RE: Chudai Kahani ये कैसा परिवार !!!!!!!!!
ड्राइवर ने किसी तरह से गाड़ी को संभाला
ड्राइवर- लगता है टाइयर पंक्चर हो गया है .
रमेश- क्या ...
ड्राइवर- जी हाँ
सुरेश- स्टप्नी तो होगी ना
ड्राइवर- वो तो है लेकिन टाइयर मैं हवा न्ही है
सुरेश- क्या बेवकूफ़ आदमी हो यार हवा क्या हर जगह मिलती है अब हम क्या करेंगे
ड्राइवर- क्या करे सब सुबह टाइयर पंक्चर हुआ था बस मैं हवा डलवाने जा रहा था सब ने आप लोगो के साथ भेज दिया मेरे ध्यान से उतर गया
सुरेश- ...ध्यान से उतर गया......अब हम क्या करें यार
ड्राइवर- सब अप लोग रूको मैं यहा पास मैं देखता हूँ कोई दुकान मिले तो टाइयर मैं हवा डलवाकर लाउ
सुरेश- लेकिन जाओगे कैसे
ड्राइवर- किसी गाड़ी से लिफ्ट लेता हूँ 10-15 मिनूट मैं आ जाउन्गा
वो लोग वेट करने लगे लेकिन उस रास्ते से 15 मिनूट तक कोई वहाँ ही न्ही गुजरा और जो निकले उन्होने गाड़ी न्ही रोकी करीब 45 मिनूट बाद एक गाड़ी ने लिफ्ट दी ड्राइवर को अब दोफर के 3 बज रहे थे उन लोगो को भूख लगी थी इसलिए साइड मैं पेड़ के नीचे उन लोगो ने चादर बिछा कर खाना लगाया और न्यू कपल को भी बुला कर बिठाया
सभी लोग खाना खाने लगे रत्ना ने बातों ही बातों मैं उनसे बोलना स्टार्ट कर दिया और रत्ना ने लड़की से पूछा
रत्ना- लगता है अभी न्यी न्यी शादी हुई है
लड़की - हाँ ये 1स्ट्रीट मोन्थ है हमारी शादी का
रत्ना- कहा के रहने वाले है आप
लड़की- जी हम लोग नोएडा के
रत्ना- अरे वाह हम लोग भी तो दिल्ली के है
लड़की- अच्छा
रत्ना- लो मैं तो तुम्हारा नाम ही पूछना भूल गई
लड़की- जी मेरा नाम पूनम है
रत्ना- मेरा रत्ना , ये मेरी भाभी है ये जेठ जी और ये इसकी बिटिया और ये मेरे हज़्बेंड है
पूनम- और ये है रितेश
रितेश- हाला एवेरिवन, नाइस टू मीट यू
रितेश ने बड़ी गहरी निगाहो से रत्ना को देखा जैसे पूछ रहा हो कैसा लगा मैं तुम्हे ..और रत्ना ने भी निगाहो मैं ही उत्तर दे दिया पूनम- हम लोग तो कल खजुराहो के लिए निकलने वाले थे अब तो 4 बज रहे है और मुझे लगता है कि 6 बजे से पहले हम महोबा न्ही पहुचेंगे और 5.30 के बाद अपपको महोबा से आगे जाने न्ही दिया जाएगा
सुरेश- क्यों ..मैने न्यूज़ मैं पड़ा था कि आज कल पोलीस कोमबिंग चल रही है उस एरिया मैं और एंपी से बाहर की गाड़ियाँ एंपी पोलीस साम को आने न्ही देती है तो आप लोग एसा करो आज महोबा मैं ही रुकते है कल हम लोग भी चलेंगे
सुरेश- भैया क्या कहते है ?
रमेश- चलो रुक जाते है कल चलेंगे क्या दिक्कत है रात मैं आराम भी मिल जाएगा थोड़ा
तभी एक ट्रक पास आकर खड़ा हुआ उसमे से ड्राइवर निकला और उसने गाड़ी का टाइयर चेंज करना स्टार्ट कर दिया 15 मिनूट बाद गाड़ी चलने को तैयार थी और अबकी बार न्यू कपल भी आगे आकर बैठ गया था न्यू कपल सुरेश के बिल्कुल सामने था जिसमे की पूनम की दोनो टाँगो के बीच सुरेश का पैर था और रत्ना की दोनो टॅंगो के बीच रितेश का पैर और रियल मज़ा तब आ रहा था जब ड्राइवर भरपूर ब्रेक लगा रहा था रत्ना जो जैसे भरा घड़ा थी और इंतज़ार कर रही थी कि कब गाड़ी खड़ी हो और केवल 10 मिनूट मिल जाए पूनम का तो हॉल खराब था सुरेश का घुटना पूनम के स्कर्ट के अंदर हो चुका था और लगभग पूनम की पुसी से टच हो रहा था दोनो ही इसका मज़ा ले रहे थे भाभी से ये बात च्छूपी न्ही थी लेकिन भाभी ना जाने क्यों मुस्कुरा रही थी ...थोड़ी देर बाद सब महोबा पहुच गये और ....वाहा 3 रूम लिए जिनमे एक मैं न्यू कपाल और एक मैं भैया -भाभी और एक मैं सुरेश रत्ना रुके.........
तीनो लोगो के रूम अगाल बगल मैं ही थे इसलिए आवाज़े आसानी से सुनी जा सकती थी लगभग 3 के तीनो ही " आराम " कर रहे थे और ड्राइवर अपनी गाड़ी मैं सो रहा था रत्ना अपपना भोग लगवाने के बाद थोड़ा एक्सट्रा मस्ती करना चाहती थी ...आज रत्ना को अपपनी कॉलेज पिक्निक याद आने लगी थी जब वो रात मैं अपपने टेंट से निकल कर अपपने अलग अलग बॉय फ्रेंड्स के पास जाती थी ...
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