RE: Chudai Kahani ये कैसा परिवार !!!!!!!!!
ये कैसा परिवार !!!!!!!!!--paart --3
गतांक से आगे .........................................
सुरेश के मोबाइल से आती रिंग से रत्ना की आँख खुली ...घड़ी देखा तो
9 बज रहे थे ...उफ्फ आज इतनी देर तक कैसे सो. रह गई रत्ना..शायद
कल रात का खुमार एसा था कि देर तक सोती रह गई रत्ना उसने सुरेश को
देखा सुरेश का "पप्पू" अभी जगा था ..शायद सुबह के नाश्ते का वेट
कर रहा था .. यू तो रत्ना को सुबह के वक़्त ये सब पसंद न्ही था लेकिन
कल के आक्षन से वो "कामुक शेरनी" बन गई थी जिसे अब केवल लंड
चाहिए था और शेरनी ने ताज़ा शिकार देख लिया था उसने धीरे से
सुरेश के अंडरवेर के उपेर से पप्पू को सहलाया जैसे कह रही हो "आज
तुझे भी नाश्ता दूँगी" लेकिन वो उठी और टाय्लेट चली गई वाहा उसने
जाकर पेशाब करने के लिए बैठा. की सोच. ही थी कि पीछे से सुरेश भाद्बाड़ा. कर
पहुच गया और बैठे बैठे ही दबोच लिया रत्ना को और कोई दिन होता
तो रत्ना इनकार कर देती लेकिन सुरेश के पप्पू के निमंत्रण को स्वीकार
करके बाथरूम मैं ही ठोकने का मन ब्ना लिए था रत्ना के बाथ रूम का
कोमोड़े वेस्टर्न स्टाइल का था लेकिन रत्ना उस पर देसी स्टाइल से ही बैठी
थी ब्तानने. की ज़रूरत न्ही है कि कैसे बैठी होगी. सुरेश ने उसे
टाय्लेट के कोमोड़े पर बैठा दिया और बाथरूम के फर्श पर खुद बैठ
गया फिर उसने रत्ना से कहा
सुरेश: रत्ना अब तुम पेशाब करो
रत्ना: मुझे शरम आती है
सुरेश: मुझसे ? शरम ????? क्या कह रही हो !!! अरे मेरी जान तुम्हारे
बाप से माँग कर लाया हूँ तुम्हे चोदने के लिए
रत्ना जो इस बातों की आदि हो चुकी थी इसलिए ध्यान दिए बिना बोली
"इससे तुम्हे क्या मज़ा आएगा"
सुरेश: जब लड़की की चूत से पेशाब निकलता है जो सीन देखने के
लिए मैं पागल रहता हूँ
रत्ना : कितनी लड़कियों की चूत देख चुके हो इस तरह
सुरेश : गुस्सओगि तो न्ही ना
रत्ना: पहले ब्ताओ तो
सुरेश : न्ही मैं बिना मतलब की महाभारत न्ही चाहता ?
रत्ना को भी एसी बात मैं मज़ा आने लगा था इसलिए बोली "न्ही गुस्सौन्गि
तुम ब्ताओ"
सुरेश : मैने तुम्हारी मम्मी , तुम्हारी छ्होटी बहन शिल्पा और शिव
की शालि विभा को पेशाब करते हुए देखा है
रत्ना की आँखें अस्चर्य से फटी रह गई वो समझ न्ही पा रही थी
सामने सुरेश है या कोई शैतान !!
रत्ना: क्या अंट शॅंट बोल रहे हो होश मैं न्ही हो क्या
पेशाब की सीटी {मूतने की आवाज़} को सुनकर मस्त सुरेश बोला "हाँ मेरी जा
|