RE: Chudai Kahani ये कैसा परिवार !!!!!!!!!
विभा: जीजू क्या कर रहे है , बहुत आवाज़ आ रही है
सुरेश: सर्विस कर रहा हूँ क्या है कि रात मैं मशीन ज़्यादा चलाई थी
विभा: कोन सी मशीन, आज कल रात मैं भी काम करने लगे क्या
सुरेश: रात मैं ही तो काम करता हूँ तेरी दीदी की मशीन पर
विभा: जीजू तुम फिर सुरू हो गये
सुरेश: क्या करू यार तुम्हे देख कर रोक न्ही पाता हूँ
विभा: तो पापा ने दी तो है एक अब क्या सब हमारे घर से ही लोगे
सुरेश: पापा ने अच्छी मशीन किसी और को दे दी मुझे ये दी है
विभा: जो मिला उसी मैं खुश रहा करो
सुरेश: यार मैं भी आ जाउ
विभा:छीईईईईईइ......................
ये कह कर विभा बाहर निकल आती है
विभा : आज सनडे है जीजू कहा ले चलेंगे . हम लोगो को PVऱ ले चलिए
सुरेश: ओके चलो तैयार हो जाओ साकेत चलते है
ओके.................................................................
सुरेश रत्ना और विभा तैयार होकर बस स्टॉप पहुचे और देखा तो कोई भी बस न्ही लगी हुई थी. टाइम भी हो रहा था साकेत की दूरी तो केवल 2 किलोमीटर थी लेकिन पैदल जाना मुश्किल था . सुरेश ने पास खड़े ऑटो वाले को बुलाया डेल्ली का ऑटोवाला भी दिलदार आदमी..
सुरेश : ऑटो , खाली हो क्या..
औूतोवला : हाँ भाई साब ब्ताओ कहा तक जाना है अपपको
सुरेश: यार साकेत तक चलना है PVऱ
ऑटो: आइए ...
सुरेश: पैसे बोलो कितने लोगे
औूतोवला : 150 रुपये दे देना भाई साब
सुरेश: यार साकेत यही बगल मे तो है ....150 रुपये..............
ऑटो वाला: पास मैं है तो एसे ही चले जाओ भाई साब
सुरेश: यार 100 ले लेना.चलो..........
ऑटो वाले बड़े गौर से विभा और रत्ना की ओर देखा , और प्यार से मुस्कुराया चलिए बैठिए..
ऑटो वाला भी कोई ड्राइवर न्ही लग रहा था गोरा चितता स्मार्ट था फिर वो ऑटो घुमा कर बोला बैठिए
सुरेश ने पहले रत्ना को बिठाया और फिर विभा की गंद मैं हाथ लगाते हुए बोला कि तुम भी बैठो यार ...नरम गंद पर स्पर्श पाते ही विभा मचल उठी. लेकिन हालत की नज़ाकत समझते हुए खामोश ही थी.
ऑटो वाला विभा और रत्ना को देखकर कुछ ज़्यादा ही मस्ती मैं आ गया था और इसलिए ट्रॅफिक रूल्स की मा चोद्ता चला जा रहा था ना सिग्नल ना ओवर्टेक ना साइड इसी आपाधापी मैं जब साकेत PVऱ सामने दिख रहा था वो एक बार विभा को देख लेने के लिए वो पीछे घूमा और उतनी देर मैं सामने से एक साइकल वाला आ गया जिसके ऑटो वाले ने टक्कर मार दी वाहा बवाल होने लगा और भीड़ बढ़ गई थी लोग ड्राइवर के साथ मारपीट करने लगे थे भीड़ मैं ही मौका उठा कर किसी ने विभा की गंद मैं उंगली डॉल थी . विभा तिलमिला उठी उस उंगली से . लेकिन लड़कियों के लिए जैसे नॉर्मल सी बात थी सुरेश ने किसी तरह उसे भीड़ से छुड़ाया और पिकेट पर बैठे पोलीस वालो को सूचना दी और पोलीस उसे पकड़ के ले गई . फिर सुरेश टिकेट विंडो पर चला गया टिकेट लेने के लिए और बिना किसी प्राब्लम के 3 टिकेट ले आया फिर वो तीनो हॉल मैं पहुचे और अपपनी सीट पर जाकर बैठ गये थोड़ी देर के बाद लाइट्स ऑफ हो गई और सुरेश को जैसे इसका ही इंतज़ार था
रत्ना सबसे किनारे थी फिर सुरेश फिर विभा .. इसलिए सुरेश विभा के साथ क्या कर रहा है ये रत्ना न्ही जान सकती थी और रत्ना के साथ क्या कर रहा है ये विभा को न्ही दिख सकता था हॉल बिल्कुल खाली था गिनती के 9 लोग थे ए++ क्लास मैं जिसमे 3 कपल थे और और 3 ये लोग मूवी स्टार्ट होते ही हॉल मैं डार्कनेस का साम्रज़या छा गया था कपल्स को तो शायद इसी का इंतज़ार था और पूरे हॉल मैं जैसे सब के सब गएब हो गये था कुछ भी न्ही दिख रहा था था लेकिन प्रोजेक्टर की लाइट से जो हल्की सी लाइट हुई थी उसमे रत्ना ने देखा कि सभी सिर अपपस मैं जुड़े थे . रत्ना को समझते देर न्ही लगी कि लोग क्या कर रहे है उसने भी अंधेरे का फ़ायदा उठाया और सुरेश के पॅंट पर हाथ रख दिया सुरेश तो जैसे इसी का वेट कर रहा था उसने रत्ना के हाथ को दबा दिया और दूसरा हाथ विभा के हाथ पर रख दिया. रत्ना ने उत्तेजना मैं भरकर सुरेश की पॅंट की ज़िप खोल दी और अंडरवेर के उपेर से महसूस किया कि सुरेश का पप्पू बहुत उततेज़ीत है उसने धीरे से अंदर हाथ डाला और सहलाने लगी. सुरेश रत्ना के हाथ पर हाथ रख कर उसे सहलाने मैं बिजी था
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