RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--18
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
गतांक से आगे........................
उसके धक्के अब स्लो होने लगे और अभी भी उसका लंड अंदर ही था वो मेरे सीने पे गिर गया जिस से मेरी चुचियाँ दब गई. थोड़ी देर ऐसे ही लेटा रहा उसका लंड अभी अंदर ही था. जब मेरा झड़ना ख़तम हुआ और मेरी साँसें ठीक हुई तो देखा के अभी तक उसका लंड मेरी चूत के अंदर ही घुसा हुआ है और वैसे ही तना हुआ है लोहे जैसा सख़्त. उसकी क्रीम निकल ने से भी लंड नरम नही हुआ था. थोड़ी ही देर मे उसकी साँसें भी ठीक हो गई और फिर उसने मेरे मूह मे अपनी ज़बान डाल दी
और हम एक दूसरे की ज़बान को चूसने लगे. कमरे मे अभी भी वॅक्स कॅंडल जल रही थी धीमी रोशनी बोहोत अछी और रोमॅंटिक लग रही थी. मैं ने गौर किया है के रूममे अगर अंधेरा हो तो लड़की मे शरम नही रहती और वो हर तरीके से चुदवा सकती है और वो भी कर लेती है जो वो लाइट खुली होने पे नही कर सकती. कुछ यही हाल मेरा भी था मेरे पास अब कोई शरम बाकी नही थी ऐसा लग रहा था जैसे अंधेरा हो तो सारी दुनिया मे बस हम दो ही आदमी है और कोई नही फिर चाहे जिस तरह से चुदाई हो लंड चूस लो या अपनी चूत चटवा लो कोई फरक नही पड़ता.
आरके मेरे ऊपेर ही लेटा हुआ था और उसका आकड़ा हुआ सख़्त लंड अभी भी मेरी चूत के अंदर घुसा हुआ था. उसका लंड मेरी चूत के अंदर ऐसे फिक्स बैठा था जैसे बॉटल के ऊपेर कॉर्क और लंड अंदर ही रहने की वजह से हमारी दोनो की क्रीम भी मेरी चूत के अंदर ही फँसी हुई थी बहेर नही निकली थी. हम दोनो किस कर रहे थे और वो मेरी चुचिओ को मसल रहा था निपल्स को अंगूठे और उंगली से मसल रहा था. थोड़ी ही देर मे उसने मेरी चुचिओ को चूसना शुरू कर दिया जिस से मेरी चूत मे फिर से खुजली होने लगी और बदन मे बिजली सी दौड़ने लगी. पर उसका इरादा तो कुछ और ही था उसने एक ही मूव्मेंट मे अपना लंड मेरी चूत मे से बहेर निकाल लिया और इस से पहले के मेरी क्रीम से भरी चूत मे से क्रीम ओवरफ्लो होने लगती, वो पलट गया और अपनी दोनो टाँगें मेरे सर के दोनो तरफ रख के 69 की पोज़िशन मे आ गया और मेरी चूत को चाटने लगा. उसके लंड से हम दोनो की मिक्स क्रीम टपक कर मेरे मूह पे गिर रही थी तो मैं ने मूह खोल दिया और उसके हम दोनो की मिक्स क्रीम से भीगे हुए लंड को अपने मूह मे ले के चूसना शुरू कर दिया. बहुत ही टेस्टी था उसका लंड ऐसे लग रहा था जैसे मैं कोई शेहेद (हनी) चूस रही हू.
हम दोनो एक दूसरे की मिक्स क्रीम का टेस्ट कर रहे थे. उसका लंड तो अभी तक नरम नही हुआ था बल्कि मेरे चूसने से उसका लंड और भी ज़ियादा अकड़ गया था और अब वो मेरे मूह को चोद रहा था और साथ मे मेरी चूत को चाट रहा था.
ज़बान फोल्ड कर के मेरी चूत के अंदर बहेर कर के चोद रहा था. मेरी चूत का सुराख इतने बड़े और मोटे लंड से चुदने के बाद बड़ा हो गया था जिसके अंदर उसकी ज़बान आसानी से अंदर बहेर हो रही थी और मुझे ऐसे लग रहा था जैसे ज़बान से चोद रहा हो और मेरी क्लाइटॉरिस को काटने लगा तो मैं झड़ने लगती इतनी मस्ती मे आ गई और गरम हो गई के उसके लंड को बोहोत ही ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और वो भी अपनी गंद उठा उठा के मेरे मूह को चोदने लगा. उसने जब मेरी पूरी चूत को
अपने मूह मे ले के काटा तो मे कापने लगी और बोहोत ज़ोर से झाड़ गई और चूत से जूस निकलने लगा और मैं कुछ ज़ियादा ही मस्ती से उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और मुझे महसूस हुआ के उसका लंड मेरे मूह मे ही और ज़ियादा ही मोटा हो रहा है तो मैं समझ गई के अब उसकी क्रीम भी निकलने वाली है और उसी वक़्त उसने अपने लंड को मेरे थ्रोट मे पूरी अंदर तक घुसा दिया जिस से मेरी आँखें बहेर निकल आई और साँस बंद होने लगी और उसके लंड से मलाई की गाढ़ी गाढ़ी (थिक) पिचकारियाँ निकलनी शुरू हो गई और डाइरेक्ट मेरे थ्रोट मे गिरने लगी और उसके लंड मे से मलाई निकलती ही चली गई निकलती ही चली गई और इतनी बोहोत निकले के मुझे लगा जैसे मेरा पेट उसकी क्रीम से ही भर जाएगा पता नही इतनी क्रीम कैसे निकली उसके लंड से.
हम दोनो झाड़ चुके थे दोनो के जूस निकल चुके थे दोनो गहरी गहरी साँसें ले रहे थे उसका लंड मेरे मूह मे ही था और उसका मूह मेरी चूत पे. अब उसका लंड मेरे मूह मे थोड़ा थोड़ा नरम हो गया था पर अभी भी सख्ती थी उसके यंग लंड मे. थोड़ी ही देर के बाद मैं ने उसको अपने ऊपेर से हटा दिया और वो नीचे मेरे बाज़ू मे लेट गया. हम दोनो करवट से लेटे थे और अभी भी मेरा मूह उसके लंड के सामने था और मेरी चूत उसके मूह के सामने. मैं ने उसके लंड से खेलना शुरू कर दिया और उसने मेरी चूत मे उंगली डाल के क्लाइटॉरिस को मसलना शुरू कर दिया. उसका लंड एक ही मिनिट के अंदर फिर से क़ुतुब मीनार जैसे खड़ा हो गया तो मैं ने उसको सीधा लिटाया और उसके ऊपेर चढ़ गई और उसके मूसल लंड को पकड़ के अपनी चूत के होल पे अड्जस्ट कर के बैठने लगी. गीली चूत और गीला लंड धीरे धीरे अंदर घुसने लगा. उसका मूसल जैसा लंड मेरी चूत मे घुसता हुआ बोहोत मज़ा दे रहा था मैं पूरी तरह से उसके लंड पे बैठ गई और उसका लंड जड़ तक मेरी चूत मे घुस्स चुका था. मेरे मूह से मस्ती की सिसकियाँ निकल रही थी. अब मैं ने उसके लंड पे उछलना शुरू कर दिया जिस से मेरी चुचियाँ उसके मूह के सामने डॅन्स कर रही थी. मैं उसके लंड पे ऐसे सवार थी जैसे जॉकी हॉर्स रेसिंग के टाइम पे घोड़े पे सवार होता है. उसने मेरी चुचिओ को पकड़ के मुझे अपनी तरफ झुकाया और चूसने लगा. अभी हम मस्ती मे चुदाई कर रहे थे के रूम मे जलती वॅक्स कॅंडल ख़तम हो गई थी और कमरा एक दम से अंधेरा हो गया था पर हमारा ध्यान तो चुदाई मे था मैं उछाल उछाल के उसके लंड पे बैठ रही थी और उसका लंड मेरी चूत के बोहोत अंदर तक घुस रहा था..
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