RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
अजय की समझ मे नही आय की क्या कहे.. ये उसके वश की बात नही
थी.. अपने लंड को कुछ देर के लिए शांत करने के लिए वो अलग अलग
ख़याल अपने दीमग मे लाने लगा... व्हाइं रजनी उछाल उछाल कर उसके
लंड को अपन चूत मे ले रही थी.. लेकिन उसके दीमग मे तो राज का
लंड बसा हुआ था.. उसे एहसास हुआ की अजय राज के मुक़ाबले कुछ भी
नही है... राज जो धक्के मार चोद्ता है तो उसका कोई जवाब बही..
उसका लंड... श वो तड़प के रह गयी.
"चोद साले चोद मुझे क्या मरियल टट्टू की तरह धक्के लगा रहा
है. हां चोद और ज़ोर से चोद." रजनी चिल्ला उठी.. वो अपनी चूत
का पानी छुड़ाना चाहती थी और जल्दी ही छुड़ाना चाहती थी.
रजनी का इस तरह उसके लंड पर उछाल उसे चोदना और उपर से ऐसी
बातें करना .. अजय को अपने आपको रोकने मे बड़ी मुश्किल हो रही
थी...
रजनी और तेज़ी से उछाल उछाल कर ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाने लगी..
"हां चॉड साले चॉड और ज़ोर से चॉड श हां और ज़ोर ज़ोर से" वो
फिर से चिल्लाई.. उसकी चूत पानी छोड़ने वाली ही थी.. लेकिन उसके
ख़याल मे फिर राज आ गया.. उसका लंड कितना प्यारा है.. वो अपनी
आँखे बंद कर उसके ख़याल मे खो गयी.... और उसकी चूत ने
सनसनी मची गयी..
"श हां श हां मेरा चूत रहा है." वो सिसक पड़ी.
अजय ने भगवान का शुक्रिया अदा किया.. वो अपने आपको बड़ी मुश्किल से
अभी तक रोक पाया था.. उसने अपनी कमर उठा अपने लंड को और जड़
तक उसकी चूत मे घुसाया और अपना पानी छोड दिया.
रजनी तब तक उसके लंड पर उछालती रही जब तक की उसकी चूत झाड़
कर शांत नही हो गयी. वो निढाल हो उसके बगल मे लेट गयी.. लेकिन
थोडी देर मे ही वो उसके लंड से फिर खेल उसमे जान फूँकने की
कोशिश करने लगी.
"तुम्हे पता है की इसका अब कुछ नही होने वाला" अजय ने उससे कहा.
"नही ये अभी खड़ा हो जाएगा... बस इसे कुछ मदद की ज़रूरत है"
कहकर रजनी उसके लंड को मसालने लगी
"नही कुछ नही होगा" अजय ने थोड़ा गुस्से मे कहा.. रजनी का इस
तरह ज़िद करना उसे अछा नही लगा.. रजनी के ख़याल मे फिर राज आ
गया.. किस तरह उसका लंड कुछ मिनिट मे ही फिर तन कर खड़ा हो
गया था... उसे राज के लंड की चाहत होने लगी. वो आज रात को ही
उसका लंड पाना चाहती थी.
अजय अपनी ही धुन मे था.. राज नाम का नौजवान कब उसकी बीवी और
और सूकी माशूक के दिलो दीमग पर हावी हो गया था उसे ये पता ही
नही था.
रजनी अजय के शरीर पर से उठी और उसने उसके हाथ पावं खोल
दिए.. और फिर अपना फोन लेने कमरे से चली गयी. .. फोन लेकर
वो राज का नंबर डेल करने लगी जो उसे महक ने दिया था..... उसने
जवाब नही दिया तो उसने महक की तरह मेसेज छोड दिया.
तभी अजय आया और उसने कहा की वो थोडी देर रुकना चाहता है क्यों
की उसने अपनी बीवी से कह दिया था की वो देर से आएगा.. और हो सकता
है की वो घर पर ना हो.
"तुम यहाँ नही रुक सकते... मुझे अब तुम्हारी ज़रूरत नही.. समय
ही काटना है तो किसी बार मे जाकर समय बीता लो." रजनी ने बड़ी
बेरूख़ी से कहा.
रजनी की बेरूख़ी देख अजय को गुस्सा तो बहोत आया लेकिन वो करता भी
क्या... रजनी जब मूड मे होती तो घंटों उसके लंड के साथ खेलती
और उसे वो आनंद देती जो उसे अपनी बीवी से कभी नही मिला... वो
चुपचाप वहाँ से निकल गया.
रजनी के घर से निकल अजय का मन किया की वो घर चला जाए लेकिन
क्या उसके दिल मे आया वो पास ही एक बार मे घुस गया और ड्रिंक पीने
लगा... वैसे भी ये उसके लिए अहका हुआ.. क्यों की उसी वक्त उसकी बीवी
महक उसी के पालन पर अपनी गॅंड उठाए राज के लंड को अपनी गॅंड मे
ले रही थी.
राज ने महक के फोन का जवाब इस बार थोड़ा जल्दी दे दिया.. जब उसे
पता चला की महक शाम को फ्री है तो वो अपने आपको रोक ना सके..
वैसे भी कई दिन हो गये थे महक की चूत और गॅंड मारे.. उसने
उसे फोन कर के कह दिया की वो शम्म 6.00 तक पहुँच जाएगा.
जब वो महक के घर पहुँचा तो हर बार की तरह महक ने एक सेक्सी
ड्रेस पहन रखी थी.. राज ये देख कर खुश हो गया... उसने सफेद
रंग की सिल्क की पनटी पहन रखी थी और काले रंग की ब्रा... और
उसपर काले और सफेद रंग का सॅटिन का गाउन.
"पसंद आई? ये नई ड्रेस में सिर्फ़ तुम्हारे लिए ही खरीद कर
लाई हूँ..." महक ने राज से कहा. इस बुद्धी को सही मे मर्दों को
रिझाना आता था.
राज का लंड तो महक के ख़याल से ही खड़ा था और जब उसने उसे इस
सेक्सी ड्रेस मे देखा तो वो और तन कर उसकी पॅंट के अंदर मचलने
लगा.... उसने बिना समय बिताए... उसे हॉल मे ले आया... उसे सोफे
के सहारे झुकाया... उसके गाउन को उसके कुल्हों तक उठा दिया और उसकी
पनटी को नीचे खिसका दिया....
राज ने फिर अपनी पॅंट को नीचे खिसकाई.. और अपने खड़े लंड को एक
ही धक्के मे उसकी चूत मे दल दिय.....Mएहक की चूत पूरी गीली
थी... उसे ये नही पता था की उसे मेसेज देने से लेकर अभी तक
महक अपनी उंगलियों को अपनी चूत मे डाले अपने आप से खेल रही थी.
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