RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
महक अपने हाथों से उसके वीर्या को अपने समूचे बदन पर मलने
लगी..... और जीब से हाथों पर लगे वीर्या को चाटने लगी..
तुम एक अची छीनाल हो... मज़ा आएगा." कहकर राज अपने कपड़े पहने
लगा... महक उसे प्यार भरी नज़रों से देख रही थी..
तय्यार होकर राज ने अपनी जेब से एक काग़ज़ और पेन निकाला और उसपर
अपना पता लिखने लगा और बोला.. "में चाहता हूँ की गुरुवार को तुम
शाम 7.00 बजे इस पाते पर पहुँच जाना. एक आक्ची सी छिनालों वाली
ड्रेस पहन कर आना और देर मत करना."
उसने वो काग़ज़ सोफे के कीनरे पर रखा और वहाँ से चला गया.
राज के जाने के बाद महक सोफे पर लेती रही... उसका वीर्या अभी उसके
बदन पर फैला हुआ था.... उसकी चूत भयंकर चुदाई से सूजी हुई
थी.... और उसके निपल भींचने की वजह से लाल हो चुके थे...
पर उसे इन सब बातों की परवाह नही थी... उसकी जिंदगी मे फिर
बाहर आ गयी थी... जिंदगी का सही मज़ा उसे मिल रहा था...
पीछले 15 सालों से जो वो कुछ खोती आई थी वो सब उसे हासिल हो
रहा था.... पर ऐसा नही था की वो अपने पति को चाहती नही थी..
वो बहोत प्यार करती थी अपने पति को लेकिन वो उसकी जिस्मानी
ज़रूरतें पूरी नही कर पा रहा था..
राज उसे इस्टामाल कर रहा है वो जानती थी... वो उसके साथ एक
बाज़ुरी रंडी की तरह व्यवहार कर रहा था... वो उसे तभी याद
करता था जब उसके लंड को उसकी चूत की ज़रूरत होती थी..... पर
उसे ये सब आछा लग रहा था... उसे एक रंडी बनने मे मज़ा आ रहा
था.
अपने बदन पर फैले राज को वीर्या को उसने तौलिए से साफ किया और
सोफे पर लेट गयी. एक कंबल ओढ़ वो वहीं सोफे पर आँख बंद कर सो
गयी.
सुबह उसकी आँख खुली तो सुबह के 9.30 बाज चुके थे. उसने वो काग़ज़
उठाया जिसपर राज ने अपना पता लिख कर दिया था. कल गुरुवार
था... वो उठी और बाथरूम मे घुस गयी. स्नान करते वक्त वो सोच
रही थी की उसे कल क्या पहनना चाहिए... राज के कहे शब्द उसके
दीमग मे दौड़ रहे थे... एक छिनालों वाली ड्रेस पहन कर आना....
वो अपने कपड़ों को याद करने लगी की उसे क्या पहनना चाहिए....
लेकिन उसके पास ऐसी कोई ड्रेस नही थी... इसलिए उसने मन माना लिया
की वो बेज़ार जाकर राज की पसंद की ड्रेस खरीद लेगी जिससे वो
खुश हो जाए.
अगले दिन शाम को महक राज के घर जाने के लिए तय्यार होने लगी..
और ठीक 6.30 बजे घर से निकाल गयी. उसके घर पहुँच उसने
दरवाज़े की घंटी बजाई और दरवाज़ा खुलने का इंतेज़ार करने लगी.
राज ने दरवाज़ा खोला और एक तक महक को देखने लगा. उसने जो ड्रेस
पहन रखी थी वो 45 साल की औरत तो कभी ना पहेनटी. उसने मेक
उप भी एक दम रंडियों जैसा ही किया हुआ था... गालों पर ढेर सारी
लाली... आँखों मे एए शॅडो और लिनड... और होठों पर गहरे
लाल रंग की लिपस्टिक.
उसका आध खुले गले का टॉप उसकी चुचियों की नुमाइश कर रहा
था..... राज उसकी झलकती चुचियों की दरार मे झाँकने लगा.....
उसकी चुचियों के खड़े निपल सॉफ दीखाई दे रही थे.. राज सिर्फ़
इतना नही जानता था की दरवाज़े की घंटी बजाने से पहले महक ने
खुद अपने निपल भेंचे थे जिससे की वो खड़े हो जाएँ और राज को
नज़ारा देखने को मिले... उसने नज़रे नीचे डाली तो देखा की उसका
स्कृत काफ़ी छोटा था जहाँ से उसकी नंगी जंघे दीख रही थी...
और फिर पैरों मे 5 इंच की हील की संडले... वो ठीक किसी रंडी की
तरह लग रही थी जो सड़क के कीनरे किसी ग्राहक की तलाश मे हो...
"बहोट अकचे" राज ने मन ही मन सोचा, उसने जैसे चाहा था वो वैसे
ही साज कर आई थी, "कैसी हो मेरी छीनाल जान?" उसने उसे चिढ़ाते
हुए पूछा.
राज जब उसे इस तरह से बुलाता था तो उसे बहोत अक्चा लगता था..
और तुरंत उसकी चूत गरमा गीली हो जाती थी... वो शर्मा गयी और
उसकी और देख मुस्कुरा दी.
"अंदर आ जाओ"
जैसे ही वो अंदर घुसी राज उसकी गांद की गोलैईयों को देख रहा था
जो उसके हर कदम के साथ गॅंड की दरार मे धँस जाती.... यूयेसे लंड
पॅंट के अंदर मचलने लगा था... उसने अपने लंड को पॅंट मे अड्जस्ट
किया और उसके पीछे पीछे घर के अंदर आ गया.
महक जब हॉल मे पहुँची तो उसने अपने स्कर्ट को थोड़ा ठीक किया और
फिर घूम कर वापस चलतिहुई राज के पास आ गयी.
"तुम्हारी ड्रेस बहोत जान लेवा है म्र्स सहगल..." उसे महक को ये
कह कर बुलाना अक्चा लगता था. वो इस तरह उसे याद दिलाते रहता
था की वो खुद उससे उमर मे बहोत छोटा है.....
"तुम ठीक एक दम छीनाल और बाज़ुरी रंडी लग रही हो."
महक मुस्कुराते हुए उसके पास आती रही और जब उसके करीब पहुँच
गई तो उसकी कमर को पकड़ उसके सामने घुटनो के बाल बैठ गयी. वो
उसकी पॅंट के हुक खोलने लगी लेकिन राज ने उसकी कलाईयों को पकड़
उसे रोक दिया.
"ऩही... अभी नही... इन सब के लिए अभी बहोत वक्त पड़ा है. अभी
मेरे कुछ दोस्त आने वाले है और तुम्हे दूसरे बहोत काम है जो
करने है."
"तुम्हारे दोस्त." उसने पूछा.
"हां मेने अपने कुछ दोस्तों को टीवी पर फुटबॉल मॅच देखने के लिए
बुलाया है. तुम्हे उनके लिए नाश्ता तय्यार करना है और अगर वो बोर
हो रहे हों तो तुम्हे उनका दिल बहलना है. तुमने क्या सोच था की
मेने तुम्हे ऐसी ड्रेस मेरे लिए पहनने को कहा था..? उसने कहा.
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