने उसे परे
हटा दिया और उसे और बियर लाने के लिए कहा. महक उसकी टाँगो के
बीच से उठी और विनय और वरुण को देखने लगी जो उसे ही घूर
रहे थे.... उसने आने मुँह पर लगे राज के वीर्या को अपनी उंगली से
सॉफ किया और फिर अपनी उंगली को मुँह मे ले चाटने लगी... फिर
दोनो को आँख मारते हुए किचन की तरफ चली गयी.
जब महक किचन मे थी तो उसने विनय और वरुण को राज को कहते
सुने की वो दोनो काफ़ी उत्तेजित हैं और उसे चोदना चाहता है. एक बार
तो उसे राज के व्यवहार पर बुरा लगा की वो किस तरह अपने दोस्तों की
बात मान गया था.. लेकिन फिर दो दो लंड के ख़याल ने उसके चेहरे
पर मुस्कान ला दी.
महक ने वापस हॉल मे आकर बियर का ग्लास राज को पकड़ाया और बाकी
के ग्लास सेंटर टेबल पर लगाने लगी... ग्लास टेबल पर रखते वक़्त
उसने ख़ास ज़्यादा झुकते हुए अपनी चुचियों की झलक विनय और वरुण
को दीखा दी.
फिर जैसे ही वो विनय की तरफ पीठ कर घूमी उसने उसकी गोल गॅंड
पर एक ज़ोर का थप्पड़ मार दिया.
"तुम्हायर चुचियों तो शानदार है साथ ही तुम्हारी गॅंड भी बड़ी मस्त
है" विनय ने कहा.
उसके थप्पड़ से महक एक बार तो चौंक कर उछाल पड़ी फिर घूमते
हुए बोली, "क्या तुम्हे पसंद है? क्या तुम देखना चाहोगे?
"हां" विनय ने जवाब दिया.
महक ने अपने टॉप को पकड़ा और उसे निकाल दिया, उसकी कठोर चुचियों
काले रंग की सॅटिन की ब्रा मे क़ैद थी... विनय और वरुण उसकी
चुचियों को घूर्ने लगे. फिर महक ने एक एक चुचि को पकड़ा और
ब्रा से बाहर निकल ली. अब वो अपनी चुचियों को मुति मे भर
मसालने लगी.... दोनो के लंड उत्तेजना मे खड़े हो शॉर्ट्स को फाड़ कर
बाहर आने को बेताब हो रहे थे. विनय उसके शरीर के नज़दीक था
इसलिए वो अपना हाथ उसकी टाँगो और जाँघो पर फिरने लगा.... महक
ने अपन टाँगे फैला दी जिससे उसका हाथ आसानी से उसकी चूत तक
पहुँच गया और उसने अपनी एक उंगली उसकी चूत मे घुसा दी.
"तुम्हारी चूत तो पूरी तरह गीली हो चुकी है." उसने कहा.
"ह्म्म्म" महक ने सिसकते हुए अपनी गर्दन हिलाई.. और विनय ने अपनी
दूसरी उंगली उसकी चूत मे डाल दी और धीरे धीरे अंदर बाहर
करने लगा. थोड़ी ही देर मे चूत गरमा गयी और वो झड़ने की कगार
तक पहुँच गयी.
"हाआँ और ज़ोर से इसी तरह मेरी चूत को अपनी उंगलियों से चोदो
ऑश हाआं और ज़ोऱ शे ऑश मेरा छूटने वाला है." महक अपनी
चुचियों को और जोरों से मसालते हुए सिसक रही थी.
विनय अब और तेज़ी से अपनी उंगलियों को उसकी चूत के अंदर बाहर कर
रहा था.
"हां और ज़ोर से ओ हां ज़ोर से." महक अब उसे और उकसा रही
थी. "ओ हाआँ मेरा छूटा ऑश ऑश" वो ज़ोर से सिसकी और उसकी
चूत ने पानी छोड़ दिया... उत्तेजना मे उसका शरीर कांप रहा था और
उसे अब खड़ा होना मुश्किल हो रहा था.
विनय ने अपना हाथ उसकी चूत पर हटाया और अपनी शॉर्ट्स उतार दी
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