RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
बुझाए ना बुझे ये प्यास--14
राज की बात सुनकर महक डर गयी.. इस तरह राज के लिए तय्यार
होकर आना अलग बात थी लेकिन उसके दोस्तों के लिए पता नही कितने
दोस्त होंगे... क्या वो उन्हे जानती है?... क्या वो उसके बेटे के दोस्त
हैं?... वो अंदर से घबरा गयी थी.
"कौन आ रहा है?" उसने डरते हुए पूछा. "में इस तरह किसी अंजान
लोगों के सामने नही आ सकती अगर यहाँ देख ली गयी तो ये बात
ज़रूर मेरे पति तक पहुँच जाएगी."
"डरो मत कुछ नही होगा... मेरे ऑफीस के कुछ दोस्त है." उसने
जवाब दिया.."जब मेने उन्हे बताया की तुम कितनी बड़ी छीनाल हो और
क्या उछाल उछाल कर चुदवाति हो तो तो तुमसे मिलना चाहते थे.... अब
जल्दी जल्दी किचन मे जाओ और नाश्ता तय्यार करो... में बाज़ार
जाकर समान ले आया था जो फ्रिड्ज मे रखा है."
एक घंटे बाद राज के दो दोस्त आ गये और तीनो हॉल मे बैठ कर
मॅच देख रहे थे. महक उन सब के लिए नाश्ता बना लिया था और
एक ट्रे मे सज़ा कर हॉल की तरफ चल दी. जैसे ही वो हॉल मे
दाखिल हुई तीनो की नज़रों टीवी से हट कर उस पर जा टिकी. उसने वो
ट्रे सेंटर टेबल पर रख दी. उसने देखा की तीनो की नज़रें उसके
बदन को ही घूर रही थी.
"विनय वरुण, ये महक एक बहोत ही छीनाल रंडी जिसके बारे मे मेने
तुम लोगों को बताया था," राज ने कहा, "दोस्तों इसे नमस्ते करो."
"हेलो एवरीबोडी." महक ने सभी को नमस्ते किया
महक सब से हाथ मिलाने लगी... और ठीक किसी छीनाल की तरह उनसे
हाथ मिलाते वक्त इतना झुक जाती की उसके खुले गले के टॉप से उसकी
चुचियाँ उन दोनो दीख जाती. दोनो तो जैसे उसकी छातियों की घाटी
मे खो के रह गये... और महक को ये देख खुशी हो रही थी की वो
जवान मर्दों को भी रिझा सकती है..... तभी राज ने उसे सब के
लिए बियर लाने के लिए कहा.
महक किचन मे गयी और सब के लिए बियर लेकर वापस हॉल मे
लौटी.... जब वो बियर के ग्लास टेबल पर लगा रही थी तब उसने
महसूस किया की किसी का हाथ उसकी नंगी टाँगो पर से होता हुआ उसकी
जाँघ के अंदरूनी हिस्से से गुज़रता उसकी चूत तक पहुँच गया था.
"उम्म्म पेंटी नही पहनी हुई है ना? उसने राज को कहते सुना, "आक्ची
रंडियों की यही पहचान होती है." इतना कहकर राज ने अपनी एक
उंगली उसकी चूत के अंदर घुसा दी.
महक वहीं टेबल को अपने हाथों से पकड़े झुकी रही और राज उसकी
चूत को भींचता रहा और साथ ही अपनी उंगली उसकी चूत मे गोल
गोल घूमाता रहा.
महक टेबल पर झुकी हुई राज के दोस्तों को देख रही थी जो इस
दृश्या का आनंद उठा र्हे थे... तभी राज ने कहा, "यहाँ मेरे पास
आओ और मेरे लंड को चूसो.... हमेशा ही मेरे दिल की ये ख्वाइश
रही है की में मॅच भी देखता रहूं और कोई छीनाल मेरे लंड को
मसालते हुए चूस्ति रहे."
महक घूमी और राज की टाँगो के बीच घुटनो के बाल बैठ गयी. राज
ने खड़े होकर अपनी शॉर्ट्स उत्तरी और वापस कुर्सी पर बैठ गया.
महक ने उसके अर्ध मुरझाए लंड को पकड़ा और अपने मुँह मे लेकर
चूसने लगी. वो अपने मुँह को उपर नीचे करने लगी... और बीच मे
अपने पूरे मुँह को खोल उसके लंड को अपने गले तक लेकर चूसने
लगी... राज के दोनो दोस्त ध्यान से इस औरत को अपने दोस्त का लंड
चूस्ते देखते रहे.
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