RE: Antarvasna प्यार की खुजली
प्यार की खुजली-4
जीतू ने उसके निपल्स अपनी उंगलियों मे पकड़ लिए और बोला ?दीदी देखो ना
कितने कड़क हैं.? नीता के शरीर मे हवस की ल़हेर दौड़ गई लेकिन उसे पता
नही क्यूँ किसी चीज़ ने रोक दिया. उसने उसका हाथ अलग किया और ?तू जा?
कहते हुए वो अपना काम करने लगी. जीतू बेमन से चला गया.
वहाँ जब बस मे रमेश और कमला गये तो भीड़ के कारण दोनो के शरीर चिपक गये.
रमेश को पता ही नही चला कब उसका लंड कमला की गांद से चिपक गया. उससे
कुच्छ समझ आता तब तक तो उसका लंड कड़क हो चुक्का था. कमला उसके लंड को
महसूस कर रही थी अपनी गांद पर और मन ही मन मुस्कुराते हुए एंजाय कर रही
थी. रमेश भी कुच्छ देर बाद एंजाय करने लगा अपनी सास की गांद का कोमल
स्पर्श. जब जब बस हिलती वो लंड उसकी गांद की दरार मे दबा देता. कमला की
तरफ से भी कोई ऑब्जेक्षन या मूव्मेंट ना देख कर रमेश ने धीरे से अपना हाथ
उसकी कमर पे रख दिया और धीरे धीरे उपर ले गया. अपनी उंगलियों से उसके
मम्मो पर दबाव डाल कर एंजाय करते हुए उसने अपना लंड बुरी तरह कमला की
गांद पे टेक दिया और अपना पानी निकाल दिया. कमला ने भी पूरा साथ दिया और
पिछे गांद दबा कर उसके लंड को पूरा मज़ा दिया. तभी स्टॉप आ गया और दोनो
उतर गये.
स्टेशन पर दोनो थोड़ी देर बेंच पर एक दूसरे के करीब बैठ गये. लेकिन ट्रेन
जब लेट आने की अनाउन्स्मेंट हुई तो कमला आ गई. दोनो मन ही मन कुच्छ चाहते
थे पर कह ना पाए....
जब उनकी मा वापस आई और नीता के कमरे मे गई तो देखा नीता सिर्फ़ पेटिकोट
पहेन कर सो रही थी. उसके उभारों को देख कर कमला हैरान रह गई. कुच्छ ही
महीनों मे उसकी बेटी लड़की से औरत बन गयी थी. उसके उपर नीचे होते हुए
वक्ष और खड़े हुए निपल्स देख कर उसे हैरानी भी हुई और खुशी भी. वो समझती
थी कि ऐसी भरी हुई औरत ही अपने पति को खुश रख सकती है.उससे क्या पता था
कि उसकी लड़की पूरी फॅमिली को खुश कर रही थी?.
शाम को नीता सिर्फ़ ब्लाउस पहेन कर बाहर आ गई. उसके पतले ब्लाउस मे से
उसके निपल्स झाँक रहे थे. उसका पेटिकोट नाभि से एक इंच नीचे था. उसका पेट
सपाट और चिकना चमक रहा था. उसकी मा उसे देख कर खुश हो गई. ?आप इतनी गर्मी
मे ये सारी क्यूँ पेहेन्ति हो.? नीता ने पुछा. ?आदत हो गयी है, तू कहती
है तो उतार देती हूँ? ये कह कर कमला ने अपनी सारी उतार दी. नीता ने अपनी
मा के वक्ष और नाभि को गौर से देखा. उसकी मा के अंदर का सेक्स छलक रहा था
उसके छ्होटे ब्लाउस मे से.
तभी जीतू आ गया. उन दोनो को इस अवस्था मे देख कर उसका लंड खलबली करने
लगा. जब वो खाना खाने बैठा तो नीता के लटकते हुए आम देखने के लिए बार बार
कुच्छ माँग लेता. नीता समझ रही थी और जानबूझ कर उसके सामने झुकती. उससे
जीतू को तड़पाने मे मज़ा आ रहा था.
रात को जब जीतू मा को चोद रहा था उसके मुँह से आख़िर निकल पड़ा ?मा दीदी
अब कितनी सेक्स से भरी हुई लगती है ना??. कमला बोली ?तुझे मना किया है ना
नीता के बारे मे ग़लत सोचने से, खबरदार!? और तब तक जीतू का वीर्य उसकी
चूत मे आ गया. वो कमला की बगल मे सो गया और उसके निपल से खेलते हुए बोला
?मा, दीदी को हमारे बारे मे सब पता है. शादी से पहले से ही. आज मैने उसके
मम्मे भी दबाए.लेकिन फिर उससने मुझे कुच्छ करने नही दिया. मा मुझे दीदी
के साथ करने दे ना? एक बार सिर्फ़?तू उससे मना ले प्लीज़??.
कमला परेशान हो गई ये सुन कर. फिर उससने सोचा कि अगर नीता को ये सब पता
है तो उसे भी जीतू से चुदवाने दे ताकि वो किसिके सामने मुँह ना
खोले.?लेकिन तू वही करना जो मैं कहूँगी, एक कदम भी नही, समझा??. ?बिल्कुल
समझा? कहते हुए खुशी से जीतू ने मा की पप्पी ले ली.
अगले दिन कमला नीता के कमरे मे गई और उसके साथ बात करने लगी. प्लान के
मुताबिक जीतू भी आ गया और मा की गोद मे सर रख कर लेट गया. उसने अपने पैर
नीता की जांघों पर रख दिए. कुच्छ देर बाद वो उल्टा हो गया और अपना सर
नीता की गोद मे रख दिया. नीता सोच मे पड़ गई क्या करे. चुपचाप बैठी रही.
जीतू धीरे से उसकी जांघों के बीच मे आ गया. अब धीरे से उसने करवट बदली और
नीता की चूत पे होंठ रख दिए. नीता की हालत खराब हो रही थी. एक तरफ वो
सेक्स के लिए गरम हो रही थी दूसरी तरफ मा के सामने कुच्छ कर भी नही पा
रही थी.
अचानक कमला उठ कर अपने कमरे मे चली गई. उसके जाते ही जीतू ने नीता का एक
आम पकड़ लिया. नीता ने उसका हाथ पकड़ लिया और धीरे से बोली ?मा देख लेती
तो??. जीतू समझ गया मामला गरम है. ?मा के सामने थोड़े ही पकड़ा था? ये
कहते हुए जीतू ने उसका ब्लाउस खोल दिया और उसकी एक निपल अपने होठों के
बीच डाल दी. नीता सिर्फ़ देखती ही रह गई. इतनी हिम्मत तो नितिन या उसके
ससुर ने भी नही की थी. ? रुक ज़रा? कहते हुए नीता गई और डोर बंद कर के
वापिस आई .
ले चूस? कहते हुए नीता ने अपना ब्लाउस उतार फेंका और निपल उसके सामने रख
दिया. जीतू ने उससे अपने उपर खींच लिया और उसका निपल चूसने लगा. नीता उस
पर लेटी हुई अपनी चूत को उसके पेट की गर्मी देती रही. जीतू उसकी गांद
दबाने और सहलाने लगा. ?दीदी आपकी गांद कितनी कड़क है? कहते हुए अपनी एक
उंगली से उसकी दरार मे घिसने लगा.नालयक कहीं का? कहते हुए नीता ने उसे चूम लिया. ?दीदी आप सिर्फ़ एक आदमी
से कैसे खुश रह सकती हो? आपका मन नही करता दूसरों से चुदवाने का?? जीतू
ने ये कहते हुए उसका नाडा खोल दिया और पेटिकोट नीचे खिसका दिया. ?तू भी
तो सिर्फ़ मा से खुश है?? नीता ने उल्टा सवाल किया. ?दीदी मा को पता नही
लेकिन मैं अपनी पड़ोसन रानी को भी चोद चुका हूँ. और आप??. नीता मुस्कुरा
उठी उसकी बात सुन कर. ?मैं तो अपने पति के साथ ही खुश हूँ? कहते हुए
उससने दूसरा निपल उसके होठों मे डाल दिया. जीतू को क्या पता था उसकी दीदी
ने अपने ससुर को भी नही छ्चोड़ा था.........जीतू उसके निपल को चूस्ते हुए उसकी गांद मे उंगली डालने लगा. नीता ने
धीरे से अपना पेटिकोट उतार दिया ओर अपनी टाँग फैला दी ताकि जीतू उसके छेद
को पूरा एंजाय कर सके.
जब जीतू का लंड नीता के लिए बेकरार हो गया तो उसने नीता को धीरे से हटाया
ओर बिस्तर से नीचे उतार कर नंगा हो गया. नीता उसके सामने टाँग चौड़ी कर
के अपनी चूत खोल कर बोली ?आज सिर्फ़ देख ले. इसका भोग कल लगाने को
मिलेगा?. जीतू सीधा उसकी टाँगों के बीच गिर गया और उसके होंठ चूसने लगा.
उसका लंड नीता की चूत से जैसे चिपक गया था.
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