RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
"उसे बताओ की तुम्हे छीनाल... रन्दि...केह्कर बुलाना कितना अछा लगता
है..." रजनी ने फिर कहा.
"हां में छीनाल रंडी हूँ, जब वो मुझे छीनाल बुलाता है.. तो
मुझे बहोत अछा लगता है.. रजनी भी मुझे छीनाल बुलाती है तो
मेरी चूत गीली हो जाती है.. मेरी चूत मे आग लग जाती है.. ओह्ह्ह्ह
रजनी मेरी चूत पानी छोड़ने वाली है.. " अब वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला
रही थी.
तभी रजनी ने उसकी गॅंड मे से अपनी उंगलियाँ निकाल ली.
"मुझे तुम्हारे यार के बारे मे और बताओ.. उसके लंड के बारे मे
बताओ." रजनी ने कहा.
"बहोट ही प्यारा और सुंदर लंड है.. मुझे उसके लंड को चूसना
बहोत अछा लगता है.. जब वो अपने लंड को मेरे गले तक डाल कर
अपने पानी की पिचकारी छोड़ता है... तो में पागल सी हो जाती हूँ..
मुझे ऐसा लगता है की मेरी बरसों की प्यास बुझ गयी है.. मुझे
उसके पानी का स्वाद भी बहोत टेस्टी लगता है."
रजनी ने अपनी तीन उंगलियाँ उसकी चूत मे घुसा दी.. "तुम झड़ना
चाहती हो?" रजनी ने पूछा.
"हाआँ हाआँ" महक गिड़गिदा उठी.
"में तुम्हारा पानी छुड़ा दूँगी अगर तुम मुझे अपने यार से मिलवा
दो.. में दोनो को चुदाई करते देखना चाहती हूँ, में चाहती हूँ
की वो मुझे चोद्कर मेरी चूत को फाड़ डाले... क्या तुम मुझे उसे
मिलवावगी?" रजनी ने कहा.
महक की चूत मे तो आग लगी हुई थी.. झड़ने के लिए वो उसकी हर
बात मानने के लिए तय्यार थी.. उसने कहा, "हां तुम उससे मिल सकती
हो.. प्लीस मेरा पानी छुड़ा दूओ में झड़ना चाहती हूँ... मुझसे
बात करो.. मुझे रंडी छीनाल सब कह कर पुकारो.. मुझे अछा लगता
है." महक गिड़गिदा कर बोली.
"हां महक तुम बहोत बड़ी रंडी हो.. यहाँ मेरे ऑफीस मे नंगी
खड़ी होकर नीचे अपने पति और क्लब के सभी मेंबर को देख रही
हो.. और मेरी उंगलियाँ तुम्हारी चूत के अंदर बाहर हो रही है....
तुम सही मे छीनाल हो... दीखाओ अपने पति को की जब एक रंडी झड़ती
है तो कैसी दीखती है... " रजनी उसकी चूत मे ज़ोर से उंगली आंड्रा
बाहर करते हुए बोली.
महक की चूत इतनी ज़ोर से अकड़ रही थी की वो ज़ोर से सिसकना चाहती
थी की सब उसकी चीख सब सुन सके... उसका बदन काँपने लगा..
टाँगो ने जवाब दे दिया.... और उसे हर पल का आनंद आ रहा था...
की उसकी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया.
जब वो झाड़ गयी तो रजनी अपनी उंगलियाँ बाहर निकाल उसके मुँह मे दे
दी.. महक बड़े प्यार से उसकी उंगलियों को चूसने लगी..
अब तय्यार हो कर वापस पार्टी मे चली जाओ.. हां अपनी चूत को सॉफ
मत करना.. में चाहती हूँ की तुम्हारी चिपचिपाती चूत तुम्हे मेरी
याद दिलाती रहे.. और हां मुझे कल फोन कर के बताना की तुम
मुझे अपने यार से कब और कहाँ मिलवा रही हो." रजनी ने कहा.
महक लड़खड़ते कदमों से अपने कपड़ों के पास आई और उन्हे पहन
लिया... उसका बदन अब भी रह रह कर कांप उठता था... जैसे की
भूकंप के बाद के झटके लगते है... ढेरे धीरे चलते हुए वो
वापस हॉल मे अपने पति के पास आ गयी.
महक के जाने के बाद.. रजनी उठी और उसने अपने कपड़े पहन लिए
फिर वो टेबल के ठीक सामने की शेल्फ पर बढ़ी और उसके सामने रखी
एक तस्वीर को उठा उसके पीछे छुपे अपने डी वी डी कम रेकॉर्डर को उठा
लिया और उसका स्टॉप का बटन दबा दिया. उसने रीवाइंड का बटन दबाया
और फिर वो सब कुछ देखने लगी हो थोड़ी देर पहले उसके और महक
के बीच इस कमरे मे गुज़रा था..... वो खुश हो गयी.. और अपने आप
से कहा, "ये किसी दिन मेरे काम आएगा."
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