RE: Chudai Kahani ये कैसा परिवार !!!!!!!!!
मैं सच कह रहा हूँ
रत्ना ; लेकिन कब , कैसे, कहा,?
सुरेश: सब ब्ताउन्गा ..
रत्ना: तो ज़रूर तुमने अप्प्नि मम्मी और बहिन की भी देखी होगी?
क्वेस्चन सुनकर थोड़ी देर के लिए सुरेश सन्नाटे मैं आ गया........
सुरेश को सूझ ही न्ही रहा था कि क्या कहे . क्या अप्प्ने गुनाहो को कबूल कर ले या फिर उन्हे मानव इच्छाओ का नाम देकर अप्प्नि ग़लतियों को छुपा जाए लेकिन ज़्यादा देर तक चुप रहना भी मुमकिन न्ही था क्योंकि उत्तेजित रत्ना के प्रश्नो का ज्वाब देना उसके लिए पहाड़ साबित हो रा था.
रत्ना: बोला मेरी जान क्या तुमने मेरी सासू मा और ननद जी की भी देखी है?
बोलो , बोलो बोलो, बोलो ना राजा क्या हुआ ज़ुबान न्ही है क्या मूह मैं
सुरेश : हाँ देखी है .
शायद इस जवाब की उम्मीद न्ही थी रत्ना को ये सुनकर वो शोक्ड रह गई लेकिन उस वक़्त उत्तेजना का एसा खुमार था कि उल्टसीधा सब सही है. बस बोलते रहो
रत्ना: कैसे देखी और कितने बार
सुरेश: हज़रो बार !!!!!!!!1
रत्ना : क्याआआआअ
सुरेश: हाँ , हज़ारो बार देखी है.
रत्ना: उन लोगो ने कभी देखा न्ही
सुरेश: मैं न्ही जानता लेकिन मैने उन्हे देखने की पूरी व्यवस्था कर रखी थी
रत्ना: कैसे ?
सुरेश: मैने स्कूल टाइम मैं अप्प्नि पॉकेट मनी बचा कर एक स्पाइ केमरा खरीद रखा था और उसे अप्प्ने घर के टाय्लेट मैं लगा रखा था. सारे दिन की क्लीपिंग उसमे रेकॉर्ड होती थी और मैं रात मैं उन्हे आराम से अप्प्ने कंप्यूटर पर देखता था
रत्ना: मुझे बिलिव न्ही होता . तुम्हे स्पाइ केमरा के बारे मैं पता कैसे चला और कैसे खरीद सके .
सुरेश: तुम तो जानती ही हो कि मैं बचपन से ही कंप्यूटर का खिलाड़ी रहा हूँ जब लोग इंटरनेट का नाम भी बहुत कम जानते थे मैं तब से इसका शौकीन हूँ और पॉर्न साइट देख देख कर बहुत एक्शिटेड हो जाता था उसके बाद मे न्यूज़ साइट ओपन कर लेता था और लाइट ना आने पर नॉवेल्स रेड करता था उसमे भी मुझे सेक्स और स्पाइ एजेंट्स की नॉवेल्स ही अच्छी लगती थी जिसकी वजह से ये केमरा व्गारह के बारे मे मैं जान गया था
रत्ना: ओह माइ गॉड !!!!!!!!1, क्या तुम्हारे पास वो क्लिप्स अभी भी है
सुरेश : शादी के बाद मैने सारी क्लिप्स ख़तम कर दी थी क्योंकि अब मुझे इस सब कोई ज़रूरत न्ही थी
रत्ना: तो तुमने ननद जी की ली भी थी कभी ?
सुरेश: क्या जवाब दूं इस बात का !!!!
रत्ना : तुम्हारे इनकार ना करने को मैं तुम्हारा जवाब मान लूँ
सुरेश: कह सकती हो , लेकिन वो मैने उसे ब्लॅकमेल कर के ली थी
रत्ना: ब्लॅकमेल किस बात के लिए
सुरेश: एक बार मैने उसे अप्प्ने ड्राइवर के साथ बात करते हुए देख लिया था और हमारे घर मैं बात करना ही बहुत होता था. दीदी का क्या हाल होना था ये मैं बहुत अच्छी तरह से जानता था . क्योंकि मेरे दिमाग़ मैं तो बचपन से ही शैतान बसा था इसलिए मैने इस हरकत को भी अपने हक़ मैं इस्तेमाल किया और उसके साथ सेक्स किया .
रत्ना: दीदी ने इनकार न्ही किया ?
सुरेश : पहले तो मना करती रही लेकिन मेरे बहुत ज़ोर डालने पर तैयार ही गई
रत्ना: तुमने कैसे ली
सुरेश: तुम्हे सुननी है पूरी कहानी
रत्ना: हाँ अभी
सुरेश : लेकिन अभी मेरा ऑफीस जाने का टाइम है, रात मैं बात करेंगे
रत्ना: न्ही आज ऑफीस मत जाओ
सुरेश: आज मैं भी इसी मूड मैं हूँ लेकिन तुम जानती हो आज बहुत बड़ी डील होनी है ऑफीस मैं इसलिए मीटिंग मैं मुझे रहना होगा क्योंकि अगर ये डील सक्सेज हो गई तो मेरा सेलेक्षन "बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स" मैं हो जाएगा और 5 लाख मोन्थलि सल्लरी और सारे इन्सेंटीव्स मिलेंगे इसलिए आज प्लीज़ मैं जल्दी से जल्दी आने की कोशिस करूँगा और फिर रात को हम घूमने चलेंगे.
रत्ना: ओके
सुरेश: चलो एक बार फिर से मेरे मुँह पर पेशाब करो तुम्हारी अमृत धारा के स्वाद से तर होकर मैं शुभह काम पर निकलता हूँ.
इतना कहकर उसने रत्ना को अप्प्ने होंठ पर बैठा लिया जिससे रत्ना के चूत के लिप्स सुरेश के होठ पर आ टीके और रत्ना ने ज़ोर लगा लेकिन पेशाब तो प्रेशर पर ही निकलता लेकिन 2-4 बूंदे निकल ही आई
रत्ना- तुम्हारे लिए अभी प्रेशर न्ही बन पाया है जानू साम को तुम्हे अमृत धारा का टेस्ट कर्वौन्गि
फिर दोनो तैयार हुए सुरेश ऑफीस चला गया और रत्ना घर के छ्होटे मोटे काम निपटाने लगी.
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