RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
महक ने अपने ब्लाउस के बटन खोल दिए.. फिर अपनी स्कर्ट को खोल
नीचे गिरा दिया.. उसकी सफाई से तराशि हुई चूत नज़र आने लगी.
"यहाँ आकर मेरी चुचियों को चूसो." रजनी ने महक को आदेश
दिया.
महक रजनी के पास आ गयी.. उसकी चुचियों को अपने हाथो मे पकडा
और झुक एक एक कर उसके निपल को चूसने लगी.. वो एक निपल को
चूस्ति तो दूसरी चुचि को मसालती.. यही क्रिया वो बारी बारी से
उसकी चुचियों के साथ करने लगी.
"इन्हे अपने दांतो से काटो ओह्ह्ह्ह:
महक ने उसके निपल को अपने दन्तो के बीच ले ज़ोर से काट दिया...
रजनी को मज़ा आने लगा वो अपनी चूत को मसल्ने लगी.
"हाआँ ऐसे ही ओह काटोओओओ और ज़ोर से कतो में झड़ना चाहती
हूँ."
महक ज़ोर ज़ोर से उसकी चुचि को मसल्ने लगी.. दंटो के भींच ले
काटने लगी... रजनी अपनी चूत को जोरों से मसल रही थी... उसकी
चूत झड़ने ही वाली थी..
महक और जोरों से चूस्ति रही की तभी रजनी का बदन कंपा और
उसकी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया.. जब वो शांत हुई तो उसने महक को
पीछे हटा दिया और बोली.
"खिड़की के पर्दे खोल दो."
महक ने खिड़की के पर्दे खोल दिए... खिड़की से नीचे का हॉल सॉफ
दीखाई दे रहा था.. कमरे मे अंधेरा था इसलिए कोई बाहर से नही
देख सकता था लेकिन कमरे से नीचे का नज़ारा सॉफ दीखाई दे रहा
था.. महक डर गयी की कहीं कोई देख ना ले.
"तुम डरो मत महक नीचे से कोई कुछ नही देख पाएगा.. वैसे भी
सब अपने आपमे मस्त है... अब में क्या करूँ तुम्हारा मेरी जान...
ऐसा करो तुम अपना चेहरा खिड़की और कर के झुक जाओ."
महक पर्दों के पीछे से निकली और अपने दोनो हाथों को खिड़की पर
रख नीचे झुक गई उसूने अपनी टाँगे फैला दी... और रजनी का
इंतेज़ार करने लगी... रजनी उसके पीछे आ कर उसकी गोरी और चिकनी
गॅंड को सहलाने लगी.
उसकी गॅंड को सहलाते सहलाते रजनी ने अपनी उंगली उसकी चूत मे
घूसा दी.
"अपने यार के बारे मे बताओ मुझे महक.. में जानना चाहती हूँ की
वो तुम्हे कैसे चोदता है.?' अपनी उंगली को उसकी चूत के अंदर बाहर
करते हुए वो पूछी.
महक सिर्फ़ सिसक कर रह गयी और उसने अपनी गॅंड को पीछे कर उसकी
उंगली को और अंदर ले लिया.. रजनी अपना एक हाथ आगे कर उसकी
चुचियों को मसल दिया.
"बताओ मुझे" रजनी थोड़ा ज़ोर से कहा.
"क्या बताओं रजनी वो बहोत अछा है... उसका लंड इतना मोटा और लंबा
है जब वो मेरी चूत और गॅंड मारता है तो में पागल सी हो जाती
हूँ... वो मुझे छीनाल रंडी सब कुछ कह कर बुलाता है.. और में
और ज़्यादा गरम हो उससे चुडवाटी हूँ."
"वहाँ नीचे हॉल मे अपने पति को देखो और उससे कहो की तुम्हारा
यार कैसे तुम्हे चोद्ता है.. तुम्हे उसका लंड कितना अछा लगता
है... अपनी गॅंड मे उसका लंड लेने लिए तुम हमेशा तय्यार रहती
हो." रजनी ने उसे आदेश दिया और अपनी उंगली को उसकी चूत से बाहर
निकाल लिया.
"ओह्ह्ह मेरे राज मुझे राज का लंड बहोत पसंद है... क्या मस्त चुदाई
करता है वो.... तुम्हारी पत्नी की चूत और गॅंड मार वो उसे पागल
बना देता है.. में तो तरसती रहती हूँ उसके लंड के लिए." महक
ने जवाब दिया.
रजनी अपनी दो उंगलियाँ उसकी गॅंड के काले छेड़ मे गुसा दी.. "क्या इस
तरह? तुम्हे गॅंड मे लंड अछा लगता है ना? तुम वो रंडी हो जो अपने
यार का लंड अपनी गॅंड मे लेना चाहती है.."
"हां मुझे गांद मे लंड बेहोट अछा लगता है" महक सिसक कर बोल
पड़ी.
"अपने पति को बताओ की तुम्हे मेरी चूत चूसना कैसा लगता है."
रजनी ने फिर कहा.
"मुझे वो भी बहोत पसंद है जान.. मुझे रजनी की चूत बहोत
अछी लगती है.. उसकी चूत कितनी स्वादिष्ट है.." रजनी अब उसकी
चूत को ज़ोर ज़ोर से मसल रही थी.. और महक इन सब बातों से
गरम हो झड़ने के लिए तय्यार थी.
|