RE: Chudai Kahani ये कैसा परिवार !!!!!!!!!
अब रत्ना होश मैं आई और सुरेश से बोली ..
रत्ना: सुरेश जी शाम को हम भी चलेंगे अपपके साथ स्टेशन भाभी को लेने
सुरेश : अरे डरो न्ही मेरी जान भैया साथ मैं है भाभी के साथ कुछ न्ही करूँगा
रत्ना: तुम हमेशा उल्टी बात क्यों कहते हो मैने अभी कुछ कहा है
सुरेश : तो तुम क्यों जाना चाहती हो , तुम क्या भैया को देखने जाओगी
रत्ना: ठीक है न्ही जाउन्गि बस, तुम खुश रहो अपपने घर वालो के साथ
सुरेश: अरे भाई चलो मुझे क्या प्राब्लम है
सुरेश मार्केट जाकर कुछ ज़रूरी समान लेकर आता है और तब तक रत्ना घर की साफ सफाई करके घर को ए- 1 ब्ना देती है . फिर रत्ना किचन मैं जाकर पकवान बनाने की तैयारी करने लगती है अपपने जेठ और जेठानी जी के लिए . पीछे से सुरेश आकर रत्ना को दबोच लेता है. और अपपने लिंग का अहसाह रत्ना के चूतड़ो पर करवाता जाता है
सुरेश : [आगे से रत्ना की पुसी सहलाते हुए] रत्ना आज बहुत खुश लग रही हो क्या बात है
रत्ना:मैं तो खुश हूँ लेकिन अपपका मूड फिर बन रहा है क्या
सुरेश : मेरा कब न्ही बना होता है मैं तो चाहता हूँ कि कभी काम पर ना जाउ...
रत्ना: लेकिन कल PVऱ वाली हरक़त.....
सुरेश: अरे सॉरी यार
फिर धीरे से साडी उपर करते ही नरम मुलयेम चूतड़ अपनी हथेलियों मैं भर लेता है और अपपनी उंगलियों से उनकी योंकि फांको को अलग अलग करते हुए शायद ये देखने की कोशिस कर रहा था की अपपनी कितनी गीली है.
रत्ना : क्या कर रहे हो जी, जो करना है करो फिर मैं काम ख़तम करू...खाना भी बनाना है . सब लोग आ रहे है
सुरेश : तुम करो अपपना काम मैं तो केवल पीछे खड़ा हूँ
रत्ना: केवल तुम न्ही खड़े हो कुछ और भी खड़ा है तुम खड़े रहो तो मुझे दिक्कत न्ही है लेकिन उसको खड़ा मत रहने दो न्ही तो बेचारा थक जाएगा ..
सुरेश : तो लो इसको चूस कर बैठा दो..
रत्ना: न्ही ... मुझे मूह न्ही खराब करना है अभी ...
सुरेश: परसो तो खूब चूस रही थी....
रत्ना: तब की बात और थी
सुरेश अब तक उसकी योनि को सहलाते सहलाते पूरी तर कर चुका था कि उंगलियाँ फिसलने लगी थी फिर उसने रत्ना की एक टांग उठा कर कमर से थोड़ा नीचे के ब्राबार अलमारी पर रखे जिससे उसका योनि द्वार पूरी तरह खुल गया और सुरेश ने अपपना लंड उसकी चूत के द्वार पर रखा और धीरे धीरे .........अंदर बाहर करने लगा .........
7 मिनट के "घुड़दौड़" के बाद सुरेश ने अपपने रस का पान रत्ना की योनि को करवा दिया और उसके पेटिकोट मैं अपपना लंड पोछ्कर साफ किया और बाहर आकर सो गया ...रत्ना ने भी काम क्रिया से निबट कर घरेलू काम निपटाए और सो गई .....
शाम को सुरेश ने सारी तैयारियाँ पूरी करने के बाद ट्रॅवेल एजेन्सी को कॉल करके एक रेडियो टॅक्सी हाइयर की और रत्ना के साथ बैठ कर मैं रैलवे स्टेशन के लिए रवाना हो गया . रास्ते भर दिल्ली के बेतरतीब ट्रॅफिक को देखते देखते रत्ना ऊब सी गई तो ड्राइवर से बोली , भैया क्या तुम्हारी कंपनी सीडी प्लेयर व्गारह न्ही रखती अपपनी कार मैं...
ड्राइवर : न्ही , मॅम एसी बात न्ही है , हमारी कंपनी अपपके एंटरटेनमेंट का पूरा ध्यान रखती है बट मोस्ट्ली हम टेप व्गारह न्ही ऑन करते है स्पेशली जब कपल हमारी गाड़ी मैं होते है , .
सुरेश : काफ़ी स्मार्ट हो ...
ड्राइवर : थॅंक्स सर लेकिन अपपके वर्ड्स के जगह हम अपपसे मिलने वाली टिप को ज़्यादा अच्छा थॅंक्स मानते है
सुरेश: अच्छा तब तो तुम्हारी गाड़ी मैं खूब कपल आते होंगे
ड्राइवर : सर बिज़्नेस सीक्रीट्स हम शेर न्ही करते .
सुरेश: अरे यार मेरे कहने का मतलब है कि अगर कपल्स कार मैं सूंचिंग करते है तो तुम्हे कोई ऑब्जेक्षन तो न्ही होता है ..कोई पोलीस का लेफ्डा तो न्ही होता
ड्राइवर : सॉरी , वी डोंट फोर्स और कस्टमर्स टू डू सो.. बट वी कॅन नोट स्टॉप अन्य वन सो.. एक सीक्ट्व अपपके जस्ट पीछे लगा होता है जिस पर अपपकी सारी आक्टिविटी रेकॉर्ड होती जाती है. अगर पोलीस हमसे कोई हेल्प मांगती है तो हम उसे इग्नोर न्ही करते..
सुरेश: तुम तो डरा रहे हो यार ........
ड्राइवर : नो सर मैं तो सच बता रहा हूँ
सुरेश: तो क्या तुम ये कॅमरा ऑफ न्ही करते किसी की रिक्वेस्ट पर...
ड्राइवर: नो सर.............
सुरेश: अगर स्पेशल टिप मिले तो....
ड्राइवर : सर कोई भी टिप मेरी जॉब से ज़्यादा कीमत न्ही रखती...
सुरेश: वूहू..........आइ लाइक दिस....
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