RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--19
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
गतांक से आगे........................
चुदाई फुल स्पीड से चल रही थी. मैं उछल उछल के उसके क़ुतुब मीनार जैसे लंड पे अपनी चूत मार रही थी. उसके लेग्स
फोल्डेड थे. मेरे चूतड़ उसके थाइस से लग रहे थे. मेरे बॉल सेक्सी स्टाइल मे उड़ उड़ के मेरे मूह के सामने आ रहे थे. मैं ज़ोर ज़ोर से उछल रही थी. मेरे उछलने से कभी तो पूरा लंड चूत के बहेर तक निकल जाता और जब मैं ज़ोर से उसके लंड पे बैठ ती तो उसका लोहे जैसा लंड घचक से मेरी चूत मे घुस के मेरी बच्चे दानी से टकरा ता तो मेरे बदन मे बिजली सी दौड़ जाती और मैं काँपने लगती. एक टाइम तो ऐसे हुआ के मैं जब उछल रही थी तो उसका पूरा लंड मेरी चूत के बहेर निकल गया और जब मैं ज़ोर से उसके लंड पे बैठी तो उसका लंड थोड़ा सा अपनी पोज़िशन से हिल गया और उसका मूसल लंड मेरी चूत मे घुसने के बजाए मेरी गंद मे घुस्स गया. मेरी गंद के होल को पता ही नही था के रॉकेट लंड मेरी गंद मे घुसे गा इसी लिए गंद के मसल्स रिलॅक्स और अनप्रिपेर्ड थे और एक दम से पूरे का पूरा लंड मेरी टाइट गंद मे घुसते ही मेरी चीख निकल गई ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ ऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईई माआआआआआआआ पर अब क्या हो सकता था लंड तो गंद मे घुस ही चुका था मैं थोड़ी देर ऐसे ही उसके लंड को अपनी गंद मे रखे रही और जब मेरी गंद उसके लंड को अपने अंदर अड्जस्ट कर चुकी तो मैं उछल उछल के अपनी गंद मरवाने लगी. अब उसका लंड मेरी गंद मे आसानी से घुस रहा था. वो फुल स्पीड से मेरी टाइट गंद मार रहा था. कभी कभी मे रुक के अपनी चूत को उसके नवल एरिया से रगड़ती थी और मैं फिर से झड़ने लगी और उसका लंड भी मेरी गंद के अंदर फूलने लगा और आरके ने अपनी गंद उठा के अपना मूसल लंड मेरी गंद मे पूरी अंदर तक घुसा के उसने भी अपनी क्रीम मेरी गंद के अंदर ही निकाल दी. मैं भी झाड़ चुकी थी और मदहोश हो के उसके बदन पे गिर पड़ी. हम दोनो एक दूसरे से लिपट गये और पता नही कब हमारी आँख लग गई और हम एक दूसरे से लिपटे हुए नंगे ही सो गये. इतनी ज़बरदस्त सॅटिस्फॅक्ट्री चुदाई के बाद नींद भी बोहोत मस्त आई. सुबह मे सारे बदन मे मीठा मीठा सा दरद हो रहा था और फुल चुदी हुई लड़कियो को पता ही होगा के ऐसी मस्त चुदाई के बाद जो बदन मे दरद होता है वो कितना मीठा होता है बार बार अंगड़ा लेने का मंन करता है और ऑटोमॅटिकली मूह पे चुदाई का सोच सोच के मुस्कुराहट आती रहती है और कुछ ऐसा ही मेरे साथ भी हो रहा था मुझे बोहोत ही अछा लग रहा था.
मे सुबह जल्दी ही उठ गई और देखा तो आरके के उठने से पहले ही उसका लंड उठ चुका था उसका मॉर्निंग एरेक्षन देख के मैं मुस्कुरा दी और उसके हिलते हुए लंड को अपने हाथ मे पकड़ के पूछा क्या यह अभी भी भूका है सारी रात तो चोद्ता रहा मुझे और अब फिर से अकड़ गया तो वो आँखें बंद किए हुए
मुस्कुराया और बोला के ऐसी प्यारी चूत मिले तो यह रात दिन खड़ा ही रहे और फिर हम दोनो हँसने लगे.
दोनो नंगे हे थे और उसने मुझे अपने ऊपेर खेच लिया और एक बार फिर से मुझे चोद डाला. मॉर्निंग के फर्स्ट चुदाई मे भी एक अजीब बात होती है जल्दी कोई भी नही झड़ता तो यह चुदाई भी बोहोत देर तक चलती रही उसका लोहे के मूसल जैसा लंड मेरी चूत को चोद चोद के भोसड़ा बनाता रहा और तकरीबन आधे घंटे की फर्स्ट क्लास चुदाई के बाद हम दोनो झाड़ गये और कुछ देर तक ऐसे ही नंगे एक दूसरे से लिपट के लेटे रहे ईक दूसरे को पॅशनेट किस करते रहे कभी वो चुचिओ को चूस्ता रहा और कभी मैं उसके लंड को ऐसे दबा ती रही जैसे मुझे और चुदाई करनी है ऐसे लंड से और लंड पकड़ के सिसकारियाँ भरती रही.
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