RE: Chudai Kahani ये कैसा परिवार !!!!!!!!!
ये कैसा परिवार !!!!!!!!! पार्ट--2
गेट खटखटाने की आवाज़ सुनकर रत्ना घबरा जाती है कि क्या हो गया....और गेट खोलती है तो देखती है कि सामने 18 साल का लंबा तगड़ा लड़का खड़ा है शायद वो बहुत उत्तेजित हो गया था लंड शब्द ने उसको पागल कर दिया था ...
हे- आंटी अभी आपने क्या कहा था लंड ये लंड क्या होता है आंटी
रत्ना - क्या कहा मैने तो कुछ न्ही कहा तुम क्या कह रहे हो
हे- न्ही मैने मम्मी के मूह से भी सुना है बिट्टू {हिज़ नेम} अप्प्ना लंड मेरे इस छेद {होल} मैं डाल मेरे इस डंडे को ममी लॅंड कहती है क्या आपके पास भी है दिखाओ आंटी दिखाओ
रत्ना को समझ ही न्ही आ रहा था कि ये पागल क्या कह रहा है अप्प्नि मा के बारे मैं एसा होता तो है लेकिन पागल पड़के के साथ रत्ना को अप्प्ना समय फिर याद आने लगा कि कैसे उसके घर मैं क्या सब होता था लेकींन वो बाद मैं..
बिट्टू- आंटी दिखाओ अप्प्ना लंड कैसा होता है लंब बाल {हेर्स} वालो का लंड मैने आज तक न्ही देखा केवल मेरे दोस्तो का देखा है जो सब घर पर आते है और मम्मी को दिखाते है
अब रत्ना को थोडा मज़ा आने ल्गा उस पागल की बाते सुनकर
रत्ना - अच्छा कोन कोन से दोस्त आते है मम्मी के पास
बिट्टू- अनिल, महेश , किशोर और हाँ आपके सुरेश अंकल भी तो आते थे पहले अब यही रहने लगे
रत्ना को काटो तो खून न्ही वो सोचने लगी ये क्या सुरेश का चक्कर इस बुद्धिया [ओल्ड लेडी] से कोई जावन् चूत न्ही मिली थी क्या सुरेश को लेकिन उसने फिर पूचछा
रत्ना- बिट्टू ठीक से याद करो सुरेश अंकल न्ही हो सकते
बिट्टू- न्ही आंटी वो सुरेश अंकल ही थे .अब आप मुझे अपना लंड दिखाओ
रत्ना ने उसे बहलाने के लिए उसे ज़्यादा बोलना स्टार्ट कर दिया
रत्ना- हाँ दिखौन्गि लेकिन ये ब्ताओ सुरेश अंकल क्यों और कैसे आते थे
बिट्टू- अंकल आते थे और मम्मी मुझे सुला देती थी और दूसरे कमरे मैं चली जाती थी मम्मी ने अंकल को एक कार भी दिलवाई थी .अंकल उसी कार से आते थे
अब रत्ना को समझ आ रहा था कि जब रत्ना के पापा ने उसे अपना आलीशान घर रहने को दिया तो सुरेश ने क्यों इनकार कर दिया था और कई बार रात को सुरेश 5 से 20 मिनूट के लिए गायब हो जाता था
रत्ना - अच्छा बिट्टू किसी से कुछ मत बताना जो तुमने मुझे बताया है
बिट्टू - न्ही हा बता दूँगा
रत्ना- क्या ?
बिट्टू- हाँ अब अगर आपने मुझे अपना लंड न्ही दिखाया तो मैं सभी को बता दूँगा
रत्ना सन्न रह गई कि क्या कोई पागल लड़का भी ब्लॅकमेलिंग कर सकता है !!लेकिन शायद सेक्स मैं इतनी ही ताक़त है जो अच्छे अच्छे पागलो को समझदार ब्ना देता है . रत्ना को इस बात का बिल्कुल भी अंदाज़ न्ही था कि सुरेश के संबंध इस ओल्डलेडी से हो सकते है इसलिए उसका रात मैं अचानक गायब हो जाना उसे समझ न्ही आता था लेकिन बिट्टू की बातो ने हलचल मचा दी थी उसके सीने मैं. चोर कभी अपने बच्चे को चोर न्ही देखना चाहता ये ही हॉल रत्ना का था रत्ना की टीन एज जिन कार्नो से भरी थी वो जानने मैं तो काफ़ी वक़्त है लेकिन रत्ना को या किसी भी चूत वाली मालकिन को ये कैसे बर्दास्त होता कि उसस्के हिस्से का लंड कोई और खाए ..रत्ना इस बात की सच्चाई परखना चाहती थी लेकिन बिट्टू की ब्लॅकमेलिंग उसे परेशान कर थी कि कही इस पगले ने सब कुछ बता दिया तो दोनो सतर्क हो जाएँगे और फिर सक्चाई कभी पता न्ही चल पाएगी इसलिए रत्ना ने एक त्वरित निर्णय लिया कि वो बिट्टू को वो जगह दिखाएगी और समझाएगी कि वाहा कोई लंड जैसी चीज़ न्ही होती.
रत्ना - ठीक है बिट्टू लेकिन किसी से कुछ मत कहना और चूना मत जब मैं दिखाउ समझे
बिट्टू- ठीक है
रत्ना - तो दरवाज़ा बंद करो
बिट्टू ने जल्दी से दरवाज़ा बंद कर दिया और रत्ना ने सर्माते हुए मॅक्सी थोडा उपर की लेकिन फिर गिरा दी शायद नारी लज़्ज़ा उसे और उपर न्ही जाने दे रही थी 5 बार इस तरह करने से शायद बिट्टू का सबर जवाब दे गया
बिट्टू- ये क्या कर रही है दिखाओ ना चलो हटो मैं खुद देख लेता हूँ
और रत्ना को बिना मौका दिए उसने मॅक्सी उपेर कर दी ओए वाहा चिकनी सपाट जगह देख कर वो चौक गया . रत्ना का शरम से बुरा हॉल था आप लोग तो जानते ही होंगे कि घरेलू लड़की चाहे जितने अलग अलग मर्दो से चुदवाये लेकिन हर नये मर्द के सामने वो कुँवारी कन्या ही बनती है कॉलेज हूर रत्ना का नेचर भी कुछ वैसा ही था
बिट्टू- ये क्या अप्प्के तो बॉल न्ही है ममी के तो खूब सारे बाल है और मम्मी की सिकुड़ी सिकुड़ी लंड है. आपकी तो बहुत अच्छी है ये कहते हुए उसने रत्ना की चूत मैं उंगली डाल दी .
अचानक हुए इस वार से रत्ना बौखला गई क्योंकि उसने साफ मना किया था बिट्टू को कि वो च्छुएगा न्ही लेकिन ये वो समझ न्ही सकी कि मर्द तो मर्द होता था गढ्ढा देख कर डंडा कब मानता है अगर एसा होता तो शायद भारत की आबादी इतनी ना होती हमारे हिन्दुस्तान मैं अनपढ़ हो या पागल वो 2 काम ज़रूर जानते है पैसे गिनना और चूत मारना ...मज़बूत हाथ पड़ने से रत्ना बुरी तरह भीग गई थी क्योंकि पागल ही सही लेकिन था तो लंड वाले का ही हाथ ना......
उस पागल बिट्टू के हाथ ने जैसे जादू कर दिया पागल ही सही था तो एक मर्द ही और रत्ना जैसी कमतूर लड़की को सिग्नल ही काफ़ी होता है लेकिन यहा तो कॉनट्रॉल रूम ही हाथ आ गया था और ये पागल उसकी कामभावना शांत कर सकता था रत्ना ने धीरे से पागल का हाथ पकड़ कर अप्प्नि चिकनी चूत पर फिराया अबकी बार चौकने की बारी बिट्टू की थी बिट्टू ने तुरंत अप्प्ना हाथ पीछे खींच लिया ...छी कितना गीला है
रत्ना - ये गीला होता है जब अच्छा होता है तो गीला होता है
बिट्टू - अच्छा ,, लेकिन मम्मी की तो गीली न्ही होती है है
रत्ना- अरे वो बूड्दी है उसकी क्या गीली होगी उसका सारा पानी सूख गया है
इस तरह के उल्टे सीधे ज्वाबो के उत्तर देती रही रत्ना और अपना काम भी करवाती रही तभी बिट्टू की मम्मी की आवाज़ आगाई
एमेम- बिट्टू कहा है. रत्ना बिट्टू तुम्हारे पास है क्या
रत्ना- बिट्टू किसी से कुछ मत ब्ताना फिर कुछ और बताउन्गी और दिखाउन्गी समझे
बिट्टू- ठीक है न्ही बताउन्गा
एमेम- बिट्टू..........................
बिट्टू- हाँ मम्मी
एमेम- कहा हो बेटा
रत्ना- कुतिया कितनी बड़ी रॅंडी है साली अपने लड़के से छी छी.......
बिट्टू - मैं टाय्लेट मैं हूँ
एमेम- जल्दी से आ जाओ जल्दी से {अभी तो इसका खड़ा होगा थोड़ा मज़ा ले ले}
बिट्टू- आता हूँ
एमेम- आओ बेटा आओ रूम मैं
एमेम- चलो बेटा सो जाओ समय हो गया है
बिट्टू- न्ही अभी मुझे दोस्तो के पास जाना है
एमेम- [धीरे से लंड पर हाथ ल्गा कर साइज़ चेक कर लेती है] न्ही बेटा अभी लेट जा फिर जाना मैं लाइट बंद कर देती हूँ
बिट्टू - ठीक है
मकान मालकिन लाइट बंद कर देती है और दोनो एक ही बिस्तर पर लेट जाते है.
एमेम- बिट्टू पॅंट उतार दो अप्प्नि न्ही तो पैर मैं दर्द होगा
बिट्टू - ओके लो............
ये कह कर बिट्टू पॅंट उतार देता है और बिट्टू का बड़ा सा लॅंड अंडरवेर मैं महसूस करती है फिर लेट जाती है
मकन्मल्किन धीरे से उसका लॅंड सहलाने लगती है और जैसे ही पूरा खड़ा होता है उसकी पॅंट अंडरवेर नीचे उतार कर 69 की पोज़िशन मैं आ जाती है और बहुत एक्शिटेड होकर लंड चूस्ति है 2 मिनूट मैं ही बिट्टू झाड़ जाता है और एमेम उसका पूरा वीर्या मलाई की तरह गटक जाती है और दोनो सो जाते है एक पति और पत्नी की तरह ......
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