RE: Chudai Kahani ये कैसा परिवार !!!!!!!!!
रमेश ने घुटने के बल बैठ कर उसकी योनि को अपपने मूह से गीला कर दिया और फिर से खड़ा होकर अपपना सामान हाथ मैं पकड़ कर भाभी के योनि द्वार पर रख कर एक धक्का लगाया और सत्त्त्त से अंदर और 15 -20 धक्के के बाद ही दोनो त्रप्त हो गये फिर रमेश ने रूम खोला और बाहर निकला तो रत्ना को गेट पर ही खड़ा पाया दोनो की नज़रे मिली और रमेश नहाने के लिए चला गया..........
रमेश के निपट लेनें के बाद भाभी खाली हो कर दुबारा किचन मैं पहुचि तो रत्ना ने पूछ ही लिया क्यों भाभी क्या हो गया था , बहुत देर लगा दी ....कही मूड मैं तो न्ही आ गई थी...भाभी झेन्प्ते हुए बोली "धत्टत्त"
फिर उसके बाद सब लोग रमेश भाभी सुरेश और रत्ना नाश्ते की टेबल पर इकट्ठा हुए और बातें होने लगी...रत्ना चोर नज़रो से रमेश को देख रही थी इन 2 दीनो मैं रत्ना की झिझक बहुत हद तक कम हो गई थी या ये कहो की सुरेश के प्लेबाय नेचर ने रत्ना तो थोड़ा बोल्ड कर दिया था....
रत्ना: सुनिए जी...क्यों ना हम लोग कही घूमने चले..
सुरेश: तुम्हे भी जाने क्या सूझ जाती है ...अब क्या टाइम है घूमने का और मेरे पास छुट्टी भी तो न्ही है
रत्ना- तुम्हारे पास तो कभी न्ही होगी तो क्या .आदमी काम किसलिए करता है घर वालो के लिए ना...
भाभी- अरे लाला जी [देवर को लाला जी कहते है ण.देहात. मैं]चलो ना हम लोग भी घूम लेंगे थोड़ा बहुत कहा टाइम ही मिल पाता है
रमेश- क्या तुम्हे भी ..कहा जाओगी
भाभी- ये तो रत्ना ही ब्ताएगी.बोलो रत्ना कहा चलॉगी
रत्ना- जी मैं तो खजुराहो जाना चाहती हूँ..
सुरेश- क्याआआआआआअ.......एसा कैसे हो सकता है...हम सब खजुराहो कैसे जा सकते है
भाभी- काहे लाला जी कजुराहो मैं एसा क्या है ....
सुरेश : अरे भाभी तुम न्ही जानती अभी ...भैया बताओ
रमेश- ले जाओ एक बार दिखा दो ..फिर भूल जाएँगी कहना
सुरेश- अरे भैया अप भी !!!!!!!!!!!!
रमेश- अरे चलो यरर चलते है [और रत्ना से नज़रे मिल गई तो जैसे सिग्नल ग्रीन हुआ]
सुरेश- लेकिन भैया रतनाआआ............
रत्ना- क्या रत्ना ..सब जाएँगे तो मैं क्या घर पर रहूंगी....
सुरेश - ओक ओकोकोक भाई चलो सब लोग चलो ..लेकिन फिर मुझसे ना कहना कि कहा ले आए हो
भाभी- हाँ न्ही कहेंगे तुमसे..
न्यू देल्ही से खजुराहो जाने के लिए झाँसी तक आना ही था फिर झाँसी से खजुराहो की ट्रेन मिलेगी
सुरेश ने 4 लोगो का झाँसी तक का रिज़र्वेशन लिया और झाँसी से खजुराहो तक का कोई रिज़र्वेशन न्ही मिला था तुरंत के लिए ..
घर आकर उसने शे-अर किया
सुरेश- आज रात को निकलते है ..सुबह 5 बजे तक हम झाँसी पहुच जाएँगे फिर झाँसी से आगे कोई कार रिज़र्व कर लेंगे खजुराहो तक के लिए
रत्ना - ओह्ह...जी आप कितने अच्छे हो
सुरेश ने मार्केट से ज़रूरत का कुछ समान लिया और 2 पॅकेट मूड्स कॉंडम भी लिए ....घर पर सारी तैयारियाँ पूरी हो चुकी थी ये लोग निकलने के लिए तैयार हो चुके थे सुरेश ने फोन करके रेडियो टॅक्सी को बुला लिया और समान लाद कर पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए निकल पड़े और 2न्ड एसी मैं जाकर अपपनी बर्थ देखी. लेकिन एक गड़बड़ हो चुकी थी सुरेश ने जब टिकेट बुक करवाए थे तब पहले भैया का नाम फिर रत्ना का नाम फिर भाभी का नाम फिर अपपना नाम लिखवाया था जिस वज़ह से रमेश और रत्ना आमने सामने और भाभी - सुरेश इनके पीछे वाले बर्थ पर बैठने की जगह मिल रही थी लेकिन क्योंकि चलो लोग घर के ही थे इसलिए अड्जस्टमेंट हो गया था रमेश अपपनी वाइफ के साथ और सुरेश अपपनी वाइफ के साथ जाकर बैठ गया था...ट्रेन ने जैसे ही पुरानी दिल्ली छ्चोड़ा तुरंत ही कोच अटेंडेंट आ गया और रमेश और भाभी का दरवाज़ा खटखटाया
सी.ए- नॉक ....नॉक
रमेश- कोन है
का- ट्रेन स्टाफ सर!!!!!
रमेश ने डोर ओपन किया और पूछा "जी कहिए "
का- टिकेट प्लीज़ सर..
रमेश- टिकेट मेरे भाई के पास है
का- हू ईज़ युवर ब्रदर सर प्लीज़ अस्क हिम हियर आंड शो मी युवर वॅलिड टिकेट
रमेश- वॅलिड टिकेट !! वॉट डू यू मीन मिस्टर !!! आप किस तरह से बात कर रहे है क्या पॅसेंजर्स से आप इस तरह से ही बात करते है
का- सॉरी सर ..युवर अरे टेकिंग मी इन रॉंग वे . इट ईज़ ऑल ऑफ माइ ड्यूटी आइ नीड टू चेक युवर टिकेट
रमेश - जस्ट वेट इअम कॉलिंग हिम हियर
रमेश उठ कर बगल मैं नॉक करता है... सुरेश पूछता है कॉन रमेश जवाब देता है मैं सुरेश दरवाज़ा ओपन करता है
सुरेश- हाँ भैया क्या हुआ ?
रमेश- अरे छ्होटे इन्हे टिकेट दिखाओ ...ये टिकेट माँग रहे है
सुरेश- 1 मिनूट सर मैं अभी लाया
सुरेश अंदर जाकर टिकेट ले आता है
सुरेश - ये लिज़िइ सर देखिए
का टिकेट देखता है ..और रमेश से पूछता है अपपका नाम क्या है सर
रमेश- जी मेरा नाम रमेश है
का- हूंम्म ...तो अपपके सामने तो मिसेज़ रत्ना होंगी ....
रमेश- जी न्न्न्नहिईीईईईई...आक्चुयली रत्ना मेरी बहू लगती है इसलिए वो मेरे सामने कैसे बैठ सकती है इसलिए हमने सीट एक्सचेंज कर ली है
का- सॉरी सर .. इट ईज़ नोट पासिबल ..
रमेश- क्या ?
का- सर आप एसा न्ही कर सकते मैं अपपको इसकी इजाज़त न्ही दे सकता क्योंकि दोसरे के नाम पर कोई दूसरा आदमी ट्रॅवेल न्ही कर सकता
रमेश- लेकिन जब दोनो पॅसेंजर्स तैयार है तो अपपको क्या प्राब्लम है
का- सॉरी सर फॉर सेक्यूरिटी रीज़न्स हम अपपको इसकी इज़ाज़त न्ही दे सकते ..अपपके रिश्तों से ज़्यादा रूल्स आंड टर्म्ज़ हमारे लिए इंपॉर्टेंट है
सुरेश- प्लीज़ सर समझने की कोशिस करिए
का - सर ये अपपको बुकिंग के समय ध्यान रखना चाहिए था. आइ आम वेरी सॉरी
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