RE: Chudai Kahani ये कैसा परिवार !!!!!!!!!
विभा की फूली हुई चूत केउपर जब सुरेश की उंगलियाँ चली तो उसे लगा कि विभा ने कई मोन्थ से अपपनी पुसी शेव न्ही की है उसने धीरे से पॅंटी के उपर से हाथ डालकर उसकी चूत सहलाना स्टार्ट कर दिया चूत इतनी ज़्यादा गीली थी पूरी उंगलियाँ गीली हो गई और . विभा की क्लाइटॉरिस भी बिल्कुल गरम हो गई थी सुरेश के उंगली बाहर निकाली और अपनी नाक के पास लाकर सूँघा महक बहुत मादक ल्गी उसे फिर उसने वो उंगली विभा की नाक के पास लगाई विभा ने भी उसे सूँघा बहुत अच्छी लगी उसे फिर उसने वो उंगली रत्ना की नाक के पास की
रत्ना : कर ली अपपने मन की बस
सुरेश : तुम्हारी बहिन ही तो है क्या मस्त है यार
रत्ना: तुम्हारे मन की पूरी हो गई ना
सुरेश : आइ लव यू
इतना कह कर उसने रत्ना के लिप्स पर किस कर लिया और विभा की चूत पर फिर से हाथ फेरना स्टार्ट कर दिया विभा बहुत ही कोमल थी और एक बार फिर से बह गई .. लेकिन उसे बहुत मज़ा आया फिर वो लोग मूवी बीच मैं ही छ्चोड़ कर घर आ गये ...............
घर आकर रत्ना का मूह फूला हुआ था . विभा को मालूम न्ही था कि सुरेश ने रत्ना की चूत से निकली उंगली रत्ना के दिखाई थी. रत्ना मूह फुलाए हुए सारे काम निपटा रही थी लेकिन विभा को पता ही न्ही था कि दीदी नाराज़ क्यों है लेकिन रात मैं सब लोगो ने खाना खाया और फिर सोने केलिए चले गये....................
रत्ना के चेहरे पर केवल क्रोध ही क्रोध नज़र आ रहा था . पूरे टाइम उसने ना ही विभा और ना ही सुरेश से बात की खाना खाकर वो सोने के लिइए बेड पर लेट गई . जाते जाते विभा को बाते भी न्ही की उसे कहा सोना है . गुस्से की वज़ह से रत्ना रोती भी जा रही थी इसलिए चेहरा चादर के अंदर कर लिया था . और रोते रोते ही रत्ना कब सो गई उसे पता ही न्ही चला . सुरेश भी आकर रत्ना के बगल के बगल मैं लेट गया और विभा रत्ना की साइड लेट गई यानी सुरेश फिर रत्ना फिर विभा . लेकिन सुरेश की फॅंटेसी उसके पास ही थी वो मौका छोड़ना न्ही चाहता था . इसलिए आते हुए वो नीद की 2 टॅब्लेट्स ले आया था चुपके से उसने रत्ना के ग्लास मैं डाली थी इसीलिए रत्ना सो गई थी थोड़ी देर मैं विभा को भी नींद आ गई थी लेकिन सुरेश की आँखो मैं नींद का कोई निशान न्ही था उसने 2 बार धीरे धीरे रत्ना को उठाया लेकिन रत्ना सोती रही. जब उसे कन्फर्म हो गया तो उसने रत्ना को अपपनी जगह सरका कर खुद विभा के बगल मैं लेट गया और लेटने के बाद उसने धीरे धीरे विभा की हथेली सहलाना स्टार्ट कर दिया विभा सोती रही . फिर उसने उसके लिप्स के कई किस किए लेकिन विभा सोती ही रही जब कोई प्रतोरोध न्ही मिला तो सुरेश की हिम्मत थोड़ी बढ़ गई और उसने अपपनी 2 उंगली विभा के नाइट सूट के टॉप मैं डाल कर उसकी गोलाइयाँ सहलाने ल्गा . उसके निप्पल तक पहुचते पहुचते सुरेश पसीने पसीने हो गया था. थोड़ी देर तक सहलाने के बाद उसने अपपना हाथ बाहर निकाला और सूट के उपेर से बूब्स सहलाते हुए उसकी तुम्मी पर हाथ रखा और उसकी गहरी नेवेल को अपपनी उंगली से कुरेदता रहा . फिर अपपनी उंगली मूह मैं डाल कर गीली की और फिर उसकी नेवेल को गीला किया और देर तक संभोग की क्रिया जैसा कुछ करता रहा जैस्से कि नेवेल ना हो कर उसकी योनि हो. करीब 10 मिनूट के अंतराल के बाद उसने अपपना हाथ थोडा और नीचे लाया और धीरे ये विभा के सूट के नाडे को खोल दिया और धीरे धीरे उसकी पॅंटी पर हाथ फेरने लगा लेकिन विभा उसी अवस्था मैं सोती रही . फिर उसने पॅंटी को साइड से खिसकाते हुए अपपनी उंगली अंदर करनी सुरू कर दी जैसे कि वो उंगली ना हो कर उसका लिंग हो. करीब 5 मिनूट के बाद विभा ने उसका हाथ हटा दिया और बोली
विभा: ये क्या बदतमीज़ी है जीजू
सुरेश: मैने कैसी बदतमीज़ी की
विभा: आप ने एसे कैसे इतना सब कर दिया और जबकि दीदी पास मैं ही लेटी है, आप को शरम न्ही आई कि अगर उसकी आँख खुल जाती तो क्या सोचती वो मेरे बारे मैं .
सुरेश : तुम उसकी चिंता मत करो वो न्ही जागेगी. एक बार जब सो जाती है तो सुबह से पहले न्ही उठती है
विभा: लेकिन फिर भी अपपको शरम आनी चाहिए, मज़ाक की हद तक तो ठीक है लेकिन आप तो ये सब करने पर उतारू हो गये
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